Parliament Attack: देश की पार्लियामेंट से तमाम सुरक्षा दावों को झकझोर देने वाली ये वारदात जैसे ही टीवी के पर्दे के जरिए मुल्के के लोगों की नज़रों के सामने आई तो हर किसी का चौंकना लाजमी था। इसके साथ ही सुरक्षा और सुरक्षा बंदोबस्त पर सवाल उठने लगे। देखते ही देखते पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की टीमें इस पूरी साज़िश के सिरों की तलाश में पूरे देश में दौड़ने लगीं। गृह मंत्रालय भी एक्शन में आ गया। संसद की सेंधमारी पर सुरक्षा एजेंसियों ने जांच तेज कर दी है..। पांच आरोपियों की पूछताछ चल रही है..। IB और सुरक्षा एजेंसियां जानना चाहती है कि आखिर इतना बड़ा कदम उन लोगों ने किसके इशारे पर किया..।
'प्लान 13 दिसंबर' को इस तरह दिया गया अंजाम, सुरक्षा भेदने की ये थी पेशेवर प्लानिंग
Parliament Attack : संसद की सेंधमारी पर सुरक्षा एजेंसियों ने जांच तेज कर दी है..। 18 महीने से रची जा रही थी साजिश 'प्लान 13 दिसंबर'
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करीब 18 महीने से रची जा रही थी संसद में घुसपैठ की साजिश प्लानिंग 13 दिसंबर
14 Dec 2023 (अपडेटेड: Dec 14 2023 11:35 AM)
सिर उठाते सवाल
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स्पेशल सेल ने UAPA के तहत केस दर्ज किया है..। फरार साजिश के मास्टरमाइंड ललित झा की तलाश जारी है। लेकिन कुछ सवाल जरूर सिर उठाते दिखे...
क्या संसद में साजिशन हंगामा ?
संसद के अंदर दस सेकंड की इस उछलकूद के लिए क्या 18 महीने से साजिश रची जा रही थी...
सुरक्षा भेदने की पेशेवर प्लानिंग ?
क्या पेशेवर अपराधियों की तरह संसद की सुरक्षा भेदने की आपराधिक साजिश रची गई थी ?
क्या रेकी के बाद हुई वारदात ?
क्या संसद भवन में सुरक्षा जांच के इंतजामों की रेकी के बाद प्रदर्शनकारियों ने जूते में सामग्री छिपाने का प्लान बनाया था ?
13 दिसंबर की तारीख क्यों चुनी गई ?
संसद भवन पर 22 साल पहले हुए हमले की बरसी के दिन ही संसद में घुसकर प्रदर्शनकारियों ने क्यों उपद्रव मचाने की कोशिश की ?
हैरान करने वाली खुली पूछताछ की परतें
संसद की सुरक्षा में गंभीर सेंधमारी की वारदात पर अब दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की जांच तेज होती जा रही है...और जांच के दौरान शुरुआती पूछताछ से जो परतें खुल रही हैं...वो हैरान करने वाली हैं...क्योंकि पता चला है कि
2022 के मई-जून में साजिश में शामिल लोगों की मुलाकात कर्नाटक के मैसूर में हुई थी और उसके चंद महीनों बाद अगली मुलाकात में संसद के अंदर घुसने का प्लान बनाया जा चुका था। इसके लिए 2023 के बजट सत्र में मनोरंजन नाम का आरोपी संसद भवन की रेकी करने पहुंचा था. इस दौरान उसने सांसद से पास लिया और संसद के अंदर सुरक्षा जांच की पूरी प्रक्रिया नोट की। जुलाई 2023 में लखनऊ से सागर भी संसद पहुंचा लेकिन उसे संसद के अंदर जाने का पास नहीं मिला. वो बाहर से रेकी करके लौट गया। बजट सत्र में संसद के अंदर से रेकी के दौरान मनोरंजन ने पता लगा लिया था कि जूतों की गहनता से जांच नहीं की जाती है...फिर जूते में सामग्री लेकर अंदर जाने का प्लान बना...
साजिश का 'प्लान 13 दिसंबर'
जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक पहले से तय प्लान के मुताबिक सभी आरोपी 6-10 दिसंबर के बीच दिल्ली पहुंचे। सागर लखनऊ से आया. मनोरंजन मैसूर से आया। अमोल लातूर से आया। नीलम जींद से आई। ललित कोलकाता से आया। और सभी आरोपी हिसार के रहने वाले विशाल के गुरुग्राम वाले घर में 10 दिसंबर की रात को ठहरे।
संसद के अंदर और संसद भवन के बाहर प्रदर्शनकारियों ने जो कलर स्मोक कैनिस्टर छोड़े उसे अमोल शिंदे महाराष्ट्र से लेकर आया था...पूछताछ में पता चला है कि अमोल ने कल्याण से 1200 रुपये में कलर स्मोक के 5 कैनिस्टर खरीदे थे।
13 दिसंबर को क्या हुआ ?
13 दिसंबर की सुबह 9 बजे मनोरंजन ने बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के पीए से संसद भवन में एंट्री का सिफारिशी पास लिया. इसके बाद सभी आरोपी इंडिया गेट पहुंचे. वहां पर आरोपियों को कलर स्मोक के कैनिस्टर बांटे गए. 2 आरोपी 11 से 12 बजे के बीच संसद भवन के अंदर घुस गए. 2 आरोपी संसद भवन के बाहर ठहर गए।
मास्टरमाइंड मोबाइल के संग हुआ फरार
चंद मिनटों के बाद दोपहर करीब साढ़े बारह बजे आरोपी नीलम और आरोपी अमोल संसद भवन के बाहर कलर स्मोक जलाकर नारेबाजी करने लगे और आरोपी ललित झा उनका वीडियो शूट करने लगा। चंद मिनटों में पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया और ललित झा इन सभी आरोपियों के मोबाइल के साथ मौके से फरार हो गया।
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