'खामोश मौत' देने वाला कातिल गिरफ्तार, खुल गया घर में तीन मौत और रहस्यमयी आग का राज़

Churu Crime News Mysterious Fire: राजस्थान के चुरु की ये वो कहानी है, जिसमें घर में एक के बाद एक तीन मौत और कभी भी लग जाने वाली रहस्यमयी आग महीनों तक परिवार के लोगों और पुलिस के लिये एक पहेली बनी हुई थी। मगर केस जब खुला तो कातिल को सामने देख किसी को यकीन नहीं हुआ।

आरोपी की तस्वीर और पुलिस मामले की जांच करती हुई

आरोपी की तस्वीर

24 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 24 2024 1:54 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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चुरु में इसी साल फरवरी में हुई थी वारदात

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एक महीने में परिवार के तीन लोगोें की हुई हत्या

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फिर घर में आग लगने की रहस्यमयी घटनाएं घटीं

Churu: चुरू में एक गांव है जिसका नाम है भैंसाली। ये हमीरवास थाना इलाके में आता है। यहां भूप सिंह (33 साल) का परिवार रहा करता था। घर में  भूप सिंह के अलावा उसकी 29 साल की पत्नी मेनका, भूप सिंह की 82 साल की दादी कस्तूरी, उसके दादा हरि सिंह (82 साल), भूप सिंह की मां संतोष और उसके दो बच्चे गर्वित और अनुराग रहा करते थे। भूप सिंह के पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी। घर में सब ठीक-ठाक चल  रहा था कि अचानक एक घटना ने सब कुछ बदल दिया। बात इसी साल फरवरी महीने की है। 

एक महीने में तीन मौत

घर की दादी बिल्कुल ठीक ठाक थीं। अचानक एक रोज सुबह उन्हें उल्टी हुई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में उनकी मौत हो गई। अभी परिवार वाले सदमे से उबरे भी नहीं थे कि कुछ दिनों के बाद चार साल के पोते गर्वित को ठीक वैसी ही उल्टी होती है और उसकी भी मौत हो जाती है। 15 दिन बाद दादी के बड़े पोते अनुराग को भी अचानक उल्टी होती है और उसकी भी मौत हो जाती है। परिवार वाले सदमे में चले गए। 1 फरवरी से शुरू हुआ मौत का ये सिलसिला तीन मौतों के बाद 28 फरवरी को तो थम गया, लेकिन जैसे ही मौत का सिलसिला थमा, वैसे ही एक अजीबोगरीब घटना होने लगी। घर में रहस्यमयी आग का सिलसिला शुरू हो गया। परिवार वाले अभी एक महीने में घर में हुई तीन लोगों की मौत की त्रासदी से जूझ ही रहे थे कि  तब तक रहस्यमयी आग ने उनका तनाव और बढ़ा दिया। 

घर में आग लगने की घटना के सिलसिले की शुरुआत 29 फरवरी को हुई। आग कभी दीवार पर टंगे कपड़ों में लगती, कभी बिस्तर में, कभी पशुओं के चारे में तो कभी किसी और चीज़ में। हालत ये हो गई कि पीड़ित परिवार के साथ-साथ गांव के तमाम लोग भी इस रहस्यमयी आग से घबराने लगे। भूप सिंह ने परेशान होकर घर में सीसीटीवी लगवाए, लेकिन इत्तेफाक कहें या साजिश, सीसीटीवी का डीवीआर भी जल गया। अब घटनाक्रम से साजिश की बू आने लगी थी। ये आग कैसे लग रही थी और क्या इन हादसों से घर में हुई मौतों का कोई कनेक्शन है? ये सवाल उठने लगा था।  

परिवार ने बुलाया तांत्रिक, तंत्र-मंत्र का जताया शक

परिवार वालों ने अपनी समझ के हिसाब से घर में तांत्रिक बुलवाया। 9 मार्च की शाम से घर में खास किस्म के कर्मकांड की शुरुआत की, जो रात तीन बजे तक चलता रहा, लेकिन जैसे ही कर्मकांड खत्म हुआ, फौरन उसके बाद रात 3 बजे ही घर में फिर से आग लग गई। थक हार कर परिवार ने आग लगने  के मामलों की शिकायत पुलिस से की। पुलिस की तफ्तीश शुरू हो गई। मगर सबसे पहले पुलिस जानना चाहती थी कि घर में एक के बाद एक हुई तीन मौतों की वजह क्या है? इसीलिये उन्होंने सबसे पहले मौत के बाद दफनाए गये बच्चों के पोस्टमॉर्टम की इजाजत मांगी। 

बच्चे के पोस्टमार्टम से खुला राज़

पुलिस ने डीएम से इजाजत लेकर इस परिवार के छोटे बच्चे गर्वित की लाश को कब्र से खोद कर बाहर निकाल लिया और मेडिकल बोर्ड से उसका पोस्टमार्टम करवाया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से केस ही पलट गया। गर्वित की पीएम रिपोर्ट में उसके शरीर में एक नारकोटिक्स ड्रग की मौजूदगी मिली। इसके साथ-साथ पुलिस ने आग की वजह से जो सामान जला था, उसकी फोरेंसिक जांच भी करवाई। रिपोर्ट आने पर पता चला कि ये आग सोडियम की वजह से लगी थी। ऐसे में ये साफ हो गया था कि बच्चे को जान से मारने के इरादे से ड्रग दी गई थी, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई, लेकिन ऐसा कौन करेगा, ये सवाल पुलिस को परेशान कर रहा था। साथ-साथ आग लगने की वजह भी पता चल चुकी थी। 

भूप सिंह ही निकला हत्यारा

अब पुलिस ने भूप सिंह से सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपने जुर्म कुबूल कर दिया। भूप सिंह ने बताया कि उसने ही अपने दोनों बच्चों और दादी की हत्या की है। आरोपी भूप सिंह अपने दोनों बच्चों को अपना नहीं बल्कि किसी और से जन्मा मानता था। उसे शक था कि उसकी पत्नी के किसी और से  नाजायज संबंध हैं। आरोपी ने दोनों को खत्म करने की योजना बनाई। आरोपी भूप सिंह की मेडिकल की दुकान है। उसने GNM का कोर्स भी किया हुआ है, इसलिए उसे केमिकल की जानकारी थी। 

दवाओं की ओवरडोज से किये बच्चों और दादी के कत्ल

भूप सिंह ने बेटे गर्वित (4) और अनुराग (8) को दवाओं का ओवरडोज देकर मार दिया। फिर दादी की खांसी की दवा में भी वही दवा मिला दी और दादी कस्तूरी देवी की भी मौत हो गई।  वो दादी को पहले मारकर लोगों के बीच ये मैसेज देना चाह रहा था कि उनकी आत्मा के प्रभाव से ही ये सब हो रहा है, इस वजह से उसने घर में अलग-अलग जगहों पर आग लगाना शुरू कर दिया। उसकी ये पोल-पट्टी भी खुल गई, लेकिन एक सवाल पुलिस को और परेशान कर रहा था कि आखिर भूप ने अपनी पत्नी को सबक क्यों नहीं सिखाया, जब कि फसाद की जड़ वही थी। आगे की तफ्तीश में इस राज से भी पर्दा उठने की उम्मीद है।

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