SIDHU MOOSEWALA CASE : मूसेवाला के 10 हत्यारों की क्राइम कुंडली!

SIDHU MOOSEWALA : मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी लॉरेंस lawrence बिश्नोई, goldy brar गोल्डी बरार और सचिन थापन नाम के गैंग्स्टर ने ली थी। जब जांच शुरू हुई तो पुलिस को कोरोला और बोलेरो से पहली लीड मिली।

CrimeTak

20 Jun 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:20 PM)

follow google news

SIDHU MOOSEWALA CASE : आज आपको बताते है मूसेवाला के 10 हत्यारों की क्राइम कुंडली। साथ साथ इन पर क्या क्या आरोप है ? मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बरार और सचिन थापन नाम के गैंग्स्टर ने ली थी। जब जांच शुरू हुई तो पुलिस को कोरोला और बोलेरो से पहली लीड मिली। दरअसल दोनों गाड़ियों से यूं तो काफी सबूत हाथ लगे मगर उनमें सबसे अहम थी एक पेट्रोल पंप की रसीद। फतेहाबाद के नजदीक एक पेट्रोल पंप से 25 मई को डीजल भरवाने की ये रसीद थी। उस पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को पहले शूटर की जानकारी मिली। बाद में उसकी शिनाख्त सोनीपत के प्रियव्रत के तौर पर हुई।

प्रियव्रत ने मनप्रीत सिंह का नाम बताया। इसके बाद पुलिस ने मनप्रीत सिंह को गिरफ्तार है। टोयटा कोरोला कार का कनेक्शन गैंगस्टर मनप्रीत सिंह उर्फ मन्ना से जुड़ रहा था। मन्ना इस साजिश की एक बेहद अहम कड़ी था। शूटरों के लिए दो में से एक गाड़ी के इंतजाम का जिम्मा मन्ना को सौंपा गया था। मन्ना की लारेंस और गोल्डी के संपर्क में था। मन्ना ने कार भाऊ को दी। इस कहानी का दूसरा किरदार था मनप्रीत भाऊ। मन्ना का रिश्तेदार है मनप्रीत भाऊ। मन्ना के कहने पर इसी ने कोरोला गाड़ी आगे दो लोगों तक पहुंचाई। पंजाब पुलिस ने उत्तराखंड में चमौली से मनप्रीत भाऊ को पकड़ा।

तीसरा किरदार था सराज मिंटू। इसका नाम तब सामने आया जब मनप्रीत को पकड़ा गया। मनप्रीत ने वही कोरोला गोल्डी बरार के कहने पर सराज मिंटू को दी। मिंटू ने आगे ये कार उन दो शूटरों को दी जिन्होंने सिद्धू पर गोली चलाई थी। इस मामले का चौथा किरदार था प्रभदीप सिद्धू। इसी साल जनवरी में गोल्डी बरार ने अपने कुछ गुर्गों को प्रभदीप सिद्धू के पास भेजा था। प्रभदीप ने शूटरों की मूसेवाला के घर की रेकी कराई।

पांचवां किरदार था मोनू डागर। गोल्डी बरार के कहने पर दो अन्य शूटरों का इंतजाम मोनू डागर ने किया था। छठा किरदार था पवन बिश्नोई। पवन बिश्नोई ने हमले में इस्तेमाल दूसरी गाड़ी बोलेरो शूटर तक पहुंचाई और उनके छुपने का इंतजाम भी किया। इस मामले का सातवां किरदार था नसीब। नसीब ने पवन बिश्नोई के साथ मिल कर बोलेरो को पंजाब में शूटरों तक पहुंचाने का काम किया। इस मामले का आठवां किरदार था संदीप सिंह उर्फ केकड़ा। संदीप सिंह उर्फ केकड़ा ने ही मूसेवाला की हर हरकत पर नजर रखी और शूटरों को खबर दी। फैन बन कर केकड़ा ने मसेवाला के साथ सेल्फी ली।

मूसेवाला की थार जीप का नंबर सब कुछ शूटरों को बताया। केकड़ा उस वक्त कनाडा में लगातार गोल्डी बरार और सचिन थापन के संपर्क में था। इस मामले का नवां किरदार था चरणजीत सिंह। चरणजीत सिंह ने शूटरों को हथियार पहुंचाए और गाड़ियों के जाली नंबर दिए। इस मामले का दसवां किरदार है मास्टरमाइंड लॉरेंस बिश्नोई, जिसने तिहाड़ से बैठ कर मूसेवाला की मौत का फरमान जारी किया और गोल्डी बरार के जरिए शूटआउट को अंजाम दिया। इसके अलावा अभी भी कई आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

    यह भी पढ़ें...
    follow google newsfollow whatsapp