Sidhu Moosewala : अंतिम अरदास में हाथ जोड़कर सिद्धू के पिता ने इसलिए मांगी माफी

Sidhu Moosewala Death : सिद्धू मूसेवाला मर्डर के बाद गमगीन पिता ने अंतिम अरदास पर (last Ardas) जो कहा वो हर किसी को जानना चाहिए. बेटे के अंतिम अरदास पर पिता का छलका दर्द, सुनकर लोगों की आंखें भर आईं

CrimeTak

08 Jun 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:19 PM)

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Sidhu moosewala father Emotional : पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala Murder) की मौत. और उस पिता (Sidhu moosewala Father) का गम. जिसने जवान बेटे की चिता को आग दी हो. उस पिता के दर्द को समझना आसान नहीं. उसी पिता ने जब दिल की बात कही तो दर्द अपनेआप जुबां पर आ गया. सिद्धू मूसेवाला के पिता की वो बातें जिन्हें जानकर आपकी आंखें भी भर आएंगी...सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह अंतिम अरदास पर भावुक हो गए...

Sidhu moosewala Death case Update : कभी जेब ख़र्च भी इस बच्चे को पूरा नहीं मिला, लेकिन इसने अपनी मेहनत से इसने प्लस टू किया, ग्रेजुएशन के लिए लुधियाना गुरु नानक इंजीनियरिंग कॉलेज चला गया. फिर आईलेट्स करके बाहर चला गया. इतना सबकुछ होने के बावजूद उसने कभी तंग नहीं किया. यहां तक कि जेब खर्च भी गाने लिख कर निकालता रहा. इसने कभी अपनी जेब में पर्स नहीं रखा. बड़ा होने के बाद भी पापा मुझे पैसे दो, बड़ी विनम्रता से कहता रहा.

बग़ैर हमारे पैरों को हाथ लगाए कभी घर से बाहर नहीं निकलता था. कभी गाड़ी की सीट पर बैठ भी जाए तो मां-मां करके अपनी मां को पुकारता रहता था. इजाज़त लेकर ही जाता था. 29 को इसकी मां गांव में ही किसी के घर गई थी. मैं घर में था. मैंने कहा, बेटा मैं तेरे साथ चलता हूं. लेकिन उसने कहा कि आप आराम करो, मैं 15 मिनट में जूस वगैरह पीकर वापस आ रहा हूं.

मैं सारी उम्र अपने बेटे के साथ परछाई की तरह रहा. लेकिन अब वो भी मुझसे छूट गया. अब मेरे पास पछतावे के अलावा और कुछ भी नहीं है. आप सारे लोग यहां बैठे हो. सरकार से हो. अब ये ज़िम्मेदारी लो. आज मेरा घर उजड़ गया. कल किसी और का ना उजड़े. मुझे तो अब तक यहीं नहीं पता कि मेरे बच्चे का क़सूर क्या था ?

अगर किसी का बच्चा कोई ग़लती करता है, तो लोग उसकी शिकायत मां - बाप से करते हैं. आज तक मेरे पास मेरे बच्चे को लेकर कोई शिकायत नहीं आई. गुरुग्रंथ साहिब की तरफ़ हाथ करके कहता हूं कि मेरा बच्चा मेरे पूछता था कि पापा हरेक चीज़ मेरे साथ क्यों जुड़ जाती है? मैंने कभी किसी का बुरा नहीं किया. मैंने फिर भी सोचा कि नौजवान बच्चे हैं, मां-बाप को पता नहीं.. कई बार छोटी - मोटी ग़लती कर जाते हैं.

