Hunt For Amritpal Singh: अमृतपाल सिंह की प्लानिंग और खालिस्तानी साज़िश के 9 मास्टरमाइंड

Operation Amritpal Singh : पंजाब के भगोड़े अमृतपाल सिंह की तलाश में दर दर भटक रही पुलिस ने ऐसा कच्चा चिट्ठा खोज निकाला है जिसमें अमृतपाल और उसके 9 उन साथियों का पता चला है जो इस पूरे मामले में मास्टरमाइंड बताए जा रहे हैं।

अमृतपाल सिंह की साज़िश में शामिल ये चेहरे

अमृतपाल सिंह की साज़िश में शामिल ये चेहरे

24 Mar 2023 (अपडेटेड: Mar 24 2023 4:30 PM)

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Operation Amritpal Sing: इस वक़्त पंजाब पुलिस हाथ धोकर खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे का सरगना अमृतपाल सिंह के पीछे पड़ी है। पुलिस की पहली कोशिश यही है कि अमृतपाल को न सिर्फ पकड़कर कानून की हथकड़ियों में जकड़ ले, बल्कि उसके तमाम काले कारनामों और कच्चे चिट्ठे को भी पूरी तरह से उजागर करके पंजाब के लोगों को उसकी असलियत से वाकिफ करवा सके। 
पंजाब पुलिस का पसीना निकालने में लगा अमृतपाल कितना शातिर है और उसकी इस पूरी साज़िश के पीछे कौन कौन शामिल हैं....इस सिलसिले में पंजाब पुलिस की एक तफ्तीश का खुलासा सामने आया है। पुलिस का दावा है कि जैसे जैसे उसकी सारी हकीकत सामने आती जा रही है अमृतपाल सिंह ज़्यादा देर तक कानून के शिकंजे से दूर नहीं रह पाएगा...वो पकड़ा जाएगा। लेकिन इसी बीच पुलिस ने जब उसके बेहद नजदीकी और राजदारों पर शिकंजा कसा तो कई चौंकानें वाले पहलू सामने आ गए। 
बताया जा रहा है कि अमृतपाल सिंह खालिस्तानी साज़िश का अकेला मास्टरमाइंड नहीं है, बल्कि इस गहरी साजिश को पीछे 9 लोगों का दिमाग और हाथ है। अब तक पुलिस और देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी NIA ने करीब 207 ऐसे लोगों को पकड़ा है जो अमृतपाल की इस साज़िश को ज़मीन पर उतारकर उसे अमलीजामा पहनाने की फिराक में लगे हुए थे या फिर ये वो लोग हैं जो अमृतपाल के लिए ठिकानों और पैसों का इंतजाम करते हैं। 
ये भी सही है कि पिछले सात दिनों से अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस के लिए पहेली बना हुआहै। वो कब कहां होता है, और कैसे पुलिस के सामने से निकल जाता है, किसी को हवा भी नहीं लग पाती। ऐसे में पुलिस ने पंजाब के अलावा सात और राज्यों में उसकी तलाश के लिए घेराबंदी की है। आशंका जताई जा रही है कि अमृतपाल अगर किसी तरह पंजाब से निकल गया है तो वो राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में कहीं छुपा हो सकता है। हालांकि पुलिस ने कुछकुछऐसा इंतजाम कर रखा है कि अमृतपाल किसी भी सूरत में विदेश न भाग सके, लिहाजा नेपाल बॉर्डर और पाकिस्तान बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी गई है। 
इसी बीच पुलिस ने उसके साथ काम करने वाले या उसके साथ हमदर्दी रखकर उसकी मदद करने वाले लोगों की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी रखा है। लेकिन ये बात सामने आ गईहै कि अमृतपाल की साजिश में नौ ऐसे किरदार हैं जिन्होंने अहम रोल निभाया है। 

