लाल किले पर हमले के दोषी PAK आतंकी की फांसी की सजा पर राष्ट्रपति की मुहर! क्या अब हो पाएगी आतंकी को फांसी?

Lal Quila Case: लाल किले पर हमले को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने आतंकी ​​अशफाक को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उसकी दया याचिका खारिज कर दी है। 

CrimeTak

12 Jun 2024 (अपडेटेड: Jun 12 2024 8:34 PM)

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Delhi: लाल किले पर हमले को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने आतंकी अशफाक को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उसकी दया याचिका खारिज कर दी है। इससे पहले अशफाक की तरफ से कई बार याचिकाएं लगा कर देरी की गई, लेकिन राष्ट्रपति के इस आदेश से कई बातें साफ हो गई हैं। इस आदेश से अशफाक की फांसी का रास्ता साफ हो गया है। साल 2022 नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने अशफाक की समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी। उसे मौत की सजा सुनाई गई थी। इस बीच उसने दया याचिका राष्ट्रपति के पास दाखिल की थी। ये हमला 24 साल पहले हुआ था।

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने दूसरी दया याचिका खारिज की 

राष्ट्रपति द्वारा 25 जुलाई, 2022 को कार्यभार संभालने के बाद यह दूसरी दया याचिका खारिज की गई है। कोर्ट ने साफ कहा था कि लाल किले पर हमला देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता पर हमला है। 22 दिसंबर, 2000 को आतंकियों ने लाल किला परिसर में तैनात 7 राजपूताना राइफल्स यूनिट पर गोलीबारी की थी। इससे वहां तैनात तीन सैनिकों की मौत हुई थी। आतंकी अशफाक लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य था। लाल किले पर हमले के चार दिन बाद दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। 

सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में मौत की सजा बरकरार रखी थी

सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत 2022 में सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आरोपी मोहम्मद आरिफ उर्फ ​​अशफाक एक पाकिस्तानी नागरिक है और उसने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था। अदालत ने उसे अन्य आतंकवादियों के साथ मिलकर हमला करने का दोषी पाय था। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने अक्टूबर 2005 में उसे मौत की सजा सुनाई थी। दिल्ली उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में आरोपी की तरफ से कई बार याचिकाएं दाखिल की गई जिससे न्यायिक प्रक्रिया में इतनी देर हुई।

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