बोरीवली थाने में दारोगा की खुली गुंडई, कॉलर पकड़कर बोला, तुझे दिखाता हूँ, कैसे केस बनता है

Mumbai Police Crime: मुंबई के बोरीवली थाने में एक दारोगा की गुंडई (Rogue cop) और हाईवोल्टेज ड्रामे (high Voltage Drama) की वजह से पुलिस महकमे की नाक कट गई।

CrimeTak

07 Nov 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:29 PM)

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Mumbai Police Crime: वर्दी की ताक़त के नशे (Drunk on power) में चूर मुंबई पुलिस का एक दारोगा सरेआम गुंडा बन गया और उसने जो हरकत की उसकी वजह से महमके की नाक तक कट ( potential damage) गई। सबसे हैरानी की बात ये है कि उस सिपाही की हरकतों की हनक ऐसी की पुलिस महकमा (Police Department) भी उसके खिलाफ एक्शन (Action) लेने में हिचक रहा है।

ये क़िस्सा बोरिवली पुलिस थाने का है। यहां एक पुलिस वाला है। असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सतीश वायल। तमाशा उस वक़्त शुरु हुआ जब शनिवार को गुलमोहर रोड पर सतीश वायल की कार ने सड़क पर एक सीनियर सिटीजन की कार का रास्ता रोक कर रोड ब्लॉक कर दी थी।

हुआ यूं कि गुलमोहर स्ट्रीट पर अक्सर जाम लगता है, लिहाजा यहां बीएमसी की तरफ से पे एंड पार्क की सुविधा मुहैया करवा रखी है। उसी पार्किंग में एक सीनियर सिटीजन की कार के आगे सतीश वायल ने अपनी कार जिसका नंबर है MH21BO8294, उस कार को कुछ इस तरह से खड़ी की कि उन बुजुर्गवार की कार वहां से नहीं निकल सकती थी।

जब सीनियर सिटीजन ने कार पार्किंग के ठेकेदार से कहा कि रास्ता रोकने वाली कार को वहां से हटाया जाए तो कार के डैश बोर्ड पर रखी इंस्पेक्टर वाली कैप देखकर वो डर गया और सीनियर सिटीजन से इंतजार करने को कहा।

Rogue Cop News: इसी बीच मिड डे अखबार का एक पत्रकार शिरिष वकटानिया भी वहां पहुँच गया। उसने जब वहां एक बुजुर्ग वार को एक गलत तरीके से की गई कार पार्क की वजह से फंसे हुए देखा तो पत्रकार ने फौरन सतीश वायल की कार की फोटो खींच ली।

इतना ही नहीं उस पत्रकार ने ये भी देखा की उसी जगह एक और महिला सब इंस्पेक्टर भी तैनात थी, जिसका नाम माने बताया गया, उसने भी बुजुर्ग दंपत्ति की सहायता नहीं की और वो कार की वजह से करीब एक घंटे तक वहीं परेशान होते रहे।

इसी बीच घंटा भर गुज़र जाने के बाद सतीश वायल मौके पर पहुँचा। ऐन उसी वक़्त उस महिला पुलिसकर्मी ने आकर पत्रकार शिरिष वकटानिया से वो मोबाइल छीन लिया जिससे उसने सतीश वायल की गाड़ी की फोटो खींची थी।

इसे देखकर सतीष वायल बुरी तरह से उखड़ गया। सतीश वायल ने गुस्से में लपककर शिरिष का गिरेबां पकड़ लिया। और जैसे ही शिरिष ने उससे कहा कि वो मीडिया से है, सतीश पूरा जोर लगाकर गला फाड़ फाड़कर उस पर चिल्लाने लगा।

इसके बाद उसने गिरेबां पकड़कर ही कहा कि तेरे पर तो मैं चोरी का चार्ज लगाऊंगा। चला थाने, तुम रिपोर्टर लोग वसूली करते हो...तुम मेरी गाड़ी पर नज़र रखे हुए था...अब तू देख ...तेरे ऊपर कैसे केस बनाता हूँ।

इसके बाद वो पुलिसवाला पत्रकार को घसीटता हुआ सीधा बोरिवली थाने जा पहुँचा। थाने में जब एक ड्यूटी ऑफिसर कल्यान पाटिल ने इस मामले में दखल दिया तब जाकर मामला कुछ हद तक शांत हुआ।

हालांकि सतीश वायल ने पत्रकार पर इल्ज़ाम लगाया कि उसने अपनी कार सड़क पर पार्क की जिसकी वजह से उसे वो पकड़कर थाने लाया है। लेकिन यहां दांव थोड़ा उलटा ही पड़ गया जब कल्याण पाटिल ने उसे समझाया कि वो जब अपनी निजी कार से उसे लेकर आया तो यही बात जांच के दायरे में चली जाएगी। तो सतीश वायल थोड़ा शांत हुआ।

Crime In Police Station: इसी बीच वो बुजुर्गवार मिस्टर शर्मा भी वहीं थाने पहुँच गए जहां उन्होंने देखा कि सतीश वायल और ड्यूटी ऑफिसर कल्याण पाटिल को पत्रकार शिरिष वकटानिया को ही धमकाते दिखाई दिए। वो दोनों पत्रकार शिरिश से कह रहे थे कि जो उसने मोबाइल पर सतीश की कार की फोटो ली है उसे किसी भी हाल में डिलीट कर दे।

अपनी बात को वजन देने के लिए और पत्रकार को धमकाने के लिए सतीश बार बार पत्रकार से कहता जा रहा था कि, देखो मैं तुम्हें बताता हूं कि तुम पर कैसे केस बनाता हूं...।

ड्यूटी ऑफिसर और पुलिस अफसर सतीश वायल की बात को सुनकर मिस्टर शर्मा ने उसी वक़्त नॉर्थ के एडिश्नल कमिश्नर वीरेंद्र मिश्रा को फोन मिला दिया। वीरेंद्र मिश्रा ने फौरन ही दो ऑफिसर को तैनात करके पूरे मामले की तहकीकात करने और उसकी रिपोर्ट देने को कहा।

बात जैसे ही महकमे के बड़े अफसर तक पहुँची तो देखते ही देखते थाने में सन्नाटा छा गया। जो सतीश अभई तक चीख रहा था, उसकी घिग्घी बंद चुकी थी। इसी बीच थाने में डीसीपी ठाकुर पहुँच गए।

उन्होंने सबसे पहले पत्रकार से मुलाकात की और फिर सतीश वायल से कहा कि फौरन माफी मांगकर इस मामले को फौरन खत्म करने को कहा। पत्रकार ने सिर्फ सतीश वायल से इतना ही कहा कि वो अपनी वर्दी की ताकत का बेजा इस्तेमाल न करे।

इसके बाद डीसीपी ठाकुर ने पत्रकार से गुजारिश की कि थाने में जो कुछ भी हुआ उसके बारे में कोई लेख या रिपोर्ट न छापी जाए और इस मामले को यहीं खत्म कर दिया जाए। इसके बाद उन्होंने इस मामले को सुलझाने के लिए अपना पुलिसिया फॉर्मूला लगाया।

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