Rajiv Gandhi assassination Case : राजीव गांधी के हत्यारों को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है। हाल ही में मई के महीने में राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एजी पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया था। अदालत ने जेल में अच्छे बर्ताव के कारण उसे रिहा करने का आदेश दिया था। इस मामले में कुल 26 आरोपी थे। 19 आरोपियों को इस मामले में रिहा कर दिया गया था। सात दोषियों को पहले फांसी की सजा मिली थी। बाद में इसे उम्र कैद में तब्दील कर दिया गया था। 1 दोषी को पहले ही कोर्ट ने रिहा कर दिया था। अब 6 आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया है।
Rajiv Gandhi assassination Case : इस वजह से सुप्रीम कोर्ट ने रिहा किया राजीव गांधी के हत्यारों को
Rajiv Gandhi assassination : राजीव गांधी के हत्यारों को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है। इसमें आरोपी नलिनी और आर पी रविचंद्रन भी शामिल है।
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11 Nov 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:30 PM)
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राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी, रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार, और रॉबर्ट पॉयस को रिहा करने के आदेश दिया है। पेरारिवलन पहले ही इस मामले में रिहा हो चुका है।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने ?
कोर्ट ने कहा, 'लंबे समय से राज्यपाल ने कदम नहीं उठाया तो हम उठा रहे हैं। इस मामले में दोषी करार दिए गए पेरारीवलन की रिहाई का आदेश बाकी दोषियों पर भी लागू होगा।'
कोर्ट ने कहा - तमिलनाडु की राज्य कैबिनेट ने सभी आवेदकों को रिहा करने का सितंबर 2018 का प्रस्ताव पारित किया है, उसके बाद कुछ अन्य घटनाक्रम भी हुए हैं। इस अदालत ने इस मुद्दे पर अंततः विचार किया कि क्या राज्यपाल राज्य सरकार के फैसले से बाध्य है और क्या वह इस मामले को अपनी राय के लिए केंद्र को भेज सकता है। इस मामले का फैसला इस अदालत ने मई 2022 में किया था। अदालत ने माना कि 302 के मामले में छूट के मामले में राज्यपाल कैबिनेट की सलाह से बाध्य हैं।
पहले पेरारिवलन को किया था रिहा
इससे पहले जस्टिस एल नागेश्वर की बेंट ने आर्टिकल 142 का इस्तेमाल करते हुए आरोपी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था। पेरारिवलन 30 साल से ज्यादा लंबे वक्त से जेल में बंद था।
इससे पहले 9 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एजी पेरारिवलन को जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने उसे अच्छे बर्ताव के कारण जमानत दी थी। साथ ही ये भी कहा था कि पेरारिवलन जब भी पैरोल पर बाहर आया, तब भी उसकी कोई शिकायत नहीं आई थी।
47 साल के पेरारिवलन ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही थी। याचिका में मांग की गई थी कि जब तक मल्टी डिसिप्लीनरी मॉनिटरिंग एजेंसी जांच कर रही है, तब तक उसकी उम्रकैद की सजा को रोक दिया जाए।
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