Rajasthan News: सीआई फूल मोहम्मद को जीप में जलाने वाले 30 आरोपियों को उम्रकैद, 11 साल बाद फैसला

Rajasthan Case: 11 साल पहले सीआई को जिंदा जलाने का खौफनाक मामला सामने आया था, सीबीआई ने इस मामले में 79 लोगों को आरोपी बनवाया था।

CrimeTak

18 Nov 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:30 PM)

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CI Murder Case CBI: राजस्थान के सवाईमाधोपुर में सीआई (CI) फूल मोहम्मद (Phool Mohammad) को 11 साल पहले उन्मादी भीड़ (Mob) ने जिंदा जला दिया था। इस केस की जांच सीबीआई कर रही है। अदालत ने अब 11 साल बाद फैसला देते हुए 30 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने इस केस में तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र सिंह कालबेलिया समेत 30 आरोपियों को दोषी करार दिया है।

अदालत ने सजा के साथ साथ दो हजार रुपये से पचास हजार रुपये तक का जुर्माना भी लगाया है। सीबीआई ने राजस्थान सरकार के अनुरोध पर 30 जून 2011 को यह मामला दर्ज किया था और राज्य पुलिस के पास पूर्व में दर्ज मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। यहां साम्प्रदायिक दंगे के दौरान एसएचओ फूल मोहम्मद की हत्या कर दी गई थी। फूल मोहम्मद सरकारी वाहन को दंगाई भीड़ ने जला दिया था। जिसमें फूल मोहम्मद की जिंदा जल कर मौत हो गई थी।

घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने 17 मार्च 2011 को मेन टाउन पुलिस स्टेशन, सवाई माधोपुर में 21 आरोपियों और अज्ञात अन्य के खिलाफ आईपीसी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम 1984 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और तुरंत मामला सीआईडी ​​राजस्थान को स्थानांतरित कर दिया गया था। प्रारंभिक जांच के बाद सीआईडी ​​राजस्थान ने 21 जून 2011 को सीजेएम, सवाई माधोपुर के समक्ष 19 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया और आगे की जांच जारी रखी गई थी।  

जांच के बाद सीबीआई ने 15 दिसंबर 2011 को 02 नाबालिगों सहित 89 अभियुक्तों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया था। जांच के दौरान यह पाया गया कि महेंद्र सिंह तंवर, तत्कालीन डीएसपी की तत्कालीन एसएचओ फूल मोहम्मद से कई बहाने से निजी रंजिश थी। इस प्रकार उन्होंने कथित तौर पर क्षेत्र के एक अन्य आरोपी के साथ मिलकर साजिश रची।

डीएसपी ने प्रदर्शनकारियों को भड़काकर अपराध के लिए उकसाया और उक्त एसएचओ के खिलाफ साजिश रची। इसके अलावा घटना के दिन वह स्थिति को नियंत्रित करने के बजाय मौके से भाग गया और पर्यवेक्षक अधिकारियों को भी गलत सूचना दी कि वह घटना स्थल पर स्थिति को नियंत्रित कर रहा था। 11 साल के दौरान 05 अभियुक्तों की मृत्यु हो चुकी है जबकि 03 फरार हो गए।

सजायाफ्ता में महेंद्र सिंह तंवर उर्फ ​​महेंद्र सिंह कालबेलिया तत्कालीन उप. एसपी सवाई माधोपुर, राधेश्याम माली, परमानन्द मीणा, बलो उर्फ बबलू माली, पृथ्वीराज मीणा, रामचरण मीणा, चिरंजीलाल माली, शेर सिंह मीणा, हरजी माली, रमेश मीणा, कालू, बजरंगा खटीक, मुरारी मीणा, चतुर्भुज मीणा, बनवारी मीणा, रामकरण मीणा, हंसराज माली, शंकर लाल माली, बनवारी मीना, धर्मेंद्र मीणा, गुमान मीना, योगेंद्र नाथ, बृजेश माली, हनुमान, रामजीलाल, माखन मीणा, रामभरोषि मीणा, मोहन, मुकेश माली और श्यामलाल माली के नाम शामिल हैं।

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