भेड़िए की तरह अकेले हमला करने को ‘लोन वुल्फ अटैक’ (Lone Wolf Attack) कहते हैं, जिसे किसी ग्रुप की मदद के बिना आतंकी हमले की साज़िश और तैयारी कर अकेले ही उसे अंजाम दिया जा सकता। ऐसे हमले में एक अकेला शख्स ही पूरे अटैक को अंजाम देता है, लोन वुल्फ अटैक का मकसद अकेले दम पर ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने का होता है।
रूसी यूनिवर्सिटी में हुआ 'लोन वुल्फ अटैक' आखिर होता क्या है? कौन लोग करते हैं ऐसा हमला?
रूस (Russia) की पर्म यूनिवर्सिटी (Perm State University) में हुई फायरिंग में 8 लोगों की मौत, हमलावर को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है, Get the latest breaking news, crime news in Hindi on Crime Tak.
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21 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:05 PM)
कैसे दिया जाता है ‘लोन वुल्फ अटैक’ को अंजाम?
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छोटे हथियारों, बम, चाकुओं, ग्रेनेड जैसे हथियारों का इस्तेमाल हमले में किया जाता है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारा जा सके। आतंकी या कोई सिरफिरा ऐसे हमले को अकेले इसलिए अंजाम देते हैं क्योंकि ऐसी साजिशों का पता लगाना खुफिया एजेंसियों के लिए काफी मुश्किल होता है। अब लोन वुल्फ अटैक आसानी से दहशत फैलाना का सबसे असरदार तरीका माना जाने लगा है। ये तरीका उनके लिए इसलिए ज्यादा आसान है, क्योंकि इसके लिए दहशतगर्दों को किसी बड़ी योजना या संसाधनों की जरूरत नहीं पड़ती। हाल के दिनों में दुनियाभर में लोन वुल्फ अटैक में सैंकड़ों लोगों की जान जा चुकी है, कई मामलों में हमलावरों ने या तो खुद को खत्म कर लिया या फिर पुलिस से मुठभेड़ में वे मारे गए।
ऐसे हमलों का पता लगाना होता है मुश्किल
इस तरह के हमलावर का पता लगाना पुलिस या इंटेलीजेंस एजेंसियों के लिए मुश्किल होता है, क्योंकि हमले के लिए किसी बड़े बजट, बड़ी योजना या बड़ी टीम की जरूरत नहीं होती। इससे प्लान का पता लगाना और उसे फेल करना खुफिया एजेंसियों के लिए भी काफी मुश्किल होता है। आतंकी संगठन आईएसआईएस के आतंकी अक्सर ऐसे हमले करते हैं, लोन वुल्फ हमलावर इंटरनेट या किसी दूसरे माध्यम के जरिए आतंकी संगठनों के जुड़े होते हैं या उनसे प्रेरणा लेकर हमला करते हैं। आसान लफ्ज़ों में समझाएं तो लोन वुल्फ़ अटैक कम लोगों को मारकर भी ज़्यादा ज़्यादा दहशत फैलाने वाला बिलकुल नया आतंकी हथकंडा है।
दुनिया के कई देशों में हुआ ‘लोन वुल्फ अटैक’
पिछले कुछ सालों में इस तरह के हमले काफी आम होते जा रहे हैं, अमेरिका से लेकर फ्रांस तक ऐसे कई बड़े हमले हो चुके हैं, अब रूसी यूनिवर्सिटी ऐसे हमलों की ताज़ा शिकार है,
जून 2016, अमेरिका के ओरलैंडो के नाइट क्लब पर ‘लोन वुल्फ अटैक’ हुआ था जिसमें 49 लोगों की मौत हुई थी
जुलाई 2016, फ्रांस के नीस शहर में ‘लोन वुल्फ अटैक’ हुआ था जिसमें 86 लोगों की मौत हुई थी
नवंबर 2016 में अमेरिका की ओहियो यूनिवर्सिटी पर ऐसा ही हमला हुआ था जिसमें 11 लोगों की मौत
15 मार्च 2019 में न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च की एक मस्जिद में ‘लोन वुल्फ अटैक’ हुआ जिसमें नमाज़ पढ़ रहे 51 लोगों की मौत हुई
ऐसे हमले करने वालों में सिर्फ आतंकी संगठन से जुड़े लोग ही शामिल नहीं हैं बल्कि ऐसे सिरफिरे भी शामिल हैं जो किसी ना किसी बात पर गुस्सा हैं और समाज को जलाकर खाक कर देने वाले नज़रिए के साथ आपके हमारे बीच रहते हैं। ऐसे लोग जब तक बेगुनाहों का खून बहता न देख ले तब तक उन्हें इत्मिनान आता नहीं है, इसीलिए वो ऐसे लोन वुल्फ अटैक को अंजाम देते हैं। ताकि दुनिया में दहशत फैला सकें।
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