गुजरात में जाली दस्तावेजों से 29,000 से भी ज्यादा सिम कार्ड सक्रिय, 18 लोग गिरफ्तार

गुजरात पुलिस ने पिछले एक सप्ताह में राज्य के विभिन्न हिस्सों से कथित तौर पर जाली दस्तावेजों और इन गतिविधियों से अनजान लोगों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर सिम कार्ड सक्रिय करने और बेचने के आरोप में 18 लोगों को गिरफ्तार किया है।

Over 29,000 SIM cards activated with forged documents in Gujarat, 18 arrested

Over 29,000 SIM cards activated with forged documents in Gujarat, 18 arrested

18 Apr 2023 (अपडेटेड: Apr 18 2023 2:07 PM)

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Gujarat Sim Card News: गुजरात पुलिस ने पिछले एक सप्ताह में राज्य के विभिन्न हिस्सों से कथित तौर पर जाली दस्तावेजों और इन गतिविधियों से अनजान लोगों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर सिम कार्ड सक्रिय करने और बेचने के आरोप में 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

गुजरात अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने बताया कि दूरसंचार विभाग (डीओट) द्वारा की गई एक जांच से पता चला कि सिम कार्ड विक्रेताओं द्वारा या अलग-अलग माध्यम (पीओएस माध्यम) से नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर पूरे राज्य में 29,000 हजार से भी अधिक सिम कार्ड बेचे गए थे। उनके मुताबिक दस्तावेज और तस्वीरें उन ग्राहकों के थे जो अपनी पसंद का नंबर लेने के लिए दस्तावेजों को सिम विक्रेताओं के पास जमा करवाते थे।

उन्होंने बताया कि कई मामलों में यह पाया गया कि दुकान मालिकों ने एक ही तस्वीर का इस्तेमाल कर कई सिम कार्ड सक्रिय किए और बेचे।

दूरसंचार विभाग द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, चूंकि प्रत्येक आवेदन का एक-एक करके विश्लेषण करके इस तरह की धोखाधड़ी का पता लगाना संभव नहीं था, इसलिए विभाग ने जाली सिमों की पहचान के लिए अपने स्वदेशी रूप से विकसित 'कृत्रिम बुद्धिमत्ता' (एआई) टूल 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड फेशियल रिकॉग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन फॉर टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन (एएसटीआर)' का उपयोग किया था।

डीओटी की जांच से पता चला है कि पीओएस द्वारा नकली दस्तावेजों का उपयोग करके गुजरात में विभिन्न दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के कम से कम 29,552 सिम कार्ड सक्रिय किए गए थे।

जिसके बाद, गुजरात में डीओटी के वरिष्ठ अधिकारियों ने सीआईडी अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई और उन्हें सभी संबंधित विवरण सौंपे।

चूंकि इस तरह के फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल ऑनलाइन धोखाधड़ी, साइबर अपराध, सट्टेबाजी और जुए जैसी अन्य अवैध गतिविधियों में हो सकता है, इसलिए राज्य सीआईडी ​​के 'साइबर अपराध प्रकोष्ठ' और 'गुजरात आतंकवाद विरोधी दस्ते' (एटीएस) ने दोषियों को पकड़ने के लिए संयुक्त अभियान शुरू किया।

सीआईडी ​​की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि जालसाजों ने 29,000 से अधिक सिम कार्डों को सक्रिय करने के लिए आम लोगों की 486 तस्वीरों का दुरुपयोग किया।

विज्ञप्ति के अनुसार, सीआईडी ​​और एटीएस की संयुक्त टीमों ने राज्य भर में पीओएस पर छापे मारे और नवसारी, सूरत शहर, सूरत ग्रामीण, भावनगर, अहमदाबाद शहर तथा राजकोट ग्रामीण में 15 प्राथमिकी दर्ज कीं।

करीब 7,000 फर्जी सिम कार्ड कथित तौर पर सक्रिय करने और बेचने वाले कम से कम 18 विक्रेताओं को गिरफ्तार किया गया और अन्य आरोपियों को पकड़ने का अभियान जारी है।

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