Murder के बाद कातिल ने पिया खून, सात साल के बच्चे की गवाही, सूटकेस में बंद मिली लाश की पुलिस ने ऐसे सुलझाई Mystery

मुंबई पुलिस को एक खाली जगह पर लवारिस पड़े सूटकेस के बारे में पता चला तो उसे अंदेशा हो चुका था कि उसमें क्या है। खोला तो सूटकेस में टुकड़ों में बंटी लाश मिली। इस ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाने में पुलिस को पूरे दस दिन लगे। लेकिन इस केस की गुत्थी सुलझाने में जो सबसे अहम कड़ी साबित हुई वो थी सात साल के बच्चे की गवाही जिसने कातिल को खून पीते देखा था।

CrimeTak

11 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 11 2024 10:58 AM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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सूटकेस में बंद मिली टुकड़ों में बंटी लाश

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मासूम की गवाही से सुलझा Blind Murder Case

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कातिल को खून पीते देखा 7 साल के बच्चे ने

Mumbai, Maharashtra: कत्ल का ये किस्सा इतना भयानक है कि देखने वाले पुलिस वालों के भी रोंगटे खड़े हो गए। पुलिस ने जब ये गुत्थी सुलझाई तो खुद हैरान रह गई कि क्या कोई कातिल ऐसा भी हो सकता है। पुलिस को इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में दस दिन लग गए। इन दस दिनों में पुलिस के सामने आई एक ऐसी गवाही जिसपर वो चाह कर भी यकीन नहीं करना चाहती थी, मगर उसे नज़र अंदाज भी नहीं कर सकती थी। क्योंकि उस गवाह का कातिल के साथ खून का रिश्ता था। मगर उसकी अहमियत इसलिये भी थी क्योंकि वो कत्ल के इस मामले का इकलौता चश्मदीद था। बस यूं समझ लीजिए कि इस मासूम की गवाही ने कातिल को सलाखों के पीछे पहुँचा दिया और पुलिस को भी राहत की सांस लेने का मौका दे दिया। 

जब लावारिस मिला पुलिस को Suitcase

किस्सा मुंबई के गोरेगांव से शुरु हुआ जब पुलिस को अक्टूबर 2013 में मुंबई के मलाड के एक वीरान इलाके में पड़े लावारिस सूटकेस के बारे में इत्तेला मिली। सूटकेस के आस पास मक्खियां भिनभिना रहीं थी। सूटकेस देखते ही पुलिस के कान खड़े हो गए और आंखें फैल गईं। सूटकेस देख कर पुलिस को इस बात का अंदाजा तो हो गया था कि इसमें कुछ ऐसा है जो नहीं होना चाहिए। पुलिस ने जैसे ही सूटकेस खोला तो खुद उसके ही होश उड़ गए क्योंकि सूटकेस में बंद टुकड़ों में बंटी एक लाश थी। 

Blind Murder Case

पुलिस को लाश मिल गई, जाहिर है लाश के टुकड़े हत्या के बाद किए गए थे। लेकिन सवाल ये था कि आखिर कौन ऐसा कर सकता है, जिसने लाश को लावारिस मानकर सड़क से उठाने के लिए पुलिस को मजबूर कर दिया। पुलिस के पास न तो कोई सुराग और न ही मकतूल की कोई पहचान। शायद इसी बात को सोचकर कातिल ने लाश को टुकड़ों में बांटा ताकि पहचान मुश्किल हो जाए और कातिल को भागने का मौका मिल जाए। सूटकेस की तलाशी में भी पुलिस को कुछ खास हाथ नहीं लगा जो दोनों में से किसी भी एक का पता दे सके। पुलिस को मरने वाले के कपड़ों में पड़े कुछ कागज के टुकड़ों से अब उसकी पहचान मुकम्मल करनी थी। 

गोरेगांव के मलाड इलाके में पुलिस को एक वीराने से सूटकेस में बंद लाश मिली थी

10 दिन में पुलिस पहुँच गई कातिल तक

खूनी ने शायद यही सोचकर लाश को टुकड़ों में बांट दिया था ताकि उसकी पहचान न हो पाए। खुद को पुलिस के शिकंजे से बचाने के लिए ही लाश को सूटकेस में भरकर सुनसान इलाके में फेंका गया था। इसके बावजूद कातिल की कोई भी चाल बहुत ज्यादा देर तक उसे कानून की हथकड़ियों से बचाकर नहीं रख सकी। महज दस दिन बाद ही पुलिस के हाथ हत्यारे तक जा पहुंचे। पुलिस ने सबसे पहले मरने वाले की पहचान पुख्ता की। इसके लिए पुलिस को मक्तूल की जेब से हासिल कागजात काफी नहीं थे। तब पुलिस ने अपने मुखबिरों का सहारा लिया और पूरी मुंबई में फैले मुखबिरों के नेटवर्क को एक्टिव कर दिया। कुछ ही दिनों में पुलिस को मरने वाली की पहचान मिल गई। नाम था अब्दुल रहमान अंसारी। 

