Rajasthan Crime: नौकरी के जुनून में रची खुद की मौत की साजिश, हो गया सेना में भर्ती

Ajmer Crime: जालसाज़ ने खुद को मरा हुआ बताया, नए नाम से आधार कार्ड बनवाया और सेना में भर्ती हो गया, सेना नें ट्रेनिंग भी कर ली और फिर इस तरह खुला राज़।

CrimeTak

22 Nov 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:30 PM)

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Ajmer Crime News: अजमेर (Ajmer) की ये कहानी (Story) किसी फिल्मी स्क्रिप्ट (Film Script) जैसी ही है। अजमेर में एक युवक पर सेना (Army) में नौकरी (Job) करने का ऐसा जूनून सवार हुआ कि उसने अपना ही डेथ सर्टिफिकेट बनवा लिया। सिर्फ डेथ सार्टिफिकेट नहीं बनाया बल्कि सेना में नौकरी भी हासिल कर ली थी। दरअसल अजमेर के किशनगढ़ पास देसवाली ढाणी गांव है।

गांव का युवक मोइनुद्दीन ओवर एज हो गया था। लेकिन वो हर हाल में भर्ती होना चाहता था। लिहाजा उसने पहले जालसाजी से अपना डेथ सर्टिफिकेट बनाया। इस सार्टिफिकेट में अपना नाम बदलकर मोहिन सिसौदिया रख लिया और उम्र भी कम दिखा दी। शातिर दिमाग ने दसवीं की परीक्षा भी दोबारा दी ताकि आधार कार्ड में अपडेट हो जाए।

हाथ में सार्टिफिकेट आने के बाद उसने मोहिन सिसोदिया के नाम से आर्मी में आवेदन किया। हैरानी की बात यह है कि ये जासलाज सेना में भर्ती भी हो गया। अब बारी थी सेना में ट्रेनिंग की । इस ट्रेनिंग के दौरान मोइनुद्दीन को करीब 50 हजार रुपए महीना मिलने थे। सब कुछ ठीक हो गया था कि तभी सेना ने मोइनुद्दीन उर्फ मोहिन के दस्तावेजों की जांच के लिए एक चिट्ठी बांदरसिंदरी थाने में भेजी।

सेना की इस चिट्ठी के बाद खुलासा हुआ कि राजपुताना राईफल्स में 20 जुलाई 2021 को भर्ती काकनियावास निवासी मोहिन सिसोदिया ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके यह नौकरी प्राप्त की है। मोहिन सिसोदिया ही मोईनुद्दीन है। जिसकी वास्तविक जन्मतिथि 6 नवम्बर 1998 को हुई और उसने 2013 में दसवीं की परीक्षा दी थी।

इसके बाद उसने अपने आप को मोहिन सिसोदिया बताकर 6 नवम्बर 2001 की जन्मतिथि से फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए और वर्ष 2019 में वापस दसवीं की परीक्षा दी साथ ही सेना भर्ती की परीक्षा दी और जुलाई 2021 में सेना में राजपुताना राईफल्स के पद पर चयनित भी हो गया।

जांच में खुलासा हुआ कि मोइनुद्दीन को सेना में जाने के लिए पहले खुद का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाना था। 2019 में सरपंच की मिलिभगत से उसका डेथ सार्टिफिकेट भी बन गया। शुरुआती जांच के मुताबिक फ्राड की पूरी कहानी में ग्राम पंचायत से जुड़े कई लोग शामिल हैं। जालसाजी का खुलासा होने के बाद सेना ने तुरंत मोइनुद्दीन उर्फ मोहिन को सेना से बर्खास्त कर दिया है।

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