29 सितंबर मुंबई के एंटॉप हिल के सेक्टर 7 में बने क्वार्टरों के पास एक प्लास्टिक का बैग पड़ा हुआ था। इत्तिला पुलिस को दी गई और पुलिस ने जब वो बैग खोला तो उसमें एक आदमी की सिर रहित लाश मिली। लाश को दो बैग में पैक करने के बाद एक प्लास्टिक बैग में रखकर बैडशीट में लपेटा हुआ था। लाश के टुकड़ों को बेहद छोटे टुकड़ों में काटा गया था।
एक्सीडेंट के बाद पैर में लगी स्टील प्लेट ने सुलझाया ब्लाइंड मर्डर केस!
Steel plate fitted in leg after accident solved blind murder case
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11 Oct 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:07 PM)
मकसद था कैसे भी लाश की पहचान ना हो पाए। लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई। पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती लाश की पहचान करने की थी।
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पुलिस ने मुंबई के तमाम थानों से गुमशुदा लोगों की लिस्ट मंगाई। थाणें और नवी मुंबई से भी लिस्ट मंगाई गई लेकिन पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला।
सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया तो वहां पर उन्हें एक सिल्वर रंग की वैगन आर कार नजर आई लेकिन उसकी नंबर प्लेट नजर नहीं आ रही थी। पुलिस को इस केस को सुलझाने के लिए कोई लीड नहीं मिल रही थी।
इस बीच पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने लाश के कटे हुए टुकड़ों से एक स्टील की प्लेट निकाली। ये प्लेट मरने वाले के पांव से निकाली गई जो किसी रोड एक्सीडेंट के बाद उसके पांव में डाली गई थी। ये प्लेट लाश के उल्टे पांव के टखने से मिली थी।
उस प्लेट पर सात छेद थे, इन्हीं की मदद से क्राइम ब्रांच उस कंपनी के पास तक पहुंच गई जो ये प्लेट बनाती थी। कंपनी ने प्लेट को देखने के बाद बताया कि उन्होंने ऐसी कुल 41 प्लेटें अस्पतालों में सप्लाई की हैं जो लोगों के पैर में लगाई गई हैं।
अब पुलिस ने इन 41 लोगों की तलाश शुरु की, इन्हीं 41 लोगों में से एक नाम था सोलापुर के रहने वाले अरुण जगदाले। जब पुलिस अरुण के घर पहुंची तो उसको पता चला कि अरुण 28 तारीख से ही गायब है।
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