मेरी मां अस्पताल में है, प्लीज...और लड़की के इतना कहते ही बैंक अकाउंट हो गया खाली

Artificial Inteligence Cyber Fraud: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आते ही साइबर ठगों का एक नया हथियार मिल गया है। दिल्ली में ऐसी ही शातिर ठगी का एक नया सनसनीखेज मामला सामने आया है।

सांकेतिक तस्वीर

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03 Aug 2023 (अपडेटेड: Aug 3 2023 4:05 PM)

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Cyber Crime: अगर आपके पास किसी का फोन आता है, और वो खुद को आपका जानकार बताकर अपने किसी घरवाले के बीमार होने या फिर एक्सीडेंट होने की बात करता है, और उसकी आवाज भी आप पहचान लेते हैं तो भी आप सावधान हो जाइये...क्योकि साइबर ठगों का ये नया पैंतरा हो सकता है। कंप्यूटर की दुनिया में जैसे ही कोई नई तकनीक सामने आती है, साइबर ठगों को जैसे एक नया हथियार मिल जाता है और फिर ठगी का नया और ऐसा अनोखा तरीका और सिलसिला शुरू हो जाता है, ये तरीके ऐसे होते हैं जिससे बच पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है। 

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रिटायर्ड अफसर को 48 लाख रुपये का चूना

सबसे ताजा मामला सामने आया है देश की राजधानी दिल्ली से। यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के वॉयस क्लोन के जरिए साइबर ठगों ने गृह मंत्रालय के एक रिटायर्ड अफसर को ही 48 लाख रुपये का चूना लगा दिया। हैरानी की बात ये है कि इस ठगी की वारदात में हथियार बनी आवाज़। क्योंकि जिस अफसर को ठगों ने अपना शिकार बनाया वो उनके किसी पुराने साथी की बेटी बनकर फोन पर बात कर रही थी। 

ठगी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 

खुलासा हुआ है कि साइबर फ्रॉड करने वालों ने इस बार ठगी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मैजिक ऐप का इस्तेमाल किया। इस ऐप के जरिए उन्होंने एक लड़की की फर्जी आवाज निकाली जो हू ब हू वैसी ही थी जिसे शिकार बने रिटायर्ड अधिकारी ने पहले भी सुन रखी थी। 

पुलिस ने दिखाई मुस्तैदी

ये तो गनीमत थी कि इस ठगी की वारदात की इत्तेला वक्त रहते उन अफसर ने पुलिस को बता दी और पुलिस ने भी पूरी मुस्तैदी दिखाते हुए पूरे गिरोह का ही पर्दाफाश कर दिया और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। और तभी ये भी बात निकलकर सामने आई कि इस गिरोह का सरगना डाबर कंपनी के डायरेक्टर से 11 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका था। 

गिरोह का पर्दाफाश

पुलिस ने इस सिलसिले में आरोपी सुमन कुमार के साथ आशीष कुमार विवेक कुमार अभिषेक कुमार के साथ एक नाबालिग को भी पकड़ा है। 

बैचमेट की बेटी बताकर की लूट

खुलासा है कि साउथ दिल्ली पुलिस के डीसीपी चंदन चौधरी के मुताबिक दिल्ली के मालवीय नगर में रहने वाले गृह मंत्रालय के रिटायर्ड अधिकारी देवेंद्र ठाकुर ने 8 जुलाई को एक शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत के मुताबिक उनके पास किसी आरोही झा नाम की लड़की की कॉल आई। और उस लड़की ने खुद को देवेंद्र ठाकुर के ही बैचमेट की बेटी बताया। 

मां की बीमारी का बनाया बहाना

उस लड़की ने फोन कॉल में बताया कि उसकी मां बिहार के एक अस्पताल में भर्ती है और इलाज के लिए रुपयों की जरूरत है। उस लड़की ने जो जो जानकारी देवेंद्र ठाकुर से साझा की वो सारी की सारी उनके बैचमेट से मेल खाती दिखी तो भरोसे में आकर देवेंद्र ठाकुर ने उस लड़की की मदद के लिए रुपयों से उसकी मदद कर दी। लेकिन उसके बाद तो ये सिलसिला ही चल निकला और वो किसी न किसी बहाने से बार बार देवेंद्र ठाकुर को फोन करती रही और रुपये मांगती रही। तब एक रोज देवेंद्र ठाकुर का माथा ठनका। और तब उन्होंने इसकी शिकायत साउथ दिल्ली के डीसीपी को बताई। 

मैजिक कॉल एप से फ्रॉड

पुलिस ने बड़ी ही सफाई से उस लड़की की कॉल को ट्रेस किया और पूरे गिरोह का पता लगा लिया। बकौल पुलिस पकड़ा गया गिरोह का सरगना सुमन कुमार बिहार का ही रहने वाला है और उसने BCA किया हुआ है। साथ ही उसने एक महिला को टेलीकॉलर की नौकरी पर रखा हुआ था। खुलासा यही हुआ है कि ये लोग मैजिक कॉल ऐप के जरिए फ्रॉड को अंजाम दे रहे थे। 

वीडियो कॉल से भी ठगी

असल में मैजिक कॉल ऐप यूजर्स को कई तरह की आवाज में बात करने की सुविधा देता है। ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक खतरनाक इस्तेमाल है। बकौल पुलिस आजकल ऑनलाइन ठगी के नए नए तरीकों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है। सिर्फ वॉयस कॉल ही नहीं बल्कि वीडियो कॉल के जरिए भी ठगी हो रही है। वीडियो कॉल पर सामने दिख रहा इंसान आपको अपना परिचित लग सकता है। और एक बार भरोसा कायम होने के बाद वो पैसों की डिमांड भी कर सकता है।  पुलिस का कहना है कि ऐसा ही एक वाकया केरल में हुआथा जहां ठगों ने वीडियो कॉलिंग के दौरान खुद को उसके ऑफिस के सहकर्मी जैसा लुक दिखाया और झांसे में लेकर उससे पैसे ट्रांसफर करवा लिए। 

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