PM Security : देश की राजधानी में ऐन प्रधानमंत्री आवास से चंद कदमों की दूरी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में इतनी भयानक चूक देखी गई जिसके खुलासे ने तमाम सुरक्षा एजेंसियों और उनके अफसरों के चेहरे का रंग और हाथों से तोते उड़ा दिए हैं। यूं तो दिल्ली में सुरक्षा का बंदोबस्त मुल्क के किसी भी शहर के मुकाबले बेहद तगड़ा और सख्त होता है। और उस पर अगर बात लूटियन दिल्ली के भीतर की की जाए तो वहां कोई भी ऐरा गैरा नत्थू खैरा यूं ही सुरक्षा में लगी आंखों को चकमा नहीं दे सकता। और इस पर भी बात अगर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा का मामला हो तो ये सख्ती कई गुना और बढ़ जाती है।
'लुटियन्स' दिल्ली में PM की सुरक्षा में बड़ी चूक, एक ही नंबर की दो 'एसयूवी' मिलीं, मचा है हड़कंप
Two SUVs with Same Number: दिल्ली के बेहद पॉश और वीवीआईपी इलाके में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक भयानक चूक का मामला सामने आया जब दो एसयूवी एक ही नंबर की प्रधानमंत्री आवास के पास खड़ी मिलीं
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21 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 21 2024 10:40 AM)
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लुटियंस में सुरक्षा की पोल खुली
लेकिन ताजा ताजा वाकया ऐसा है जिसने लुटियंस में सुरक्षा की पोल पट्टी ही खोलकर रख दी। और यहां कोई ऐरा गैरा आया भी, अपनी चाल में कामयाब हुआ भी और सुरक्षा के लिए मुस्तैद खड़े सुरक्षा अधिकारियों को उनकी आंखों में धूल झोंककर चला भी गया।
अचानक शाम को भागने लगीं पीसीआर
सीधे मुद्दे पर आते हैं, और मुद्दा ये है कि प्रधानमंत्री आवास के पास यानी सात लोक कल्याण मार्ग से तुगलग मार्ग यानी प्रधानमंत्री निवास से सिर्फ तीन किलोमीटर दूर एक पार्किंग में जो नज़र आया, उसने तमाम सुरक्षा एजेंसियों की नींद हराम कर दी है। खुलासा ये है कि इसी 18 मार्च की शाम करीब 6 बजकर 19 मिनट पर एक पीसीआर कॉल हुई । और उस कॉल के आते ही पुलिस की सायरन वाली गाड़ियां तेजी से एक ही दिशा में दौड़ने लगी। पुलिस की गाड़ियों को यूं इस तरह बेतहाशा भागते हुए देखने यूं भी दिल्ली के लोगों के लिए नई बात नहीं है, लिहाजा सड़क पर ट्रैफिक उसी तरह से सामान्य बना रहा। कहीं कोई अफरा तफरी नहीं मची। लेकिन सड़क की अफरा तफरी से दूर पुलिस महकमें और लुटियंस के तमाम थानों में पुलिसवालों और खासतौर पर पुलिस के अफसरों का हाल बुरा हो रहा था।
एक्शन में दिल्ली पुलिस
पुलिस अफसरों से दूर पुलिस के सिपाही और सारा तंत्र पूरी तरह से एक्शन में था। जो खबर मिली थी उसके बाद पीसीआर वैन के अलावा तमाम नए और आधुनिक उपकरणों से लैस होकर कई और सुरक्षा सिस्टम की गाड़ियां उन्हीं पीसीआर वैन का पीछा करती नजर आईं।
तुगलक रोड इलाके में दो एसयूवी गाड़ियां पार्क
