Lady Don Anuradha: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मैराथन ऑपरेशन के बाद साल 2021 में जुर्म की दुनिया का कुख्यात गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी की गिरफ्तारी की थी। काला जठेड़ी के साथ उसकी हमनवां लेडी डॉन भी पकड़ी गई है। इस लेडी डॉन का नाम है अनुराधा। जी हां जरायम की दुनिया में इस लेडी डॉन को मैडम मिंज के नाम से पुकारा जाता है।
लेडी डॉन अनुराधा की क्राइम कुंडली, बचपन में उठा मां का साया, उठाई AK-47, बन गई किडनैपिंग एक्सपर्ट 'मैडम मिंज'
Delhi Crime: दूल्हे काला जठेड़ी पर हैं 40 से ज्यादा केस तो दुल्हन भी नहीं हैं कम, देखिए लेडी डॉन के गुनाहों की लिस्ट।
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जांच में जुटी पुलिस
11 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 11 2024 12:35 PM)
खूबसूरत चेहरा, शातिर दिमाग, AK-47 का शौक
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अब उसी लेडी डॉन और गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी की शादी हो रही है। दरअसल अनुराधा की बात करें तो बचपन में साधारण सी दिखने वाली ये लेडी डॉन पढ़ाई में अव्वल थी। लेकिन कम उम्र में ही अनुराधा के सिर से उसकी मां का साया उठ गया। इससे वो मजबूत बनती चली गई। पिता मजदूरी करते थे लेकिन इसने पढ़ाई की। बीसीए किया और फिर अपनी मर्जी से शादी भी की।
शुरु हुआ जरायम की दुनिया का सफर
अनुराधा की शादी दीपक मिन्ज से हुई। बताया जाता है कि अनुराधा के अपराध का सफर शेयर बाजार में हुए कर्ज से शुरू हुआ। उसके पति फैलिक्स दीपक मिंज ने राजस्थान के सीकर में शेयर ट्रेडिंग का काम शुरू किया। दोनों ने ख़ुद का बिजनेस शुरू किया। राजस्थान के सीकर में शेयर ट्रेडिंग का उनका बिजनेस चलने लगा। शुरू में लाखों रुपये लगाए. काफी फायदा भी हुआ लेकिन एक वक़्त आया जब इनका बिजनेस चौपट होने लगा और फिर ये करोड़ों रुपये कर्ज में डूब गए. और फिर यहीं से शुरू हुई जुर्म की दुनिया। हालांकि, अनुराधा के जुर्म की दुनिया में आने के बाद पति अलग हो गया था।
कर्ज लौटाने का बढ़ा दबाव तो बनी लेडी डॉन
शेयर में करोड़ों रुपये का कर्ज होने की वजह से उसे लौटाने का दबाव बढ़ता जा रहा था लेकिन इसके पास पैसे नहीं थे. ऐसे में उसका संपर्क हिस्ट्रीशीटर बलबीर बानूड़ा से हुआ। लेकिन ये पैसे देने में असमर्थ था इसलिए बलबीर ने कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह से अनुराधा की मुलाकात कराई। अब आनंद पाल देसी टाइप का अपराधी था लेकिन अनुराधा ने उसे अंग्रेजी बोलना सिखाया। धीरे-धीरे आनंद को अनुराध का स्टाइल अच्छा लगा तो वो भी स्टाइलिश बनने लगा।
शादी करने जा रही लेडी डॉन की कहानी
अब अनुराधा ही आनंद हा क्राइम प्लान बनाने लगी थी। अनुराधा ने आनंद को अंग्रेजी सिखाई तो बदले में उससे AK-47 जैसे आधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली। कुछ समय बाद ही अनुराधा एके-47 चलाने में ट्रेंड हो गई। अब ये आनंद पाल के गैंग को मिलकर ऑपरेट करने लगी। किसे और कब अगवा करना है. कैसे फिरौती मांगनी है। सबकुछ यही प्लान करने लगी. यही वजह है कि सीकर में एक व्यापारी के अपहरण के मामले में पुलिस ने अनुराधा पर 5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था और अब अनुराध मैडम मिंज के नाम से जुर्म की दुनिया में नई पहचान बना ली।
पाकिस्तानी एजेंट को मारने के लिए दो-दो डॉन का सहारा
27 जून 2006 को बहुचर्चित जीवणराम गोदारा हत्याकांड घटना के मुख्य गवाह प्रमोद चौधरी के भाई इंद्रचंद को अगवा करने में इसी लेडी डॉन का हाथ माना जाता है। गैंगस्टर आनंदपाल को पुलिस ने जब एनकाउंटर में मार गिराया तो वो खुद ही गैंग चलाने लगी थी। दिल्ली पुलिस ने जब इसे गिरफ्तार किया तो लेडी डॉन पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित था। अपने हाल के इंटरव्यू में अनुराधा ने मीडिया से कहा कि अब वो जठेड़ी से शादी के बाद एनजीओ चलाना चाहती हैं। वो चाहती हैं कि आज के दौर के युवा क्राइम सिंडिकेट के दलदल में ना फंसे।
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