मणिपुर वायरल वीडियो मामले में एक आरोपी अरेस्ट, अब तक पांच गिरफ्तारियां

Manipur women Naked parade video Viral: मणिपुर की वायरल वीडियो ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है.

One accused arrested in Manipur viral video case, five arrests so far

One accused arrested in Manipur viral video case, five arrests so far

22 Jul 2023 (अपडेटेड: Jul 22 2023 9:25 AM)

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Manipur women Naked parade video Viral: मणिपुर की वायरल वीडियो ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है. इस बीच, शुक्रवार को नाराज भीड़ ने हैवानियत के मुख्य आरोपी का घर जला दिया अभी तक इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने घटना की निंदा की.

ये घटना मणिपुर के कांगपोकपी जिले के एक गांव में हुई थी, जहां कुकी-जोमी समुदाय की दो महिलाओं से दरिंदगी का वीडियो सामने आया था. आरोप लगा मैतेई समुदाय के लोगों पर. 

कब से हिंसा की शुरुआत हुई थी और क्यों?

मणिपुर में पहली बार 3 मई को हिंसा हुई थी। तब से लगातार आगजनी-तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आती रहीं है। ये बात सच है कि पिछले कुछ दिनों से मणिपुर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है। वहां इंटरनेट चालू कर दिया गया है। इसी का नतीजा हुआ कि बुधवार को सोशल वीडियो प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद तनाव फैल गया।

Manipur women Naked parade video Viral

क्या कहना है पुलिस का? फर्जी खबर से फैली अफवाह, फिर हुई घटना

ये पूरी घटना की वजह एक फर्जी खबर थी। सोशल मीडिया पर एक खबर फैली कि मैतेई समुदाय की एक बेटी के साथ रेप हुआ है और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई है। इस वजह से मैतेई समुदाय की भीड़ ने कुकी समुदाय बाहुल्य गांव पर हमला बोल दिया और दोनों महिलाओं के साथ दरिंदगी की। इसके बाद इसका वीडियो वायरल हुआ।

मैतई समुदाय की मांग  - हमें अनुसूचित जनजाति(ST) श्रेणी में रखा जाए

3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। हिंसा की शुरुआत तक हुई, जब कुकी समुदाय ने पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' निकाला और मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किए जाने की मांग का विरोध किया।  मणिपुर में पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में कुल 129 नाके बनाए गए हैं। 

मैतई करीब 53 फीसदी, जब कि कुकी करीब 40 फीसदी

मणिपुर की आबादी में मैतेई समुदाय की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है। वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि कुकी और नागा आदिवासी की संख्या 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
 

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