क्या रेप और मर्डर केस से बच निकले RG Kar Hospital के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष? CBI ने किया गिरफ्तार, लेकिन..

RG Kar Hospital Latest News: आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। सोमवार को सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था। संदीप घोष की गिरफ्तारी लंबी पूछताछ के बाद हुई है। हालांकि उनकी गिरफ्तारी का कनेक्शन रेप और मर्डर केस से नहीं है बल्कि घोष पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगा है।

CrimeTak

03 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 3 2024 2:05 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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संदीप घोष की हुई गिरफ्तारी

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आज किया जाएगा कोर्ट में पेश

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वित्तीय अनियमितताओं का लगा आरोप

Kolkata News: RG Kar अस्पताल के प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि उनकी गिरफ्तारी चर्चित रेप और मर्डर कांड में न होकर अस्पताल से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं यानी भ्रष्टाचार के मामले में हुई है। फिलहाल ये कहा जा सकता है कि रेप और मर्डर केस में संदीप घोष का कोई रोल सामने नहीं आया है, मगर इस मामले में भी सीबीआई की जांच अभी खत्म नहीं हुई है। क्या उन्होंने इस केस के सबूतों से छेड़छाड़ की? मौका-ए-वारदात पर जानबूझ कर भीड़ को घुसने का मौका दिया? पुलिस को देर से इत्तिला दी? इन तमाम पहलुओं पर जांच अभी चल रही है।

उधर, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। सोमवार को सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था। संदीप घोष की गिरफ्तारी लंबी पूछताछ के बाद हुई है। घोष पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। संदीप घोष पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद पर रहते हुए गंभीर अनियमितताएं की। करीब 15 दिन की पूछताछ के बाद सीबीआई ने संदीप घोष को गिरफ्तार किया है। संदीप घोष की गिरफ्तारी रेप और मर्डर केस में नहीं बल्कि करप्शन के मामले में हुई है। संदीप घोष के साथ उनके सिक्योरिटी गार्ड और अस्पताल के एक वेंडर को भी गिरफ्तार किया गया है। 

संदीप घोष से हुई लंबी पूछताछ

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता के 26वें दिन भी जांच जारी है, लेकिन रेप और मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई ने सोमवार शाम आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को करप्शन के मामले में गिरफ्तार कर लिया। जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर हुआ तो संदीप घोष वहां के प्रिंसिपल थे। उन पर वारदात को छिपाने और पूरे मामले पर लीपापोती का आरोप लगा था। 14 अगस्त को जांच संभालने के बाद से सीबीआई ने लगातार उनसे पूछताछ की थी। जांच के दौरान संदीप घोष के खिलाफ वित्तीय अनियमितता का पुराना आरोप सामने आया। 

23 अगस्त को कोलकाता हाईकोर्ट ने घपले की जांच राज्य की एसआईटी से छीनकर सीबीआई को सौंप दी थी। रेप और मर्डर केस में सबूत छिपाने के आरोपों में तो सीबीआई उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई लेकिन वित्तीय अनियमितता के मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। वित्तीय अनियमितता के मामले में संदीप घोष के अलावा सीबीआई ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें शामिल है घोष का सिक्योरिटी गार्ड, 44 साल का अफसर अली और अस्पताल का वेंडर बिप्लव सिंघा और सुमन हजारा शामिल हैं। इससे पहले सीबीआई ने संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया था। 

आपको बता दें कि RG कर हॉस्पिटल के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली ने बताया था कि आरोपी संजय रॉय मेडिकल कॉलेज में संदीप घोष का बाउंसर बनकर घूमता था। प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स और पीड़िता के परिवार ने संदीप घोष पर मामले की लीपापोती का आरोप लगाया था। सीबीआई को इस बात के सबूत मिले हैं कि अपराध स्थल पर छेड़छानी की गई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि ये छेड़छाड़ किसने और क्यों की थी? इसमें संदीप घोष की भूमिका को लेकर भी जांच की गई। पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष मौका ए वारदात को पूरी तरह से सुरक्षित रखने में विफल रहे। रेनोवेशन का काम भी सीबीआई की जांच के घेरे में है और इसी सिलसिले में संदीप घोष से कई बार पूछताछ हुई थी। एफआईआर दर्ज करने में देरी भी सीबीआई की जांच के दायरे में है। 

सीबीआई मान रही है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से घोर लापरवाही बरती गई। इस संवेदनशील मसले को अस्पताल प्रबंधन ने ढंग से हैंडल नहीं किया। बतौर प्रिंसिपल संदीप घोष की जिम्मेदारी थी कि रेप और मर्डर की खबर मिलते ही पुलिस को इस बाबत शुरू में ही सूचना देते, क्राइम सीन को सुरक्षित रखते, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने खबर मिलने के बाद भी सक्रिय कार्रवाई नहीं की। यही वजह है कि संदीप घोष की भूमिका सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में है।

आज होगा अपराजिता महिला और बाल सुरक्षा विधेयक पेश

उधर, रेप-गैंगरेप के दोषियों को सख्त सजा दिलाने वाला विधेयक आज बंगाल विधानसभा में पेश हुआ। पश्चिम बंगाल सरकार ने इस विधेयक को अपराजिता महिला और बाल सुरक्षा विधेयक नाम दिया है। इसमें रेप और गैंगरेप केस में फांसी या अंतिम सांस तक जेल में रखने का प्रावधान है। आरजीकर हॉस्पिटल कांड के बाद से ही ममता बनर्जी सरकार पर बीजेपी हमलावर है। इस विधेयक को लेकर बीजेपी नेता शानतनु ठाकुर ने कहा कि ममता बनर्जी ये सब कुछ मुद्दे से भटकाने और सहानुभूति पाने के लिए कर रही हैं। अगर ममता महिला सुरक्षा को लेकर सचमुच गंभीर हैं तो ये कानून उन्होंने पहले क्यों नहीं लागू किया। उन्होंने कहा कि ममता सरकार की विफलताओं को उजागर करने के लिये बीजेपी का प्रदर्शन जारी रहेगा। 

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