पीसीआर को खबर मिली थी कि तुगलक रोड इलाके में एक जगह एक जैसी दो एसयूवी गाड़ियां पार्क हैं जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर भी एक ही है। प्रधानमंत्री आवास से कुछ ही दूरी पर एक ही नंबर प्लेट लगी दो इनोवा क्रिस्टा कार खड़ी दिखने से हड़कंप मचा। इस कॉल को सुनते ही पुलिस वालों के प्राण हलक में अटक गए। तमाम आशंकाओं से घिरे पुलिस अफसर और पीसीआर वैन ने मौके पर पहुँचकर दोनों एसयूवी को घेर लिया। तमाम सुरक्षा इंतजामों के बीच दोनों एसयूवी गाड़ियों की तलाशी ली गई। और जब इस बात की तसस्ली हो गई कि गाड़ियों में कोई ऐसी संदिग्ध चीज नहीं है जो आगे चलकर मुसीबत खड़ी कर दे तब जाकर पुलिसवालों की जान में जान आई। हालांकि ये राहत की सांस फौरी तौर पर थी, क्योंकि एसयूवी का दिल्ली के बेहद पॉश और वीवीआईपी इलाके में इस तरह लावारिस हालत में मिलना किसी भी सूरत में सुरक्षा बंदोबस्त के लिए बर्दाश्त करने लायक नहीं है। एसयूवी गाड़ियों की तलाशी लेने के बाद अब पुलिस की दूसरी सिरदर्दी शुरु हुई। इनोवा क्रिस्टा कार का रजिस्ट्रेशन नंबर था HR87J3289...। वाहनों में एक की नंबर प्लेट असली थी। इसी नंबर को दूसरे वाहन पर भी लगाया गया था।
दोनों कार की मिली पहचान
पीसीआर कॉल मिलने पर पुलिस जब सफदरजंग रोड पर बिंदर रेड लाइट पर पहुंची जब दो इनोवा क्रिस्टा एक सफेद रंग की और दूसरी सिल्वर मैटेलिक खड़ी मिलीं। दोनों पर एक ही नंबर प्लेट - HR87J3289 लगी हुई थी। जांच करने पर सिल्वर मैटेलिक रंग की गाड़ी की डिटेल ठीक पाई गई, लेकिन दूसरे का इंजन और चेसिस नंबर उसके रजिस्ट्रेशन नंबर से अलग था। सफेद इनोवा का असली नंबर HR38AD9391 पाया गया।
अभी तक कोई सामने नहीं आया
शुरुआती जांच में पता चला है कि गाड़ी का एक टायर पंक्चर हो गया था, जिसके चलते ड्राइवर गाड़ी छोड़कर चला गया था। लेकिन हैरानी की बात ये है कि अभी तक इन गाड़ियों के लिए दावा करने वाला कोई भी सामने नहीं आया है। सबसे पहले तो वीवीआईपी इलाके में इस तरह से लावारिस हालत में गाड़ी खड़ी करने को लेकर पुलिस ने ही एक एफआईआरदर्ज की। ये धारा 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। जिसका मतलब होता है कि गलत या फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल करना। इसके अलावा IPC की धारा 482 भी लगाई गई। यानी किसी ग़लत सम्पत्ति का इस्तेमाल का इल्जाम। इन दो धाराओं में केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने पूरे मामले की तहकीकात शुरू की।
सीसीटीवी खंगालने में जुटी पुलिस
सवाल यही है कि आखिर ये गाड़ियां यहां कब से खड़ी हैं और इन्हें कौन खड़ी करके गया। जाहिर है ये जब तक साफ नहीं हो जाता पुलिस का सिरदर्द दूर नहीं होने वाला। लिहाजा अब पुलिस पूरी सड़क पर मौजूद तमाम सीसीटीवी खंगाल रही है। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखकर पता लगाया जा रहा है कि कारें वहां कितने समय से पार्क थीं और किसने वाहन पार्क किए थे। यह भी जांच की जा रही है कि क्या वाहनों को यहां पार्क करने से पहले उनका उपयोग किसी अपराध में तो नहीं किया गया था, यह किसी वाहन चोरों का काम तो नहीं है।
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