10 किलो मटन के लिए दो दिन पड़ी रही मां की लाश, सामूहिक भोज नहीं दिया तो नही हो सका अंतिम संस्कार, दर्दनाक घटना

Odisha: एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद 10 किलो मटन के लिए दो दिनों तक उसकी लाश पड़ी रही, कोई अंतिम संस्कार को तैयार ही नहीं था।

दर्दनाक घटना

दर्दनाक घटना

19 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 19 2024 1:40 PM)

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Odisha Crime: ओडिशा के मयूरभंज इलाके में समाज को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। मयूरभंज में एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। मौत के बाद बारी थी थी लाश के अंतिम पड़ाव की। लिहाजा बेटे ने लाश का संस्कार करने की कोशिश की। हैरानी की बात ये है कि गांव का कोई भी शख्स लाश के संस्कार के लिए तैयार नही हुआ।

10 किलो मटन और अंतिम संस्कार

जानकारी के मुताबिक तेलाबिला गांव में सत्तर साल की सोमबारी की मौत हो गई थी। गांव मे रिवाज है कि किसी की मौत पर भोज दिया जाता है उसके बाद शव का अंतिम संस्कार होता है। परेशानी ये थी कि सोमबारी के बेटा गरीबी के चलते ये शवभोज देने में सक्षम नहीं था। जाहिक है कि भोज नही हुआ तो लाश का अंतिम संस्कार में पेंच फंस गया।

दो दिन पड़ी रही महिला की लाश 

सोमबारी की लाश उसके घर में दो दिनों तक रखी रही और उसका बेटा मां की मौत की दावत देने के इंतजाम में लगा रहा। पूरे दो दिन गुज़र जाने के बाद आखिकार सोमबारी के बेटे ने पैसों का इंतज़ाम किया और फिर 10 किलो मटन मंगाया। बावर्ची ने शव भोज के लिए मटन बनाया और गांव के लोगों को खिलाया गया।

संस्कार से पहले दिया शवभोज

इधर शवभोज चल रहा था और उधर सोमबारी की लाश श्मशान जाने का इंतज़ार कर रही थी। खाना पीना हो गया और फिर गांव के लोगों ने सोमबारी के शव को श्मशान पहुंचाया जहां मौत के दो दिन बाद उसका अंतिम संस्कार किया जा सका।

वहीं इस पूरी घटना को लेकर मृतक महिला के बड़े बेटे ने कहा: 

'ग्रामीणों ने दावत के लिए बकरी या भेड़ के मांस की मांग की और आखिरकार मैंने उनकी इस मांग को कर लिया क्योंकि हम अपनी मां के शव के अंतिम संस्कार के लिए पिछले दो दिनों से इंतजार कर रहे थे।

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