लखनऊ की थप्पड़बाज लड़की का मामला अब दो पुलिस वाले भिड़े दोनों ने लगाए एक दूसरे पर आरोप मामले की जांच अब दूसरा थाना करेगा

The Lucknow police have filed a case against a woman who was seen assaulting a cab driver . on the other side police also booked cab driver

CrimeTak

04 Aug 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:02 PM)

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एक के बाद एक विवाद, दो पुलिस कर्मियों में wrestling ! मीडिया रिपोर्ट्स में किया गया दावा

लखनऊ में थप्पड़बाज लड़की के मामले में अब नया विवाद खड़ा हो गया है .. ओला कैब ड्राइवर से कथित रूप से घूस लेने पर कृष्णानगर कोतवाली के दो पुलिस अफसर आपस में भिड़ गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों ने घूसखोरी और पूरे मामले में एक-दूसरे पर आरोप लगा दिए है। थाना प्रभारी और इंस्पेक्टर महेश दुबे ने कहा कि उनकी गैर मौजूदगी में भोलाखेड़ा के चौकी इंचार्ज हरेंद्र यादव ने कैब ड्राइवर से गाड़ी छोड़ने की एवज में रिश्वत ली. वहीं, चौकी इंचार्ज ने इंस्पेक्टर पर ही आरोप लगा दिये है. चौकी इंचार्ज ने कहा है कि वह खुद को बचाने के लिए मुझे झूठा फंसा रहे हैं।

क्या कहा इंस्पेक्टर साहब ने ...

कृष्णानगर इंस्पेक्टर महेश दुबे का कहना है कि वह 30 जुलाई की घटना वाली रात को ईको गार्डन धरनास्थल पर ड्यूटी कर रहे थे। ACP साहब की कॉल आई कि कोई ब्लैक एसयूवी कार कोतवाली में खड़ी की गई है। गाड़ी पर मजिस्ट्रेट लिखा है। कार एटा एसडीएम की है। जफर नाम का आदमी पहुंच रहा है। उसे गाड़ी दे दो। चूंकि वह कोतवाली में नहीं थे, इसलिए भोलाखेड़ा चौकी प्रभारी हरेंद्र यादव को फोन करके गाड़ी छोड़ने को कहा। बाद में कोतवाली आने पर पता चला कि पीड़ित सआदत अली की कैब भी आई थी जिसे गेट से छोड़ दिया गया। लेकिन एसयूवी छोड़ने के एवज में हरेंद्र यादव ने रुपए लिए थे।

क्या इंस्पेक्टर के गाड़ी छोड़ने के बोलने के बावजूद घूस ली गई ?

चौकी इंचार्ज ने क्या कहा

हरेंद्र यादव के मुताबिक, घटनास्थल उनके चौकी क्षेत्र में था। इसलिए वह कैब के साथ चालक सआदत अली और उसकी पिटाई करने वाली लड़की को कोतवाली लाए थे। देर रात सआदत को तलाश करते हुए उसके भाई इनायत और दाऊद एसयूवी से कोतवाली पहुंचे। दोनों को भी कोतवाली में बैठा लिया गया। कैब और एसयूवी को भी कब्जे में ले लिया गया। देर रात इंस्पेक्टर महेश दुबे का फोन आया कि बात हो गई है गाड़ियां छोड़ दो। उनके कहने पर वैगन-आर कैब को मैंने दूसरे दिन सआदत से सुपुर्दगीनामा करवाकर उसके हवाले कर दिया। एसयूवी को कोतवाल के कहने पर एएसआई तेज प्रताप ने बाकायदा लिखा-पढ़ी करवाकर छोड़ा था। उनका कहना है कि अब कोतवाल खुद को बचाने के लिए मुझे झूठा फंसा रहे हैं।

जब एसडीएम ने फोन कर गाड़ी छोड़ने की बात कही...

अपनी गाड़ी थाने में बंद होने की जानकारी पाकर एसडीएम ने ACP को कॉल करके गाड़ी छोड़ने की गुजारिश की। उनकी सिफारिश के बाद भी आरोप है कि पुलिस ने रुपए लेकर गाड़ी छोड़ी।

क्या एसडीएम के नाम का रौब झाड़ रहे थे युवक ?

दूसरे दिन घटना का वीडियो वायरल हुआ तो बेगुनाह युवकों को दबंग साबित करने के लिए पुलिस ने एसडीएम का नाम और मोबाइल नंबर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इंस्पेक्टर का कहना है कि युवक एसडीएम के नाम पर रौब गांठ रहे थे।

कैसे एसडीएम की कार सअदालत अली के भाई तक पहुंची ?

ऐसे कैसे दे दी अपनी कार एसडीएम ने !

भाई सआदत अली की लोकेशन कृष्णानगर कोतवाली के पास मिली तो उसके भाई एक परिचित की कार मांगकर वहां पहुंचे। इत्तेफाक से कार एटा के एसडीएम अबुल कलाम की थी। ये आरोप है कि पुलिस के तेवर देख डरे सहमे युवकों ने खुद को एसडीएम का रिश्तेदार बता दिया था।

जांच जारी , क्या होगी दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई ?

सआदत की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर की विवेचना कृष्णानगर कोतवाली से हटाकर बंथरा थाने को सौंप दी गई है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या लखनऊ पुलिस दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी या नही..

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