Noida Authority Action: नोएडा प्राधिकरण ने डिफॉल्टर बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। प्राधिकरण ने तीन डिफॉल्टर बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए संपति को सील कर दिया है। इन बिल्डरों के ऊपर प्राधिकरण कर लगभग 1085 करोड़ का बकाया था।
नोएडा प्राधिकरण ने कसा तीन डिफॉल्टर बिल्डरों पर शिकंजा, एक हजार करोड़ रुपये का बकाया ना चुकाने फ्लैट किए सील
Noida Authority Action: प्राधिकरण ने जिन डिफॉल्टर बिल्डरों पर कार्रवाई की है उसमें गार्डेनिया एम्स डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और गार्डिनिया गेटवे इंडिया लिमिटेड है।
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एक हजार करोड़ रुपये का बकाया
05 May 2023 (अपडेटेड: May 5 2023 4:53 PM)
प्राधिकरण ने जिन डिफॉल्टर बिल्डरों पर कार्रवाई की है उसमें गार्डेनिया एम्स डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और गार्डिनिया गेटवे इंडिया लिमिटेड है। बताया जा रहा है कि इन बिल्डरों पर प्राधिकरण के 1,085 करोड़ का बकाया है। प्राधिकरण लंबे समय से इन बिल्डरों को नोटिस दे रही थी, नोटिस के बाद भी जब बिल्डरों के द्वारा प्राधिकरण को भुगतना नही किया गया तो प्राधिकरण ने गुरुवार को इनके तीन परियोजनाओं को सील कर दिया।
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बात गार्डेनिया एम्स डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की करे तो इनके ऊपर प्राधिकरण कर 603.15 करोड़ का बकाया था, जब बिल्डर ने प्राधिकरण को ये बकाया राशि जमा नही किया तो प्राधिकरण के अधिकारियों ने गुरुवार को सेक्टर 46 स्तिथ गार्डेनिया एम्स के टॉवर D 2 को सील कर दिया। इस परियोजना को प्राधिकरण ने 2009 में मंजूरी दिया था जिसमे 20 टावर बनाये गए थे।
वही प्राधिकरण ने सेक्टर 137 स्तिथ लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड हाउसिंग प्रोजेक्ट के दो फ्लैट, दो स्टोर परिसर और मार्केटिंग दफ्तर को सील कर दिया है। बात परियोजना के मंजूरी की करें तो प्राधिकरण द्वारा इस परियोजना की मंजूरी 2010 में दिया गया था,जिसमे 17 टावर बनाये गए है। बताया जा रहा है कि बिल्डर के ऊपर प्राधिकरण का 379.65 करोड़ का बकाया है जिसे उसने अबतक नही चुकाया है।
वही बात गार्डेनिया गेटवे इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की करें तो प्राधिकरण के अधिकारियों ने सीईओ ऋतु महेश्वरी के आदेश के बाद इस बिल्डर के भी प्रोपर्टी को सील किया गया है। बताया जा रहा कि बिल्डर के ऊपर 103.38 करोड़ का बकाया है जिसे उसने अभी तक नही चुकाया जिस वजह से उसके प्रॉपर्टी को सील किया गया है। इसके साथ ही प्राधिकरण ने अन्य डिफॉल्टर बिल्डरों को भी चेतावनी दी है। प्राधिकरण ने कहा कि जिन बिल्डरों पर बकाया है अगर नोटिस देने के बाद भी बिल्डर बकाए राशि का भुगतान नही करता है तो उसके ऊपर इसी तरह सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी।
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