...जब संदीप घोष ने नर्सिंग स्टूडेंट के प्राइवेट पार्ट को छूकर पूछा था - आपको कैसा लग रहा है ? रिपोर्ट से हुआ सनसनीखेज खुलासा

R G Kar Hospital Sandeep Ghosh: आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का एक पुराना कारनामा सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 में डॉक्टर घोष पर आरोप लगा था कि उन्होंने एक पुरुष नर्सिंग स्टूडेंट के प्राइवेट पार्ट को छुआ था। 

CrimeTak

10 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 10 2024 11:05 AM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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संदीप घोष पर लगा आरोप

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2017 में एक नर्सिंग स्टूडेंट के प्राइवेट पार्ट को छुआ था

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मामले की हुई थी जांच

R G Kar Hospital Sandeep Ghosh: आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का एक पुराना कारनामा सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 में डॉक्टर घोष पर आरोप लगा था कि उन्होंने एक पुरुष नर्सिंग स्टूडेंट के प्राइवेट पार्ट को छुआ था। डॉक्टर ने नर्सिंग स्टूडेंट से कहा था, ‘आपको कैसा लग रहा है?’ 

घोष पर लगा सनसनीखेज आरोप

बाकायदा इसकी शिकायत नर्सिंग स्टूडेंट ने की थी, लेकिन उस वक्त संदीप घोष ने ये कहते हुए अपना बचाव किया था कि ऐसा गलतफहमी की वजह से हुआ। उन्होंने कहा था कि वह दिखा रहे थे कि कंधे की हड्डी कैसे ठीक की जा सकती है, उसी दौरान उन्होंने नर्स की चेस्ट को गलती से छू लिया था। 

पश्चिम बंगाल ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन ने कहा था - वह रिपोर्ट की जांच कर रहे हैं। कुछ सदस्यों ने कहा कि उन्हें पता है कि घोष को विदेश में अपनी एक यात्रा के दौरान ‘कानूनी केस’ का सामना करना पड़ा था। यह रिपोर्ट साल 2017 में हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (South China Morning Report) में छपी थी। 

सीबीआई ने किया था संदीप घोष के खिलाफ मुकदमा

संदीप घोष के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया है। उन पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है।  क्या उन्होंने इस केस के सबूतों से छेड़छाड़ की? मौका-ए-वारदात पर जानबूझ कर भीड़ को घुसने का मौका दिया? पुलिस को देर से इत्तिला दी? इन तमाम पहलुओं पर जांच अभी चल रही है।

संदीप घोष पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद पर रहते हुए गंभीर अनियमितताएं की। करीब 15 दिन की पूछताछ के बाद सीबीआई ने संदीप घोष को गिरफ्तार किया था। संदीप घोष की गिरफ्तारी रेप और मर्डर केस में नहीं बल्कि करप्शन के मामले में हुई है। संदीप घोष के साथ उनके सिक्योरिटी गार्ड और अस्पताल के एक वेंडर को भी गिरफ्तार किया था। 

जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर हुआ तो संदीप घोष वहां के प्रिंसिपल थे। उन पर वारदात को छिपाने और पूरे मामले पर लीपापोती का आरोप लगा था। 14 अगस्त को जांच संभालने के बाद से सीबीआई ने लगातार उनसे पूछताछ की थी। जांच के दौरान संदीप घोष के खिलाफ वित्तीय अनियमितता का पुराना आरोप सामने आया। 

23 अगस्त को कोलकाता हाईकोर्ट ने घपले की जांच राज्य की एसआईटी से छीनकर सीबीआई को सौंप दी थी। आपको बता दें कि RG कर हॉस्पिटल के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली ने बताया था कि आरोपी संजय रॉय मेडिकल कॉलेज में संदीप घोष का बाउंसर बनकर घूमता था। प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स और पीड़िता के परिवार ने संदीप घोष पर मामले की लीपापोती का आरोप लगाया था। सीबीआई को इस बात के सबूत मिले हैं कि अपराध स्थल पर छेड़छानी की गई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि ये छेड़छाड़ किसने और क्यों की थी? इसमें संदीप घोष की भूमिका को लेकर भी जांच की गई। पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष मौका ए वारदात को पूरी तरह से सुरक्षित रखने में विफल रहे। रेनोवेशन का काम भी सीबीआई की जांच के घेरे में है और इसी सिलसिले में संदीप घोष से कई बार पूछताछ हुई थी। एफआईआर दर्ज करने में देरी भी सीबीआई की जांच के दायरे में है। 

सीबीआई मान रही है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से घोर लापरवाही बरती गई। इस संवेदनशील मसले को अस्पताल प्रबंधन ने ढंग से हैंडल नहीं किया। बतौर प्रिंसिपल संदीप घोष की जिम्मेदारी थी कि रेप और मर्डर की खबर मिलते ही पुलिस को इस बाबत शुरू में ही सूचना देते, क्राइम सीन को सुरक्षित रखते, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने खबर मिलने के बाद भी सक्रिय कार्रवाई नहीं की। यही वजह है कि संदीप घोष की भूमिका सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में है।

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