Delhi News: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने वर्ष 2002 में गोधरा (Godhra) में ट्रेन कोच (Coach) को जलाने के मामले में उम्रकैद (Life Imprisonment) की सजा काट रहे एक दोषी को बृहस्पतिवार को यह कहते हुए जमानत दे दी कि वह पिछले 17 वर्षों से जेल में है।
Gujarat Crime: गोधरा ट्रेन कांड के दोषी को उच्चतम न्यायालय से मिली जमानत
Godhra News: गोधरा ट्रेन कांड के दोषी को उच्चतम न्यायालय से मिली जमानत, बृहस्पतिवार को अदालत ने यह कहते हुए जमानत दे दी कि वह पिछले 17 वर्षों से जेल में है।
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15 Dec 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:32 PM)
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने दोषी फारूक की तरफ से पेश वकील की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि जेल में अब तक बिताई गई अवधि को ध्यान में रखते हुए उसे (फारूक को) जमानत दी जानी चाहिए।
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शीर्ष अदालत में मामले के कई दोषियों की दोषसिद्धि के खिलाफ दायर याचिकाएं विचाराधीन हैं। गुजरात सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह ‘सबसे जघन्य अपराध था’, जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत 59 लोगों को जिंदा जला दिया गया था और दोषियों की याचिकाओं पर जल्द से जल्द सुनवाई किए जाने की जरूरत है।
फारूक समेत कई अन्य लोगों को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के कोच पर पथराव करने का दोषी ठहराया गया था। मेहता ने कहा कि आमतौर पर पथराव मामूली प्रकृति का अपराध माना जाता है, लेकिन उक्त मामले में ट्रेन के कोच को अलग किया गया था और यह सुनिश्चित करने के लिए उस पर पथराव किया गया था कि यात्री बाहर न आ सकें। उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा, दमकल कर्मियों पर भी पत्थर फेंके गए थे।
27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एस-6 कोच में आग लगा दी गई थी, जिससे 59 यात्रियों की मौत हो गई थी और राज्यभर में सांप्रदायिक दंगे फैल गए थे।
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