Russia-Ukraine War: क्या अब रूस की धमकियों के निशाने पर ब्रिटेन आ गया है? क्या पश्चिमी देशों में रूस को ब्रिटेन सबसे कमज़ोर कड़ी मान रहा है? क्या अब यूक्रेन की मदद करना पश्चिमी देशों के लिए भारी पड़ने लगा है?
ब्रिटेन का निशाना लगाकर रूस ने दागी धमकियों की तगड़ी मिसाइलें, नाटो देशों को भी दी चेतावनी
यूक्रेन के बाद क्या अब ब्रिटेन का नंबर, रूस ने क्यों दी ब्रिटेन को धमकी, ब्रिटेन की किस बात से हुआ रूस नाराज़, नाटो देशों के ख़िलाफ भी रूस का रुख, Russia warns Britain
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27 Apr 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:17 PM)
लेकिन कहते हैं कि बिना आग के धुआं तो होता नहीं लिहाजा ये माना जा रहा है कि रूस ने अब अपने निशाने का एंगल बंदल दिया है। इसी महीने की 10 तारीख को ब्रिटेन की राष्ट्रपति बॉरिस जॉनसन यूक्रेन पहुंचे थे और राष्ट्रपति जैलेंस्की के साथ जिस तरह कीव की सड़को पर घूम रहे थे उससे रूस को ये संदेश दिया गया कि ब्रिटेन..यूक्रेन के साथ है ।
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इसके बाद ब्रिटेन के सशस्त्र बल मंत्री जेम्स हीपी ने रूस पर यूक्रेन के हमले का समर्थन करने का बयान दे दिया । इसके अलावा हीपी ने ये भी कह दिया कि अगर दोनेत्स्क और लुहान्स्क में माहौल शांत होता है तो ब्रिटेन यूक्रेन के अंदर यूक्रेनी सैनिकों की ट्रेनिंग फिर से शुरू करेगा...और ये बात रूस को चुभ रही है। और ऐसी चुभी कि उसने अब अपने धमकियों की मिसाइल ब्रिटेन पर दागनी शुरू कर दी है।
Russia-Ukraine War: बीते 64 दिन से यूक्रेन को तबाह और बर्बाद कर रहे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अब एक तरह से ब्रिटेन के ख़िलाफ़ शब्द वाण छोड़ने शुरू कर दिए हैं। तभी तो रूस ने चेतावनी भरे अंदाज़ में कहा है कि अगर ब्रिटेन ने यूक्रेन की मदद करने वाले हाथों को अपनी तरफ वापस नहीं खींचा तो उसके सैन्य ठिकाने रूसी मिसाइलों के निशाने पर आ जाएंगे। इतना ही नहीं, रूस ने तो यहां तक की धमकी दे डाली कि अगर इतनी भड़काऊ बातें करने के बाद ब्रिटिश राजनायिक यूक्रेन की राजधानी कीव लौटते हैं तो अबकी बार रूसी रॉकेट ब्रिटिश ठिकानों पर ही न गिरने लगें।
असल में पश्चिमी देशों और यूरोपीय देशों के एक सम्मेलन के बाद ब्रिटेन ने ये घोषणा की है कि ब्रिटेन जल्दी ही कीव में अपना दूतावास फिर से खोलेगा। डेलीमेल की खबरों के मुताबिक रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मारिया ज़ाखारोव ने कहा है कि यूक्रेन को हथियार मुहैया कराने वाले नाटो के देश भी उसके निशाने पर हैं, मुमकिन है कि अगर ये सिलसिला जल्दी नहीं रुका तो नाटो देशों के सैन्य ठिकानों पर रूसी मिलाइलें कभी भी तबाही बरसा सकती हैं।
Russia-Ukraine War: रूसी की तरफ से जारी एक बयान में ये भी कहा गया है कि यूक्रेन में जो कुछ हो रहा है उसकी जड़ में पश्चिमी और नाटो देश हैं। खासतौर पर अमेरिका की उकसाने वाली नीति ने इस बात को इस कदर बिगाड़ दिया है। यूक्रेन तो रूस की बात मानने वाला था लेकिन अमेरिका के उकसाने पर यूक्रेन ने नासमझी दिखा दी, जिसका खमियाज़ा उसे भुगतना पड़ रहा है।
एक अंग्रेजी समाचार पत्रिका में एक तस्वीर भी छपी देखी गई जिसमें रूस की मिसाइलों पर ब्रिटिश शहरों के नाम लिखे हुए थे। ऐसा लग रहा था मानों रूस ने खुद मिसाइलों के माथे पर शहरों के नाम लिख दिए। बस उन्हें ट्रिगर का इंतजार है। एक समाचार एजेंसी की ख़बरों के मुताबिक यूरोप में इस जंग को एक तरह से प्रॉक्सी वॉर का नाम दिया जा रहा है। लेकिन इस बात से कोई भी इंकार करने को राजी नहीं है कि यूक्रेन का युद्ध विश्व युद्ध में तब्दील होने के रास्ते पर ही है।
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