मैंने कहा कि तू मेरे और अपनी मां के सिर पर हाथ रख कर क़सम खा कि तू किसी की फ़ोन कॉल या किसी बात से परेशान तो नहीं है ? तो उसने कहा, नहीं. तब मैंने कहा, फिर मैंने कहा कि मुझे परमात्मा पर विश्वास है. हमारा कोई बुरा नहीं कर सकता. अगर कोई बुरा भी करता है, या फिर जो शैतान बंदा होता है, वो अपनी सौ सुरक्षा करता है, लेकिन मेरा बेटा अगर ऐसा होता तो अपनी गाड़ी लेकर अकेले नहीं निकलता. वो अपने साथ गनमैन रखता. चाहे प्राइवेट गनमैन ही क्यों ना हो ! लेकिन हमें कभी ख़तरा महसूस ही नहीं हुआ. छोटे मोटे विवाद तो होते रहते थे . सोशल मीडिया भी चीज़ों को बढ़ा-चढ़ा कर दिखा देता था.

मैं अब भी हाथ जोड़ कर प्रार्थना करता हूं कि हम अपनी ज़िंदगी किसी तरह निकाल लेंगे, लेकिन गुरुग्रंथ साहिब की हाज़िरी में कहना चाहता हूं कि मेरे बेटे को लेकर तरह-तरह की ख़बरें ना बनाओ. उसकी कहानियां बना - बना कर ना लगाओ. मैंने अपना बेटा खोया है. जब ये सब देखता हूं मेरा दिल रोता है . मेरा बच्चा बिल्कुल संत था .

वो कभी भी किसी का नुक़सान करना नहीं चाहता था. अगर उसके मन में कोई पुण्य पाप होता या उसे कोई ख़तरा होता तो वो अपनी सुरक्षा का और भी ख़्याल रखता . अपनी प्राइवेट सिक्योरिटी भी रख सकता था . आप हर चीज़ की ख़बर ना बनाया करो . कभी आप भाई राजे के बारे में कुछ बोल देते हो , कभी किसी और के बारे में . जो परिवार हमारी मदद करता रहा है , क्या हो गया कि उनका नाम ले ले कर ऐसी बात कर रहे हो . सिद्धू को चुनाव में कोई लेकर नहीं आया .

उसका चुनाव लड़ने का अपना मन था . मैंने भी रोका . भाई राजे ने भी रोका . कहा , भाई तेरे बस की बात नहीं . तेरा बढ़िया म्यूज़िक चल रहा है . तू तो दुनिया में मशहूर है . उसका अपना फ़ैसला था . यूं ही किसी को बुरा - भला ना कहिए . आपसे हाथ जोड़ कर विनती है . आज जो दुख है , कहना आसान है कि ये कर लेंगे , वो कर लेंगे .. लेकिन अब जिंदगी में घुप्प अंधेरा है . मैं सोचता था कि इंसान की ज़िंदगी में एक बुरा दौर आता है . चाहे बचपन , जवानी या बुढ़ापा . मैं वो बदनसीब बाप हूं जिसने बचपन भी बुरा देखा और अब बुढ़ापा भी बुरा देख रहा हूं . हो सकता है कभी कोई पाप हुआ हो .

मैंने गुरु ग्रंथ साहिब से विनती करता हूं कि नादान बच्चा समझ कर मुझ पर हाथ रखो . किसी भी भाई या परिवार को हमारे बेटे ने या हमने कभी कोई ग़लत बात कही हो , तो सबसे हाथ जोड़कर माफ़ी मांगता हूं . आप सिद्धू को प्यार देते रहो . मैं सिद्धू तो नहीं बन सकता . लेकिन मैं वादा करता हूं कि अपने बच्चे सिद्धू के क़दमों पर चलने की कोशिश करूंगा.

मैं सिद्धू को आनेवाले पांच - दस साल तक ज़िंदा रखने की कोशिश करूंगा . मैंने जिस हिम्मत से बेटे का संस्कार किया है , उसी हिम्मत से सिद्धू को आप सबसे जोड़े रखने की कोशिश करूंगा . फिर भी अनजाने में कुछ ग़लत - सही बोल गया हूं तो एक दुखी बाप समझ कर मुझे माफ़ कर दो . वाहे गुरु जी का ख़ालसा , बाहे गुरु जी की फतेह .

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