अमृतपाल सिंह और उसकी साज़िश के मास्टरमाइंड


किरणदीप कौर-  किरणदीप कौर दरअसल अमृतपाल सिंह की पत्नी है। पिछले महीने यानी 10 फरवरी को ही दोनों की शादी हुई है। पुलिस को अंदाजा है कि अमृतपाल को विदेशों से कहां कहां से फंडिंग हो रही है और कौन कितना पैसा दे रहा है, इसका सारा पता किरण दीप कौर को अच्छी तरह से है। खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी किरणदीप कौर के बारे में और भी ज़्यादा चौंकाती है। क्योंकि ये बात खुलकर सामने आ चुकी है कि किरणदीप कौर आनंदपुर खालसा फोर्स यानी AKF और वारिस पंजाब दे के लिए पैसों का इंतजाम करने में लगी रहती है। सूत्र तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि खुफिया एजेंसियां और पुलिस दोनों ही किरणदीप कौर से लंबी पूछताछ भी कर चुके हैं...। लेकिन उस पर से निगाह हटाई नहीं गई है। क्योंकि अमृतपाल सिंह तक पहुँचने की ये सबसे बड़ी कड़ी साबित हो सकती है। 
गुरमीत सिंह: पंजाब में अमृतपाल के लिए ज़मीन तैयार करने और उसका सारा नेटवर्क खड़ा करने में पुलिस को इस शख्स की ही भूमिका दिख रही है। पुलिस का अंदाजा है कि 18 मार्च को जब अमृतपाल सिंह भागा था तो उसके फरार होने के लिए इसी शख्स ने रास्ता और व्यवस्था तैयार की थी। हालांकि बताया जा रहा है कि खुद गुरमीत सिंह जब फरार होने की फिराक में था तभी उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया है। 
तूफान सिंह: ये अमृतपाल सिंह का बेहद सगा है। और कहा जा रहा है कि तूफान सिंह वारिस पंजाब दे का सबसे सक्रिय सदस्य भी है। तूफान सिंह का पूरा नाम लवप्रीत सिंह तूफान है। वो अमृतपाल का सबसे खास इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि उसने ही उस शख्स को अगवा कर लिया था जिसने अमृतपाल सिंह के खिलाफ उल्टा सीधा बोला था। पुलिस के सूत्रों की बातों पर यकीन किया जाए तो तूफान सिंह ही अमृतपाल सिंह के लिए लोगों को डराने और धमकाने का काम करता है। और यही वो तूफान सिंह है जिसे अजनाला पुलिस थाने से छुड़ाने के लिए अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थकों के साथ धावा बोला था और ये सारा बवाल उसी चक्कर में हुआ। 
हरजीत सिंह: ये खालिस्तान का पुराना और कट्टर समर्थक होने के साथ साथ अमृतपाल सिंह का चाचा भी है। जिस कार से अमृतपाल सिंह भागा था उसे हरजीत सिंह ही चला रहा था। और दुबई में अमृतपाल सिंह और हरजीत सिंह दोनों साथ साथ काम किया करते थे। पुलिस को अंदाजा है कि हरजीत को सब पता है कि अमृतपाल को दुबई से पंजाब भेजने के पीछे असल में किसका दिमाग है। ये सच है कि हरजीत सिंह ने पुलिस के सामने सरेंडर किया लेकिन इस बात से कोई इनकार नहीं कर पा रहा कि इसमें भी कोई बड़ी चाल हो सकती है। 
बलजीत कौर: पंजाब से फरार होन के बाद अमृतपाल सीधे हरियाणा के कुरुक्षेत्र में देखा गया। खुलासा यही है कि वहां अमृतपाल सिंह 32 साल की बलजीत कौर के घर पर रुका था। पुलिस को पता चला है कि 19 मार्च से 21 मार्च तक अमृतपाल बलजीत के घर पर ही था। ये भी बात निकलकर सामने आई है कि अमृतपाल को बलजीत के भाई ने पहचान लिया था। मगर सभी ने उसे खामोश कर दिया। बलजीत कौर के बारे में पता चला है कि उसने एमबीए तक की पढ़ाई की है और इंस्टाग्राम के जरिए उसके संपर्क में आई थी। 
तेजिंदर सिंह: इसे अमृतपाल का खास गुर्गा बताया जाता है। और अमृतपाल की सुरक्षा का सारा बंदोबस्त इसी के हाथ में रहता है। अजनाला थाना मामले में भी तेजिंदर सिंह आरोपी नामजद है। वो पहले भी जेल जा चुका है। उसके खिलाफ डराना धमकाना और लड़ने के अलावा शराब की तस्करी का भी मामला दर्ज है। तेजिंदर को लोग उसके सोशल मीडिए एकाउंट के जरिए ज्यादा पहचानते हैं क्योंकि वो अक्सर हथियारों के साथ अपनी तस्वीरें साझा करता रहता है। 
पप्पलप्रीत सिंह: पुलिस के सूत्रों के मुताबिक यही वो शख्स है जो अमृतपाल सिंह का मेन हेंडलर है। अमृतपाल सिंह इसे बहुत मानता भी है और इसे ही अपना मेंटर भी कहता है। बताया जा रहा है कि इसी शख्स के कहने से अमृतपाल सिंह कट्टरपंथी सिख उपदेशक से साधारण पैंट कमीज वाला सिख बन कर फरार हुआ। बताया तो ये भी जा रहा है कि पप्पलप्रीत सिंह ही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में है और वही खालिस्तान का माहौल खड़ाकरके राज्य में आतंकी वारदात को बढ़ाने का हिमायती है। 
दलजीत सिंह कलसी: इसे अमृतपाल सिंह का फाइनेंसर कहा जाता है। दलजीत सिंह को ही पाकिस्तान की बदनाम एजेंसी आईएसआई और अमृतपाल सिंह के बीच की अहम कड़ी बताया जा रहा है। वो पाकिस्तान में मौजूद कई दूतावासों में काम करने वाले अफसरों के संपर्क में है। विदेश से फंडिंग हासिल करने के लिए दलजीत ने स्टर्लिंग इंडिया नाम की एक कंपनी बनाई। और पिछले दो सालों के दौरान उसने विदेश से 35 करोड़ की रकम इकट्ठा की है। 
भगवंत सिंह: ये अमृतपाल सिंह का सोशल मीडिया मैनेजर और मीडिया कोऑर्डिनेटर है। अजनाला पुलिस थाना में हुए हमले में भगवंत सिंह की बड़ी भूमिका थी। वो खुद को सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर भी बताता है जिसके करीब 6 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। फिलहाल पुलिस ने उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स ब्लॉक कर दिए हैं। और पुलिस उसे गिरफ्तार भी कर चुकी है। 
 

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