Dehradun, UK: उत्तराखंड की राजधानी में एक बिल्डर की खुदकुशी के खुलासे के बाद हर तरफ गुप्ता बंधुओं और उनकी फरेब की दुनिया की चर्चा हो रही है। पिछले शुक्रवार को शहर के नामी बिल्डर सतेंद्र साहनी उर्फ बाबा साहनी ने एक रिहायशी बिल्डिंग की आठवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। एक पुरानी कहावत भी है- जहां जहां पैर पड़े संतन के, वहीं हो गया बंटाधार। उत्तराखंड के गुप्ता बंधुओं का कुछ कुछ ऐसा ही हाल है। दक्षिण अफ्रीका में अपनी चालबाजियों का हुनर दिखाने के बाद अब उत्तराखंड में भी उनके नाम पर लोग जान देने लगे हैं। बिल्डर बाबा साहनी की मौत इसी सिलसिले में एक कड़ी मानी जा रही है।
South Africa वाले गुप्ता बंधु के खौफ से बिल्डर ने आठवीं मंजिल से लगाई छलांग, Suicide Note में एक नेता का नाम
Builder Commits Suicide in Dehradun: देहरादून में एक नामी बिल्डर सतेंद्र साहनी उर्फ बाबा साहनी ने पिछले शुक्रवार को एक रिहायशी बिल्डिंग की आठवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को बाबा साहनी के पास से एक सुसाइड नोट मिला जिसके आधार पर गुप्ता बंधु के अजय गुप्ता और उनके बहनोई अनिल गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन सुसाइड नोट में जो वजह लिखी वो हैरान कर देती है।
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31 May 2024 (अपडेटेड: May 31 2024 1:21 PM)
Suicide Note में नाम
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बिल्डर बाबा साहनी ने मरने से पहले एक लेटर भी लिखा जिसे सुसाइड नोट माना जा रहा है। उसी सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने गुप्ता बंधु के अजय गुप्ता और उनके बहनोई अनिल गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बिल्डर बाबा साहनी की आत्महत्या के मामले में धोखाधड़ी यानी IPC की धारा 420 और जबरन वसूली करने के लिए धमकाना यानी धारा 385 जोड़ी हैं। इन धाराओं को दरअसल पुलिस ने इसलिए जोड़ा क्योंकि मौत से बहुत पहले बाबा साहनी ने 16 मई को प्रार्थनापत्र दिया था जिसे अब जांच का हिस्सा बनाया जा रहा है।
Gupta Brothers से जान का खतरा
असल में उस शिकायत में साहनी ने खुद की जान का खतरा बताया था। दावा किया जा रहा है कि पुलिस इस मामले की तफ्तीश कर ही रही थी कि तभी बाबा साहनी ने आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में साहनी ने आरोप लगाए थे कि उन्होंने रिहायशी कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए अनिल गुप्ता से साझेदारी की थी। लेकिन कुछ ही समय बाद अजय गुप्ता की नीयत बदल गई और उन्होंने साहनी पर पूरा प्रोजेक्ट अपने नाम करने का दबाव बनाया।
PM और CM को लिखा सुसाइड नोट
साहनी ने प्रधानमंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के नाम एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें गुप्ता बंधुओं और एक भाजपा नेता के साथ धमकी और पैसों के लेन देन के झगड़े का आरोप लगाया। बिल्डर एस.एस. साहनी की आत्महत्या ने पूरे देहरादून में सनसनी फैला दी। इसके साथ ही दोनों के बीच झगड़े के वो तमाम मामले भी सामने आ गए जिनके तार गुप्ता बंधुओं से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं। अपने सुसाइड नोट में बाकायदा बाबा साहनी ने लिखा है कि गुप्ता बंधुओं की धमकी की वजह से ही वो डिप्रेशन में हैं।
गुप्ता बंधुओं का Nexus
अतुल, राजेश और अजय यानी गुप्ता बंधु बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, जमीन पर कब्जा और घोटालों के सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका तक बदनाम हैं। ये गुप्ता बंधु यानी अतुल, राजेश और अजय पश्चिमी यूपी के सहारनपुर के रहने वाले हैं। ये लोग कारोबार के लिए 1993-94 में दक्षिण अफ्रीका गए थे। दक्षिण अफ्रीका पहुँचकर उन्होंने खनन, मीडिया और टैक्नोलॉजी समेत कई उद्योगों में एक बड़ा कारोबारी साम्राज्य खड़ा कर लिया। लेकिन अपने कारोबार को बढ़ाते-बढ़ाते इन तीनों ने कुछ ऐसा किया कि सत्ता और सरकारी अफसरों के साथ मिलकर दौलत बटोरने का एक पूरा नेक्सस ही तैयार कर लिया।
South Africa का राष्ट्रपति जेब में
आलम ये हो गया कि दक्षिण अफ्रीका का राष्ट्रपति जैकब जुमा भी उनकी जेब में आ गया। फिर 2016 में ख़बर आई कि अतुल गुप्ता दक्षिण अफ्रीका के सबसे अमीर अश्वेत बन चुके हैं। तब उनकी दौलत करीब 55 अरब रुपये बताई गई थी। मजे की बात ये है कि ये सिर्फ एक भाई की दौलत थी। बाकी दोनों भाइयों का तो अलग ही मामला था। अंदाजा यही लगाया गया कि गुप्ता बंधुओं के पास इससे कहीं ज्यादा दौलत है। मजे की बात ये है कि जिस राष्ट्रपति की बदौलत इन गुप्ता बंधुओं ने दक्षिण अफ्रीका में अपना सिक्का जमाया उसी जैकब जुमा के पतन की वजह भी यही बने।
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