मासूम ने देखा कातिल ने पिया खून

पुलिस को पता चला कि कुछ रोज पहले ही अब्दुल रहमान अंसारी को उसके रिश्तेदार मोहम्मद आलम खान ने अपने घर पार्टी पर बुलाया था। उस पार्टी में आलम खान का दोस्त सिकंदर खान भी मौजूद था। तीनों ने जमकर शराब पी। और जब अब्दुल नशे में बुरी तरह से चूर हो गया तो आलम खान ने एक धार दार हथियार से उसका गला रेत दिया। आलम खान को ये कतई अंदाजा भी नहीं था कि उसकी इस हरकत को घर में मौजूद दो मासूम आंखों देख रही हैं। जिसने ये भी देखा कि कैसे चाकू से हत्या करने के बाद उस मरने वाले का खून तक पिया गया। 

मासूम की बड़ी गवाही

दस दिनों तक पुलिस एक के बाद एक बिखरी हुई कड़ियों को जोड़ती गई और सीधे उसके हाथ आलम खान की गिरेबां तक जा पहुँचे। पुलिस ने आलम खान और सिकंदर खान के अलावा उनके एक और साथी को गिरफ्तार किया।  सवाल उठता है कि पुलिस ने कत्ल की बिखरी कड़ियों को कैसे जोड़ा। असल में पुलिस को जब ये पता लग गया कि आलम खान और सिकंदर खान के साथ अब्दुल रहमान अंसारी ने पार्टी की थी और शराब पी थी। तो पुलिस उन्हीं दो नाम और एक पार्टी के हवाले से उन दोनों के घर तक जा पहुँची। पुलिस को उस वक़्त आलम और सिकंदर तो नहीं मिले मगर घर में एक सात साल का बच्चा जरूर मिला जिसने सब कुछ अपनी आंखों से देखा था।

पुलिस ने सुलझा ली Murder Mystery

इस अकेले चश्मदीद की गवाही के बाद ही पुलिस ने जब अपनी तफ्तीश आगे बढ़ाई तो कडि़यां जुड़ती गई और कत्‍ल का राज बेपर्दा हो गया। बच्चे ने अपने पिता को अब्दुल रहमान अंसारी की हत्या के बाद अपने चेहरे से खून साफ करते देखा था। बच्चे को लगा कि उसके पिता ने हत्या के बाद उसका खून पिया है। हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने चश्मदीद बच्चे की गवाही के आधार पर उसके पिता आलम खान समेत 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

सास से नाजायज रिश्ते बर्दाश्त नहीं

अब पुलिस के सामने सवाल इससे भी बड़ा था कि आखिर कत्ल के पीछे मकसद क्या था? तो पुलिस के सामने इस बात का खुलासा खुद कत्ल के आरोपी आलम खान ने कर दिया। आलम खान ने पुलिस को बताया कि अब्दुल रहमान को मारने के पीछे दरअसल उसे सबक सिखाना था। क्योंकि अब्दुल के आलम खान की सास के साथ नाजायज ताल्लुकात थे। और इस रिश्ते की भनक आलम खान को लग चुकी थी। अब्दुल के साथ अपनी सास के रिश्ते को आलम बर्दाश्त नहीं कर सका तब उसने अपने साथियों के साथ मिलकर उसे रास्ते से हटाने की साजिश रची। पुलिस की तफ्तीश में ये बात भी निकलकर सामने आई कि अब्दुल रहमान ने आलम खान को कुछ रुपये उधार दे रखे थे जिसे आलम वापस करने के मूड में नही था। बस इसीलिए तकादे के हमेशा हमेशा के लिए खत्म करने की गरज से आलम खान ने ये साजिश रची। हालांकि पुलिस को कत्ल के पीछे नाजायज ताल्लुकात वाली बात ज्यादा समझ में आई। 
 

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