विशाल शर्मा की रिपोर्ट
सब-इंस्पेक्टर परीक्षा में हुई फेल तो बन गई फर्जी थानेदार, RPA में ली ट्रेनिंग, झाड़ने लगी वर्दी का रौब, मिलिए नकली थानेदार से!
Rajasthan Crime News: वर्दी पहन पुलिस के बड़े-बड़े अफसरों के साथ फोटो और वीडियो शेयर करने वाली फर्जी थानेदार वर्दी की धौंस में असली थानेदारों तक को धमका देती।
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जांच में जुटी पुलिस
03 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 3 2023 6:25 PM)
Rajasthan Crime News: ट्रक ड्राइवर की बेटी सब-इंस्पेक्टर परीक्षा में पास नहीं हुई तो फर्जी थानेदार बनकर राजस्थान पुलिस को ऐसा चकमा दिया की पुलिस के होश फाख्ता हो गए। बिना पुलिस की भर्ती परीक्षा पास किए राजस्थान पुलिस एकादमी में 2 साल तक पुलिस की ट्रेनिंग तक लें ली। यही नहीं सोशल मीडिया पर वर्दी पहन पुलिस के बड़े-बड़े अफसरों के साथ फोटो और वीडियो शेयर करने वाली फर्जी थानेदार वर्दी की धौंस में असली थानेदारों तक को धमका देती लेकिन जब राज खुला और थाने में रिपोर्ट हुई तो अब भागी-भागी फिर रही है।
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बड़े-बड़े अफसरों के साथ फोटो और वीडियो शेयर करने वाली फर्जी थानेदार
शास्त्रीनगर थानाधिकारी किशोर सिंह ने क्राइम तक संवाददाता को बताया कि आरपीए के संचित निरीक्षक रमेशसिंह मीणा ने बीते 29 सितंबर को मोना बुगालिया नाम की युवती के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है, जिसमें बताया गया है कि मोना 11 सितंबर से 23 सितंबर तक सेंडवीच कोर्स में फर्जी सब-इंस्पेक्टर बनकर ट्रेनिंग करने पर आईपीसी की धारा 419,468,469 व 66DIT ACT और धारा 61 राजस्थान पुलिस एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ है।
मोना बुगालिया नाम की युवती के खिलाफ मामला दर्ज
रिपोर्ट में बताया गया कि नागौर जिले के निम्बा के बास की रहने वाली मोना बुगालिया सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रही थी लेकिन उसका चयन नहीं हुआ। तीन साल पहले जब परिणाम आया तो मोना ने खुद के सब-इंस्पेक्टर में चयनित होने की झूठी खबर गांव में फैला दी। इसके बाद राजस्थान पुलिस एकेडमी में असली चयनित सब इंस्पेक्टर के बैच 48 की ट्रेनिंग 9 जुलाई 2021 से 4 सितंबर 2022 तक हुई। इसके बाद 5 सितंबर 2022 से 10 सितंबर 2023 तक फील्ड ट्रेनिंग हुई।
सब-इंस्पेक्टर में चयनित होने की झूठी खबर गांव में फैलाई
ठीक इसी के आस पास स्पोर्ट्स कोटे के भी सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग चल रही थी। लेकिन फर्जी मोना इतनी शातिर थी की बाकी केंडिडेट्स को गुमराह कर दोनों को अलग अलग जानकारियां देकर दो साल तक फर्जी तरीके से पुलिस सेंटर में ट्रेनिंग लेती रही। इसका RPA के किसी भी अधिकारी को मोना पर शक तक नहीं हुआ। मोना आरपीए ट्रेनिंग सेंटर में अलग-अलग बैच के केंडिडेट्स के ट्रेनिंग करने के कंन्फ्यूजन का फायदा उठा धौंस जमाने लगी। लेकिन एक दिन सब इंस्पेक्टर के व्हाट्सअप ग्रुप में किसी टॉपिक को लेकर चर्चा हुई तभी मोना ने दूसरे सब इंस्पेक्टर को ट्रेनिंग सेंटर से बाहर निकलवाने की धमकी दी।
सब इंस्पेक्टर को ट्रेनिंग सेंटर से बाहर निकलवाने की धमकी
इस बहस के बाद सब इंस्पेक्टर ने उच्च स्तर पर शिकायत की तो मोना के बारे में जांच पड़ताल हुई लेकिन बैच में मोना का दूर-दूर तक नाम तक नहीं था। जबकि वो थानेदार की वर्दी पर वीआईपी ट्रीटमेंट तक लेने लगी। यही नहीं पूर्व डीजीपी से लेकर वर्तमान एडीजी क्राइम तक के साथ तस्वीरें खिंचवा सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सुर्खियों में आ गई लेकिन यही झूठी लाइमलाइट अब उसके लिए मुसीबत बन गई है और पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है।
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