राजस्थान भीलवाड़ा पुलिस ने जिले की सबसे बड़ी 77 लाख रूपये की ऑनलाइन ठगी का खुलासा करते हुए 8 राज्यों में छापे मारकर 6 लोगों को गिरफ्तार किया है| जो चाय और अण्डे के थैले वालों से 25-25 हजार रूपये में उनके बैंक खाते खरीद लेते थे और फिर इन खातों से ठगी का लेन-देन करते थे।
चाय और अंडे वालों से 25 हज़ार लेकर महीने भर में कमा डाले 77 लाख, CYBER ठगों की इस तरकीब ने पुलिस को भी बनाया घनचक्कर
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29 Jul 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:02 PM)
भीलवाड़ा की प्रतापनगर पुलिस ने 8 राज्यों के 54 गांवों में छापे मारकर गिरफ्तार किये गये इन 6 कुख्यात ऑनलाईन ठगों से ऐसे खरीदे गये 100 बैंक खातों की जानकारी प्राप्त की है। जिनमें इन्होंने ठगी के 77 लाख रूपये ट्रांसफर किये थे।
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भीलवाड़ा शहर के प्रतापनगर थानाधिकारी इंस्पेक्टर भजन लाल ने कहा कि 16 फरवरी को भीलवाड़ा के एक कपड़ा व्यापारी हरकचन्द लालानी जिनका बैंक ऑफ बडौदा में अकाउन्ट था। उससे ऑनलाइन फ्रॉड कर किसी ने 77 लाख रूपये निकाल लिये। हमने एफआईआर दर्ज कर अकाउन्ट में बचे हुए 23 लाख रूपये के लिए खाते को फ्रीज़ करवाया।
भीलवाड़ा के एसपी विकास शर्मा ने इस ऑनलाइन ठगी को ट्रेस आउट करने के लिए 9 टीम गठित की थी। यह टीम पूरे भारत में अलग-अलग जगहों पर गयी। हम लोग इसके अनुसंधान में बिहार, झारखण्ड,दिल्ली,नालन्दा, उत्तराखंड और गया में गये और जहां भी हमें जरूरत थी हमारे एसपी ने वहां के एसपी से बात कर हम लोगों को सहायता दिलवायी। इसी आधार पर हमने विभिन्न राज्यों से 6 मुल्जिम को गिरफ़तार कर लिया.
प्रतापनगर थाना अधिकारी भजन लाल ने यह भी कहा कि इन लोगों ने ऑनलाइन ठगी का एक रैकेट बना रखा है। जिसमें यह बैंक खाताधारक से 25 से 30 हजार रूपये में उसकी हैसियत के अनुसार उसका खाता खरीद लेते। जिसमें बैंक की पास बुक, एटीएम कार्ड और मॉबाईल सिम कार्ड शामिल होता है।
गरीब लोगों से यह खाता खरीदकर ऑनलाइन ठगी के नेटवर्क के नीचे के लोग ऊपर वालों को यह उपलब्ध करवाते और जो बढ़ी राशी बैंक अकाउन्ट से हैक करके इन खरीदे गये बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते। इसके बाद वह एटीएम से इस राशी को निकाल लाते थे। जिससे जो खाताधारक होता है उसको अपने बैंक खाते के बारे में निकाली गयी राशी का पता ही नहीं लग पाता है।
इस सारे ऑनलाइन ठगी के नेटवर्क का मुख्य हैकर इन खरीदे गये बैंक खातों का जालसाजी में काम लेता है। यह जो बैंक अकाउन्ट हॉल्डर है वह कोई चाय की रेड़ी लगाता है, कोई अण्डे बैचता है और खेती पर मजदूरी करता है। इन लोगों को यह तो पता होता है कि मैं अपना अकाउन्ट बैच रहा है और हैकिंग के काम आयेगा। इसके बावजूद पैसे के लालच में यह अपने खाते उन्हे बेच देते है।
हमने अभी बैरबिघा बिहार से 2, मधेपुरा से 2, उत्तराखण्ड से 1 और दिल्ली से 1 कुल 6 मुल्जिमों को गिरफ्तार किया है। यह जो खाता खरीदकर ले जाते है इनको पता नहीं होता है कि यह किसी को दे रहे है। खरीदने वाला व्यक्ति फ्लाइट से आता है महंगी हॉटल में ठहरता है और लग्जरी टैक्सियां उपयोग करता है। बडे शहरों की हॉटल में इनसे मिलता है और इनके अकाउन्ट नम्बर लेकर वापस निकल जाता है। जिनसे यह बैंक खाते खरिदते है उन्हे इस मुख्य सरगना के बारे में जानकारी नहीं होती है।
हमारे अनुसंधान के बाद इस ऑनलाइन ठगी की चैन का पता हम लगा सकें। इस ठगी का मुख्य हैकर सऊदी अरब में है। जिसके लिए रैड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया जा चूका है। जैसे ही उसकी गिरफ्तारी होगी इस ऑनलाइन ठगी के ओर बडे नेटवर्क का खुलासा होगा।
प्रतापनगर थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये 6 आरोपी राकेश झा उर्फ छोटू, कुन्दन, विजय प्रसाद, मुकेश उर्फ अमितराज, राजु कुमार उर्फ प्रद्धुमन और सोनू कुमार शामिल है। इन लोगों तक पहुंचने के लिए हमारी सभी 9 टीमें आपसी में जुडी रही और जहां जिसकों जरूरत थी वो वहां पहुंच जाता।
नक्सली क्षैत्रों में जहां मोबाईल नेटवर्क पुरा नहीं आता है वहां से इनकों लाना मुश्किल था। विशेषकर झारखण्ड व बिहार के सुदुर गावों से हमने ऐसे 54 गावों में छापे मारकर इन मुल्जिमों को गिरफ्तार किया है।
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