कतर में आठ भारतीयों को मौत की सजा पर भारत ने कहा- सभी कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है

भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को कतर की अदालत की ओर से बृहस्पतिवार को मौत की सजा सुनाए जाने पर भारत ने कहा कि वह इस फैसले से बेहद ‘‘स्तब्ध’’ है और इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है।

Qatar Navy Officials Capital Punishment News

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27 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 27 2023 12:54 PM)

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Qatar Navy Officials Capital Punishment News: भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाए जाने के मामले में भारत की प्रतिक्रिया सामने आई है। 

कतर की अदालत की ओर से गुरुवार को मौत की सजा सुनाए जाने पर भारत ने कहा कि वह इस फैसले से बेहद ‘‘स्तब्ध’’ है। इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार चल रहा है।

ये सभी आठ भारतीय नागरिक अल दाहरा कंपनी के कर्मचारी हैं, जिन्हें पिछले साल जासूसी के कथित मामले में हिरासत में ले लिया गया था।

कतर के अधिकारियों की ओर से भारतीयों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया गया है। अपनी प्रतिक्रिया में विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि वह इस मामले को ‘बहुत महत्व’ दे रहा है और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है।

मामले से वाकिफ लोगों के अनुसार, पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों में कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि सभी पूर्व नौसेना अधिकारियों का भारतीय नौसेना में 20 साल तक का ‘‘ बेदाग कार्यकाल’’ था और उन्होंने सैन्य बल में प्रशिक्षकों सहित महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया था।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे शुरू में जानकारी मिली कि कतर की एक अदालत ने आज अल दाहरा कंपनी के आठ भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम मौत की सजा सुनाए जाने के फैसले से बेहद स्तब्ध हैं और फैसले के विस्तृत ब्योरे की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं। हम सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।’’

विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह भारतीयों को सभी राजनयिक परामर्श और कानूनी सहायता देना जारी रखेगा।

मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, ‘‘हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम सभी तरह की राजनयिक और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। हम फैसले को कतर के अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे।’’

बयान में कहा गया है कि इस मामले में कार्यवाही की गोपनीय प्रकृति के कारण फिलहाल कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।

कतर में भारत के राजदूत ने राजनयिक पहुंच मिलने के बाद एक अक्टूबर को जेल में बंद इन भारतीयों से मुलाकात की थी। सूत्रों ने कहा कि अल दहरा सुरक्षा कंपनी के तहत, भारतीय पिछले कुछ वर्षों से कतर के नौसैनिकों को प्रशिक्षण दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि अल दहरा सुरक्षा कंपनी ने कतर के नौसैनिकों को प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करने के लिए कतरी अधिकारियों के साथ कुछ व्यवस्थाएं की थीं।

इनपुट - पीटीआई 

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