Uttarakhand Tunnel Latest News : उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में पिछले दो सप्ताह से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए की जा रही ड्रिलिंग के दौरान मलबे में फंसे अमेरिकी ऑगर मशीन के शेष हिस्से भी सोमवार तड़के बाहर निकाल लिए गए ।
ऑगर मशीन के शेष बचे हिस्से भी मलबे से निकाले गए, 30 नवंबर तक सुरंग से बाहर निकल सकते हैं मजूदर!
उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में पिछले दो सप्ताह से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए की जा रही ड्रिलिंग के दौरान मलबे में फंसे अमेरिकी ऑगर मशीन के शेष हिस्से भी सोमवार तड़के बाहर निकाल लिए गए ।
ADVERTISEMENT
Uttarakhand Tunnel Latest Update
27 Nov 2023 (अपडेटेड: Nov 27 2023 11:15 AM)
पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने यहां बताया कि फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अब हाथ से ड्रिलिंग की जाएगी। सुरंग के सिलक्यारा छोर से 25 टन वजनी अमेरिकी ऑगर मशीन के जरिए चल रही क्षैतिज ड्रिलिंग में ताजा अवरोध शुक्रवार शाम को आया जब उसके ब्लेड मलबे में फंस गए ।
ADVERTISEMENT
बचाव कार्यों में सहयोग के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने रविवार शाम सात बजे तक की स्थिति बताते हुए कहा था कि मलबे में ऑगर मशीन का केवल 8.15 मीटर हिस्सा ही निकाला जाना शेष रह गया है।
मलबे में हाथ से ड्रिलिंग कर उसमें पाइप डालने के लिए ऑगर मशीन के सभी हिस्सों को पहले बाहर निकाला जाना जरूरी था । सुरंग में करीब 60 मीटर क्षेत्र में फैले मलबे को भेदकर श्रमिकों तक पहुंचने के लिए अब 10-12 मीटर की ड्रिलिंग शेष रह गयी है।
Uttarakhand Tunnel Latest News : उधर, 41 मजदूरों के रेस्क्यू को लेकर प्रशासन लगातार प्रयास रहा है। नई रणनीति के तहत सुरंग में कल से वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू हुआ है। अब तक 30 मीटर तक ड्रिलिंग का काम हो चुका है। कल 19.2 मीटर तक ड्रिलिंग का काम हुआ था। यानी आज अब तक 11 मीटर ड्रिलिंग हो चुकी है। आज 45 मीटर ड्रिलिंग का टारगेट रखा गया है। दरअसल, सुरंग के ऊपर 14 मीटर की दूरी पर दो ड्रिलिंग का काम चल रहा है। पहले वर्टिकल ड्रिलिंग की चौड़ाई 200 मिलीमीटर है तो दूसरी वर्टिकल ड्रिलिंग की चौड़ाई 1.2 मीटर है।
फूड पाइप भी डाला जा रहा है
एक फूड पाइप भी डाला जा रहा है। इससे खाना भेजने के साथ मजदूरों से बात भी हो पाएगी। वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू हुए करीब 28 घंटे हो चुके हैं और रेस्क्यू एजेंसियों ने इस काम को पूरा करने के लिए 100 घंटे यानी चार दिनों का समय मुकर्रर किया है।
उधर, हॉरिजोंटल ड्रिलिंग पर भी बात बन रही है। फंसी आगर मशीन को पूरी तरह निकाल लिया गया है। अब सेना के इंजीनीयर पाइप में जाकर मैनुअल ड्रिलिंग करेंगे। बताया जा रहा है कि सिर्फ 10 मीटर ड्रिलिंग होनी है।
यानी वर्टिकल में सिर्फ 56 मीटर बाकी है जबकि हॉरिजोंटल में 10 मीटर ड्रिलिंग होनी है, जो मैनुअल होगी।
ADVERTISEMENT