रूस के विदेश मंत्री की पश्चिमी देशों को चुनौती, तीसरे विश्व युद्ध का ख़तरा अब इसलिए ज़्यादा बढ़ा

तीसरे विश्व युद्ध का गहराया ख़तरा, रूस को रोकने की नई कवायद, रूस को रोकने की पश्चिमी देशों का नया प्लान, Russia Ukraine War 40 countries to hold talks in Germany on bolstering Ukraine defence

CrimeTak

26 Apr 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:17 PM)

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Russia Ukraine War: जंग के 62 दिन गुज़र जाने के बाद भी अभी तक ये रास्ता नहीं दिखाई दे रहा है कि आखिर रूस और यूक्रेन के बीच ठनी ये लड़ाई आखिर किस तरफ जा रही है। दुनिया को ये भी समझ नहीं आ पा रहा है कि आखिर रूस क्या चाह रहा है? दुनिया ये भी अनुमान लगाने में बस कयासों के सहारे है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का अगला क़दम क्या होगा? मगर इसी बीच एक ख़बर ने सामने आकर ये बात तो साफ कर ही दी कि रूस अब अपने हमले और ज़्यादा तेज़ करने वाला है क्योंकि बात और भी ज़्यादा बिगड़ने लगी है।

अगर रूसी विदेशी मंत्री सर्गेई लावरोव की बातों पर यक़ीन किया जाए तो उन्होंने पश्चिमी देशों को साफ साफ चेतावनी दे डाली है। उनका कहना है कि नाटो और पश्चिमी देशों की हरक़त बात को और बढ़ाने की कोशिश में लगी हुई हैं। अब चूंकि यूक्रेन को पश्चिम के कुछ देशों ने हथियार देने का सीधा सीधा ऐलान कर दिया है तो रूस ने भी पश्चिमी देशों को अंजाम भुगतने की चेतावनी दे दी है।

Russia Ukraine War: लावरोव ने कहा है कि तीसरे विश्व युद्ध का ख़तरा सिर्फ हवा हवाई नहीं बल्कि असली है, और इसे सभी को गंभीरता से लेने की ज़रूरत है। रूसी विदेश मंत्री ने यूक्रेन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उसका रवैया ऐसा लग रहा है कि वो किसी भी तरह से शांति का पक्षधर नहीं है।

26 अप्रैल की शाम पश्चिम देशों के साथ साथ अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की एक बैठक होने वाली है। जिसमें इस बात पर मुहर लगनी बाकी है कि जंग की आग में झुलस रहे यूक्रेन को और हथियार कब और कैसे मुहैया करवाए जाए। यूक्रेन को हथियार न देने के लिए रूस पहले ही पश्चिमी देशों को आगाह कर चुका है।

उधर अमेरिका का कहना है कि यूक्रेन के लोग इस जंग में रूसी सेना का मुकाबला कर सकें और उनके सामने डटकर खड़े हो सकें इसके लिए ज़रूरी है कि उन्हें हथियार दिए जाएं। इसी बीच जर्मनी ने भी यूक्रेन को हथियार देने का फैसला कर लिया है। हालांकि कुछ अरसा पहले ही जर्मनी ने इस बात से इनकार कर दिया था कि वो रूस के खिलाफ़ जंग में यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई नहीं करेगा।

Russia Ukraine War: खबर यही सामने आ रही है कि जर्मनी यूक्रेन को 50 गेपर्ड टैंक की सप्लाई करेगा। पहले उसने इस खेप को यूक्रेन भेजने से इनकार कर दिया था। माना जा रहा है कि जर्मनी ने एक तरह से यूरोपीय यूनियन की सुरक्षा से समझौता कर लिया है।

रूस ने इस बात की धमकी दी थी कि अगर जर्मनी यूक्रेन को टैंक बेचता है तो उसे इसका अंजाम भुगतना पड़ सकता है। उधर फरवरी के महीने से जर्मनी की श्कोल्ज़ सरकार इसी फिराक़ में थी कि किसी तरह वो अपने टैंक यूक्रेन को बेच दे। इसके लिए जर्मनी की डिफेंस इंडस्ट्री ने पहले कोशिश करने के बाद फिर अपने क़दम वापस खींच लिए थे। लेकिन जब जर्मनी में उसके इस फैसले का विरोध होने लगा तो उसने फिर से यूक्रेन को टैंक देने का फैसला किया है।

जर्मनी के टैंक बेचने के फैसले और अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की नई रणनीति के बाद रूस ने फिर से अपना रुख कड़ा किया है और कहा है कि पश्चिमी ताक़तें इस मामले में जबरदस्ती अपनी टांग फंसाने की फिराक में लगी हुई हैं। जो कि सही नहीं है। इसकी वजह से परमाणु हमले का ख़तरा बढ़ सकता है।

Russia Ukraine War: रूस की समाचार एजेंसी के माध्यम से रूसी विदेश मंत्री ने चेतावनी दी है कि तीसरे विश्वयुद्ध के ख़तरे को पश्चिमी देश किसी भी सूरत टालना ही नहीं चाहती।

उधर पिछले दो महीनों से यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने पश्चिमी देशों से हथियारों की मांग की है। ज़ेलेन्स्की ने कहा है कि उन्हें गोला बारूद और फाइटर जेट्स की सख्त ज़रूरत है। ज़ेलेन्स्की ने ये कहना शुरू कर दिया है कि अगर उन्हें जंग के लिए हथियार और गोला बारूद मिलता है तो उनके सैनिक इस जंग का रुख ही बदलने की हिम्मत और हैसियत दोनों रखते हैं।

उधर अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की से मुलाक़ात की और 700 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त सहायता देने की घोषणा कर दी।

Russia Ukraine War: उधर 26 की रात यूरोप में 40 देशों के राष्ट्राध्यक्ष जर्मनी में होने वाले एक सुरक्षा सम्मेलन में शिरकत करने वाले हैं जिसमें ये तय होना है कि यूक्रेन को हथियार कब कैसे और कहां मुहैया करवाए जा सकें ताकि वो खुलकर और डटकर रूसी सेना का मुकाबला कर सके। बताया तो ये भी जा रहा है कि जर्मनी के इस सम्मेलन में यूरोपीय देशों के साथ साथ ऑस्ट्रेलिया और जापान भी शिकरत करेंगे।

इन तमाम देशों का मानना है कि यूक्रेन में रूस के हमले और उसकी जीत सीधे तौर पर चीन की विस्तारवादी नीति के मंसूबों को बढ़ावा दे सकती है।

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