Rajasthan News: राजस्थान (Rajasthan) के टोंक (Tonk) में घर के बाहर नज़र आये सपोले (Sapola) तो पूरा परिवार चौंक गया, जब नाले के पास खुदाई की लगभग 250 से ज्यादा सांप के अंडे (Snake Egg) निकले, कई में से सपोले भी बाहर आ चुके थे, लोगों ने वन विभाग को इस बारे में नहीं बताया बल्कि इसके बजाए सभी अंडों और सपोलों को खुद ही नष्ट कर दिया. सांप या सपोले चाहे जहरीले हों या फिर ना हो उन्हें देखे जाने के बाद किसी के भी शरीर में सिहरन दोड़ जाना और पसीने छूट जाना स्वाभाविक है. लेकिन हम आपको जो बताने जा रहे हैं उसे देखकर आप भी चौंक जायेगें. टोंक जिले के टोडारायसिंह उपखंड के मोर गांव में चार-पांच सपोलों के नज़र आने के बाद वहां नजर आये बिल की खुदाई के दौरान सांप के लगभग 250 से ज्यादा अंडे और सपोले देखे जाने के बाद लोग हैरान रह गये.
घर में से निकले 250 से भी ज्यादा सांप के अंडे, बाहर निकल कर घूमने लगे सपोले
Rajasthan News: राजस्थान के टोंक में 250 से ज्यादा सांप के बच्चों को जान से मार डाला, कुछ जिंदा और कुछ मरे हुए थे सपोले.
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10 May 2023 (अपडेटेड: May 10 2023 2:03 PM)
Snake Viral News: वहां मौजूद लोगों नें कई अंडों को फोड़ कर उसमें से सपोलों को निकालना भी शुरू कर दिया. इतने सारे अंडे और सपोले एक साथ नज़र आने के बाद घबराये मकान मालिक और बाकी लोगों ने कई सपोलों को मौत के घाट उतार दिया तो कई अंडो और सपोलों को गांव से दूर जंगल में फैंक दिया. सर्प विशेषज्ञ विवेक शर्मा, रॉकी डेनियल और जय कुमार ने बताया कि ये अंडे और सपोले सामान्य रूप से नदी नालों में पाये जाने वाले पानी के सांप यानि की चैकर्ड कील बेक के थे जिनका कि इन दिनों प्रजनन का समय चल रहा है. सांपों की ये प्रजाति पूरी तरह से विषहीन होती है, जिसका मतलब होता है कि इनमें जहर नहीं होता है.
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इतने सारे अंडे-सपोले एक साथ कैसे मिले?
सर्प विशेषज्ञ बताते हैं कि कील बेक की मादा एक बार में 40-50 अंडे देती है और लगभग 60-70 दिनों के बाद उनमें से सपोलों का निकलना शुरू हो जाता है. इतने सारे अंडों और सपोलों के मिलने के पीछे ये अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां कुछ मादाओं ने समूह में अंडों का निषेचन किया होगा.
वैज्ञानिक तरीके से अंडों से निकाले जा सकते थे सपोले
सर्प विशेषज्ञों के अनुसार ग्रामीणों ने जिस तरह से अंडे तोड़े और कुछ सपोलों को जिंदा या मारकर सुनसान ईलाके में छोड़ा जो पूरी तरह से ग़लत है. इन अंडों से विशेषज्ञों की देखरेख में वैज्ञानिक तरीके से सपोलों का जन्म कराया जा सकता था.
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