Rajiv Gandhi Assassination: कौन हैं राजीव गांधी हत्याकांड के वो 7 आरोपी जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का दिया आदेश

Rajiv Gandhi: राजीव गांधी हत्याकांड में यूं तो कुल 26 आरोपी थी जिनमें से 19 पहले ही रिहा किए जा चुके हैं।

CrimeTak

11 Nov 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:30 PM)

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Rajiv Gandhi Assassination: राजीव गांधी हत्याकांड (Assassination) में सात आरोपियों (Seven Accused) को पहले फांसी की सजा (Death Sentence) सुनाई गई थी। बाद में यह सजा उम्रकैद में बदल दी गई। अब देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने सभी दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया है। आईए आपको मिलवाते हैं उन सात आरोपियों से।

मुरुगन

मुरुगन नाम का आरोपी जो कि श्रीलंका के जाफना से भारत आया था। मुरुगन बम बनाने में माहिर था और LTTE का ट्रेनर था। मुरुगन नलिनी श्रीहरन का पति था। गौरतलब है कि नलिनी भी हत्या के इस षड्यंत्र में बारबर से शामिल थी। इन दोनों पति-पत्नी को साल 1999 में फांसी की सजा का ऐलान किया था।

सजा के दौरान ही नलिनी ने जेल में एक बच्ची को जन्म दिया था। बेटी पादा होने के बाद नलिनी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया था। जेल में बंद मुरुगन ने अपनी बीमारी के चलते ही कोर्ट से मर्सी किलिंग की गुजारिश की थी।

नलिनी श्रीहरन

नलिनी का पूरा नाम नलिनी श्रीहरन है। नलिनी ने चेन्नई से ग्रेजुएशन किया था। जब राजी गांधी पर हमला हुआ तब नलिनी वह चेन्नई की प्राइवेट कंपनी में स्टेनोग्राफर थी। हैरानी की बात ये है कि सुनवाई के नलिनी के कबूल किया कि वो LTTE के संपर्क में थी। जल्द ही वो LTTE संगठन की सक्रिय सदस्य बन गई थी।  उसका भाई पीएस भाग्यनाथन भी भी LTTE  से जुड़ा हुआ था।

ए जी पेरारिवलन

राजीव गांधी हत्याकांड के तीसरे आरोपी ए जी पेरारिवलन तमिलानाडु के वेल्लोर जिले का रहने वाला है। राजीव गांधी हत्याकांड के वक्त पेरावलन इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में डिप्लोमा कर रहा था। 18 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील किया था।

हाल ही में राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने एजी पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया था। जेल में रहकर ही पेरारिवलन ने एमसीए किया था। ये परीक्षा पेरारिवलन ने करीब 90 प्रतिशत अंको से पास की थी। तमिलनाडु की एक परीक्षा में पेरारिवलन गोल्ड मेडलिस्ट भी था।

संथन

संथन भी LTTE का सक्रिय सदस्य था। बम धमाके में संथन का अहम रोल था। संथन राजीव गांधी को बम से उड़ाने वाली ह्यूमन बम धनु का बेद कराबी था। संथन लगातार LTTE के इंटेलिजेंस हेड पोट्टू अम्मान के संपर्क में था। जांच केदौरान नलिनी ने संथन के बारे में चौंकाने वाला खुलासा किया था। नलिनी ने जांच एजेंसियों को बताया कि संथन बेहद खतरनाक है और वो ऐसे किसी भी शख्स को जिंदा नहीं छोड़ता जिसने उनसे धोखा किया हो।

जयकुमारन

जयकुमारन भी LTTE का सक्रिय सदस्य था। जयकुमारन को LTTE ने ही भारत भेजा था ताकि वो धमाके को अंजाम देने वालों को शेल्टर मुहैया करा सके। बाद में जांच के दौरान खुलासा हुआ कि जयकुमारन की बम धमाकों के आरोपी पयास का रिश्तेदार है। जयकुमारन की बहन की शादी पयास से हुई थी।

पयास

पयास भी LTTE का सक्रिय सदस्य था। पयास पर आतंकियों को हथियार बम मुहैया कराने की जिम्मेदारी थी। पयास ने अपने साले जयकुमारन के साथ मिलकर सभी आरोपियों को शेल्टर मुहैया कराए थे। पयास को भी फांसी की सजा हुई थी जिसे बाद में आजीवन कारावासा में बदल दिया गया था।

पी. रविचंद्रन

पी. रविचंद्रन भी LTTE से सीधे तौर पर जुड़ा था और संगठन का एक सक्रिय सदस्य था। पी. रविचंद्रन ने LTTE श्रीलंका कैंप में हथियारों की ट्रेनिंग भी ली थी। पी. रविचंद्रन LTTE के बड़े नेताओं से जुड़ा हुआ था। बताते हैं कि रविंद्रन की मुलाकात शिवरासन से भी हुई थी। शिवरासन की ही देख रेख में राजीव गांधी पर हमले को अंजाम दिया गया था। शिवरासन ने राजी गांधी पर हमले के बाद खुदकुशी कर ली थी।

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