Rahul Gandhi is Back: राहुल गांधी को संसद में वापसी करने में पूरे 137 दिन लग गए। 23 मार्च को राहुल गांधी को गुजरात के सूरत की एक अदालत ने मोदी सरनेम मानहानि के एक मामले में दो साल की सज़ा सुनाई थी। और उसके अगले रोज ही यानी 24 मार्च को राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई थी। राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं। इस सजा की घोषणा के बाद करीब 134 दिन तक राहुल गांधी एक अदालत से दूसरी अदालत गुहार लगाते रहे और आखिरकार तीन निचली अदालतों के दरवाजे खटखटाने के बाद आखिरकार देश की सबसे बड़ी अदालत ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाकर उन्हें न सिर्फ राहत दी बल्कि उनकी संसद सदस्यता को भी बहाल करने का रास्ता खोल दिया।
Rahul Gandhi is Back: पूरे 137 दिन के बाद संसद में वापसी, सदस्यता बहाली की अधिसूचना जारी
Rahul Gandhi Back : कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की पूरे 137 दिनों के बाद आखिरकार उनकी संसद सदस्यता बहाली हो गई। लोकसभा सचिवालय ने इस सिलसिले में अधिसूचना जारी कर दी।
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137 दिन के बाद बहाली हुई राहुल गांधी की सदस्यता
07 Aug 2023 (अपडेटेड: Aug 7 2023 3:00 PM)
शुक्रवार को मिली थी राहत
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शुक्रवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल कर दी गई और लोकसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना भी सोमवार को जारी कर दी। राहुल गांधी ने 2019 में लोक सभा का चुनाव केरल की वायनाड सीट से जीता था। लेकिन उन पर मुकदमा उसी साल 13 अप्रैल को दिए एक भाषण के संदर्भ में हुआ था। कर्नाटक के कोलार में दिए गए अपने भाषण में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर एक टिप्पण की थी। जिसको लेकर गुजरात के पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेंश मोदी ने इसे मोदी समुदाय के खिलाफ टिप्पणी बताकर अदालत में एक मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया था।
राहुल गांधी के खिलाफ आया था फैसला
धारा 499 और 500 के तहत दर्ज उस मुकदमें की कार्यवाही पूरे चार सालों तक चली। लेकिन इसी साल 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ फैसला दिया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि राहुल गांधी को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जा सकता क्योंकि वो एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं लिहाजा वो जो वक्तव्य देते हैं उसमें शालीनता बरतनी जरूरी है।
कांग्रेस ने स्वागत किया
इसी बीच कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने का फैसला स्वागत योग्य है। और ये फैसला भारत के लोगों को खासकर वायनाड के लोगों के लिए राहत वाला है।
जनप्रतिनिधि कानून का प्रावधान
गौरतलब है कि गुजरात की सूरत कोर्ट से दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। असल में जनप्रतिनिधि कानून में प्रावधान है कि अगर किसी सांसद और विधायक को किसी मामले में दो साल या उससे ज़्यादा सजा होती है तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाती है। इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह साल तक चुनाव लड़कने के लिए भी वो शख्स अयोग्य माना जाता है।
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