'घोस्ट सिटी' बन गया है मारियूपोल, रूसी बारूद से पूरी तरह झुलस चुका है यूक्रेन का सबसे बड़ा शहर

रूसी बारूद से बर्बाद हो गया यूक्रेन का सबसे बड़ा शहर, सीरिया के अलेप्पो जैसा हो गया मारियूपोल, जंग का सबसे ज़्यादा ख़मियाज़ा भुगतने वाला इकलौता शहर, Russia Ukraine War: GHOST TOWN OF UKRAINE, LATEST

CrimeTak

30 Mar 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:16 PM)

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जंग का खमियाज़ा भुगतने वाला शहर

Russia Ukraine War: रूस के हमले के बाद यूक्रेन के कई शहर यूं तो बर्बाद हुए हैं, लेकिन मारियूपोल अभी तक शायद इकलौता ऐसा शहर है जिसे इन दिनों घोस्ट सिटी कहा जाने लगा है। क्योंकि इसी मारियुपोल शहर ने इस जंग का सबसे ज़्यादा खमियाज़ा भुगता है।

मारियुपोल में जिधर भी नज़र पड़ती है बस बर्बादी की सूरत नज़र आती है। कदम-कदम पर युद्ध की तबाही के निशान बिखरे हुए हैं।

किसी ज़माने में चार लाख लोगों की आबादी वाला ये शहर अब पूरी तरह से खंडहर बन चुका है। दो रोज पहले ही जेलेंस्की ने कहा था मारियपुलो को बचाना नामुमकिन है। इस शहर की खूबसूरत इमारतों और सरकारी बिल्डिंगों को रूस की तोपों, मिसाइलों और रॉकेटों ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है।

35 दिन की जंग में रूस का यही बरपा क़हर

Russia Ukraine War: 35 दिन के इस अब तक के युद्ध में जिस शहर पर रूस का क़हर सबसे ज़्यादा बरसा वो मारियूपोल शहर ही है जिसे रूसी तोपों और फौज ने अपना पहला टारगेट बना लिया था।

यूक्रेन का ये शहर अपनी बर्बादी और तबाही के मामले में सीरिया के शहर अलेप्पो से किसी भी सूरत में कम नहीं दिखता। इस शहर का सारा आलम 90 फीसदी पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। यहां के रिहायशी इलाकों में इतनी बमबारी की गई है कि सब कुछ जलकर राख हो गया।

यहां रहने वाला कुछ नहीं बचा, न बिजली है ना ही पानी, और न इंटरनेट। चंद बची खुची बिल्डिंगें हैं वो भी आधी जली हुई। इस शहर की बदक़िस्मती तो ये है कि यहां के कब्रिस्तान तक में लोग रूसी हमले में मारे गए। और जो इलाक़े रिहायशी थे, मरने वालों की बढ़ती तादाद की वजह से यहां कॉलोनियों में कब्र खोदनी पड़ गई।

रूस के कंट्रोल में है मारियूपोल

Russia Ukraine War: मारियूपोल की रिहायशी इमारतें हों या फिर स्कूल, अस्पताल हों या फायर ब्रिगेड की बिल्डिंग रूस की तोपों ने सब कुछ मलबे के ढेर में बदल दिया।

24 फरवरी से पहले इसी मारियुपोल में चार लाख आबादी रहा करती थी लेकिन अब क़रीब 80 फीसदी लोग शहर को छोड़कर भाग चुकी है। और जो लोग बचे हैं, उनके लिए खाने-पीने के लाले पड़े हुए हैं। उन तमाम लोगों को इस अकेले एक शहर में जीने का सामान मयस्सर नहीं हो पा रहा।

मारियुपोल पूरी तरीके से रूस के कंट्रोल में है। यहां का सारा इंतज़ाम अब रूस की सरकार और दोनेत्स्क की सरकार के हाथों में है। यूक्रेन का यही इकलौता शहर है जहां बचे हुए लोग अपनी ज़िंदगी के शायद सबसे बुरे दौर से गुज़र रहे हैं। और बदक़िस्मती इस बात की है कि यहां बचे रह गए लोगों तक किसी भी तरह की मदद पहुँचाना क़रीब क़रीब नामुमकिन सा हो गया है।

क्या अजीब क़िस्मत है इस शहर की जहां रहने वाले लोगों के लिए न तो ढंग से ज़िंदगी जीने लायक उम्मीद ही बची है और न ही चैन की मौत का सपना यहां के लोग देख पा रहे हैं।

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