Parliament Attack: पार्लियामेंट अटैक की बरसी पर पूरे 22 साल बाद देश को हिला देने वाली ये वारदात जैसे ही सामने आई तो हर कोई चौंक गया। सुरक्षा और सुरक्षा बंदोबस्त पर सवाल उठने लगे। लेकिन आप जानकर हैरान वारदात की प्लानिंग डेढ साल से हो रही थी....मुलाकातें हो रही थीं..प्लान बन रहा था..संसद भवन की रेकी की जा रही थी...और ठीक उसी दिन उस साजिश को अंजाम भी दे दिया गया जिस दिन संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ था। अब जबकि संसद में घुसपैठ की पूरी कहानी सामने आ रही थी..तो समझ में आ रहा है कि इस साजिश का दायरा कितना बडा था...
संसद में घुसपैठ की डेढ़ साल से हो रही थी 'प्लानिंग', ऐसे बनाया गया 'ब्लू प्रिंट'
LokSabha Security Breach: वारदात की प्लानिंग डेढ साल से हो रही थी....मुलाकातें हो रही थीं..प्लान बन रहा था..संसद भवन की रेकी की जा रही थी।
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संसद में घुसपैठ की साजिश डेढ़ साल पहले से रची जा रही है
14 Dec 2023 (अपडेटेड: Dec 14 2023 10:55 AM)
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सिलसिलेवार प्लानिंग
-1.5 साल पहले मैसूर में मुलाकात होती है
-9 महीने बाद सभी आरोपी दोबारा मिलते हैं
-बजट सत्र में यानी मार्च में संसद भवन की रेकी होती है
-जुलाई में एक बार और संसद भवन की रेकी की कोशिश होती है
-10 दिसंबर को सभी आरोपी दिल्ली में जुटते हैं
-10 दिसंबर की रात गुरुग्राम में आखिरी प्लानिंग होती है
-13 दिसंबर को सुबह सांसद के पीए से पास कलेक्ट किया जाता है
-सारे आरोपी पहले इंडिया गेट पर मिलते हैं
-आरोपियों के बीच स्मोक बम बांटे जाते हैं
-फिर दो आरोपी संसद भवन में दाखिल होते हैं
मामले की तेजी से जांच
अब इस सनसनीखेज मामले की तेजी से जांच हो रही है...तभी तो यूएपीए के तहत केस दर्ज हो गया है...-दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम जांच कर रही है-आरोपियों से पूछताछ हो रही है....-सूत्रधार की तलाश हो रही है।
क्योंकि जांच एजेंसी को लग रहा कि तार कहीं गहरे जुडे हैं...मास्टरमाइंड कोई और है जो सारी प्लानिंग को दूर बैठा रिमोट कंट्रोल कर रहा था....वो कौन है...एक आरोपी ललित झा फरार है...उसका आखिरी लोकेशन राजस्थान के नीमराना में बताया जा रहा है..उसी के पास तमाम आरोपियों के मोबाइल फोन है..
गुरुग्राम तक पहुँची तफ्तीश
गुरुग्राम के सेक्टर 7 का मकान नंबर 67 ...ये मकान इस वक़्त देश की तमाम आला खुफिया एजेंसियों के कब्जे में है और इस मकान का जर्रा जर्रा खंगाला जा रहा है। क्योंकि इसी मकान में नई संसद भवन में घुसपैठ की पूरी प्लानिंग तैयार हुई थी। ऐसा सच खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने उजागर किया है। खुलासा है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में जब पुलिस में जांच को आगे बढ़ाया तो तफ्तीश का एक सिरा गुरुग्राम के इस मकान पर आकर रुक गया। छानबीन में पता चला कि इसी मकान में वो चार आरोपी आकर ठहरे थे जिन्हें संसद की सुरक्षा को भेदने के जुर्म में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मकान का मालिक विक्की शर्मा है जिसे उसके जानने वाले विक्की जंगली के नाम से भी जानते और पुकारते हैं। विक्की की पत्नी को भी पुलिस ने पकड़ लिया है और खुलासा यही है कि विक्की का अपना एक अतीत है जिसका वास्ता जुर्म की दुनिया से भी है।
गैंग से पुराना नाता
विक्की यूं तो घर की गाड़ी चलाने के लिए ऑटो चलाता है। मगर उसकी बीती हुई जिंदगी में कई दाग हैं जिन्हें पुलिस ने देख लिया। बताया जा रहा है कि 80 और 90 के दशक में यही विक्की फौजी गैंग का गुर्गा था। जैसे ही विक्की पकड़ा गया तो आस पड़ोस के लिए कई लोग भी पुलिस के सामने आ गए और उन्होंने कई ऐसी बातों को उजागर किया जिससे विक्की के चाल चलन पर सवाल उठने लगे। पुलिस जान ही चुकी है कि विक्की पहले गैंग में भी रह चुका है। और पुलिस मानकर चलती है कि चोर चोरी से जाए हेराफेरी से न जाए। उसी तर्ज पर विक्की भी कुछ न कुछ तो गलत कर ही रहा है। खुलासा तो ये भी है कि विक्की के घर जब पुलिस पहुँची तो विक्की के साथ उसकी पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया और घर में मौजूद छोटी बच्ची से भी सवाल जवाब करने से नहीं चूकी पुलिस।
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