उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली-एनसीआर में रोहिंग्या गैंग का नेटवर्क बड़े पैमाने पर चल रहा है. ये गैंग म्यामांर और बांग्लादेश से कम उम्र की लड़कियों को नौकरी दिलाने के लालच में भारत लाता था. इसके बाद इनकी विदेशों में तस्करी कर देते थे. ये गैंग गोल्ड की भी तस्करी करता था. इसके अलावा विदेशों से हवाला के जरिए पैसे मंगाते थे.
सिर्फ लड़कियां ही नहीं, गोल्ड की तस्करी से भी जुड़ा है रोहिंग्या गैंग का नेटवर्क
Not only girls, Rohingya gang rackets are also involved in smuggling of gold up crime news
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28 Jul 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:02 PM)
जून में पकड़े गए हाफिज शफीक गैंग से मिले सुराग
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इससे पहले जून 2021 में यूपी एटीएस ने 4 रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया था. इस दौरान हाफ़िज शफीक़ उर्फ शबीउल्लाह, मुफीज, अजीजुर्रहमान उर्फ अजीज और मोहम्मद इस्माइल को गिरफ्तार किया गया था. इनकी गिरफ्तारी मेरठ और इसके आसपास के एरिया से हुई थी.
इनसे पूछताछ करने पर पता चला था कि गैंग का सरगना हाफ़िज है. वो मूल रूप से म्यामांर का रहने वाला है. वो कई साल पहले बांग्लादेश के रास्ते अवैध तरीके से भारत आया था. इसके बाद ही वो दूसरे लोगों को भी लालच देकर म्यामांर से भारत ले आया. यहां आने के बाद इन्होंने लालच देकर आधार कार्ड से लेकर कई तरह के भारतीय दस्तावेज बनवा लिए. इसी आधार पर वो रोहिंग्या के गैंग को आगे बढ़ाने लगे.
नाबालिग लड़कियों को लाते थे भारत
एटीएस के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये गैंग म्यामांर की गरीब लड़कियों को भारत में नौकरी दिलाने का लालच देते थे. इसके बाद भारत में लाकर उन्हें कुछ दिन काम भी दिलाते थे. जिसके एवज में मोटी कमीशन खाते थे.
इसके कुछ दिनों बाद भारत से आधार कार्ड बनवाकर पासपोर्ट तक बनवा देते थे. और फिर मलयेशिया जैसे देश में इनकी तस्करी कर देते थे. हाफिज गैंग से रोमिना और रिहाना नाम की लड़कियों की तस्करी की जानकारी भी मिली थी. तस्करी के एवज में विदेशों से हवाला के जरिए इन्हें पैसे मिलते थे. इसके अलावा सोने की तस्करी भी करते थे. इसके जरिए ये लाखों की कमाई करते थे.
गाजियाबाद में पकड़े गए गैंग भी किशोरियों की करने वाला था तस्करी
एटीएस अधिकारियों ने बताया कि जून में पकड़े गए रोहिंग्या गैंग से ही कई सुराग मिले थे. उसी आधार पर रोहिंग्या के नए गैंग की डिटेल निकाल रहे थे. तभी 27 जुलाई को मानव तस्करी का मुख्य सरगना मोहम्मद नूर कुछ रोहिंग्या व बांगलादेशी नागरिकों के साथ ब्रह्मपुत्र ट्रेन से दिल्ली जा रहा है, इसपर यूपी एटीएस की टीम ने पांच लोगों गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर उतारा और पूछताछ की. इसी पूछताछ के दौरान मोहम्मद नूर और इसके तीन साथियों की गिरफ्तारी हुई.
ये भी पता चला कि ये लोग दो किशोरियों को दिल्ली ले जा रहे थे. यहां से उनकी पहले कहीं शादी कराते और फिर उनकी तस्करी करा देते. इस दौरान एक व्यक्ति भी मिला जिसे झांसे में लेकर ये गैंग दिल्ली ला रहा था.
इस गैंग ने एटीएस को बताया था कि ये गिरोह म्यांमार व बांग्लादेश से लड़कियों व बच्चों को अवैध तरीके से भारत लाकर यहां पहले फर्जी दस्तावेज बनाते थे. इसके बाद बेच देते थे. इनके पास मिलीं दोनों किशोरियों को फिलहाल आशा ज्योति केंद्र में भेज दिया गया है.
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