Shooter Kill in Shootout: जेल में अमन सिंह के क़त्ल की पूरी कहानी को समझने के लिए आपको सबसे पहले धनबाद में कोयले के काले कारोबार के इर्द-गिर्द पहनपते जुर्म के काले-कारोबार को समझने की जरूरत है…
दोस्त बना दुश्मन: धनबाद जेल में शूटआउट के पीछे ये है असली खानदानी लड़ाई
Shoot Out at Dhanbad Jail: जेल में अमन सिंह के क़त्ल की पूरी कहानी को समझने के लिए धनबाद में कोयले के काले कारोबार समझने की जरूरत है
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छोटू सिंह जिसने अमन सिंह को गोली मरवाने का दावा किया
05 Dec 2023 (अपडेटेड: Dec 5 2023 8:55 AM)
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कोयले के काले कारोबार में माफिया
तारीख गवाह है कि धनबाद में कोयले के काले कारोबार के इर्द-गिर्द छोटे बड़े कई माफिया सरगनाओं की दुनिया भी आबाद होती रही है, जो कोयले की खुदाई का ठेका लेने के साथ-साथ नजायज़ कोयले की खुदाई से भी करोड़ों कमाते रहे हैं। इस करोड़ों की काली कमाई के चक्कर में एक दूसरे का खून बहाने और लाशें बिछाने से भी बाज़ नहीं आते हैं। कोयले के ऐसे ही काले कारोबार से नाम जुड़ता है धनबाद के दो ऐसे परिवारों का, जिन्हें रघुकुल और सिंह मेंशन के नाम से जाना जाता है।
दो परिवारों की रंजिश
रघुकुल यानी दबंग बच्चा सिंह की सल्तनत
कभी जिनके भतीजे नीरज सिंह, हर्ष सिंह और एकलव्य सिंह कोयले के काले कारोबार पर राज करते थे
लेकिन 2017 में नीरज सिंह की हत्या के बाद नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा जहां कांग्रेस से विधायक बन गईं
वहीं कोयले के बाकी का कारोबार हर्ष सिंह और एकलव्य सिंह संभालते रहे
दूसरी ओर सिंह मेंशन भी शुरू से ही कोयले के काले कारोबार में अपना दखल रखता रहा
इसकी शुरुआत सूर्यदेव सिंह ने की और उनके बाद उनकी आने वाली पीढ़ी
के संजीव सिंह, रागिनी सिंह और सिद्धार्थ गौतम ने ये कारोबार संभाला
बच्चों को कारोबार के गुर सिखाए
जबकि सूर्य देव सिंह के जाने के बाद उनकी पत्नी कुंती सिंह ने सियासत के साथ-साथ अपने बच्चों को इस कारोबार के गुर सिखाए। वैसे तो रघुकुल और सिंह मेंशन भी कभी एक ही परिवार हुआ करता था, जिसके मुखिया सूर्य देव सिंह थे। लेकिन सूर्य देव सिंह के जाने के बाद परिवार टूट गया और फिर दोनों एक दूसरे के आमने-सामने आ गए।
दो परिवारों की जंग में 8 हत्याएं
तब से लेकर अब तक यानी पिछले करीब डेढ़ दशकों में इन दोनों परिवारों की जंग में करीब 8 हत्याएं हो चुकी हैं और इनमें रघुकुल के बच्चा सिंह के अपने भतीजे नीरज सिंह का नाम भी शामिल है। इल़्जाम है कि नीरज सिंह की हत्या सिंह मेंशन के इशारे पर हुई, जिन्होंने इस काम के लिए अमन सिंह और छोटू सिंह सरीखे शूटरों को हायर किया था।
दोस्त जो बना जानी दुश्मन
लेकिन वो कहते हैं कि जब घात होता है, तो अक्सर प्रतिघात भी होता ही है। यही वजह है कि नीरज सिंह की जान के लेने के आरोपी अमन सिंह पर भी मौत का खतरा मंडरा रहा था और अमन सिंह ने खुद पर मंडराते इस खतरे के तौर पर कभी खुल कर नीरज सिंह के भाई हर्ष सिंह और एकलव्य सिंह यानी रघुकुल का नाम लिया था। अब उसी अमन सिंह की जेल में हत्या कर दी गई, जिसकी जिम्मेदारी किसी और ने नहीं, बल्कि कभी उसके साथ जुर्म की दुनिया में हमकदम रह चुके छोटू सिंह ने लेने की बात कही, और इस दावे के मुताबिक छोटू सिंह ने अमन सिंह पर उसे धोखा देने और उसकी जान लेने की साजिश रचने का इल्ज़ाम लगाया है। लेकिन क्या साजिश इतनी भर है या फिर इसके पीछे वाकई उन लोगों का हाथ है, जिनके नाम अमन सिंह अपने जीते जी ले चुका है, यही असली जानने वाली बात है।
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