नेपाल में यति एयरलाइंस विमान हादसे की बड़ी वजह सामने आई, रिपोर्ट में खुलासा, 5 भारतीय समेत 72 लोगों की हुई थी मौत

Human error behind Nepal Yeti Airlines crash Report :नेपाल की यति एयरलाइंस दुर्घटना के पीछे मानवीय भूल थी जिसमें पांच भारतीयों सहित सभी 72 लोगों की मौत हो गई: रिपोर्ट

Nepal Yeti Airlines crash Report : File Photo

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28 Dec 2023 (अपडेटेड: Dec 28 2023 9:45 PM)

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Nepal Yeti Airlines crash Report : नेपाल के पोखरा शहर में जनवरी 2023 में यति एयरलाइंस के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे की वजह साफ हो गई है. असल में ये हादसा मानवीय भूल (Human error) की वजह से हुई थी. हादसे के बाद बनाई गई कमेटी ने 8 महीने 3 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपी. जिसमें बताया कि ये हादसा इंसानी गलती की वजह से ही हुआ. ना की किसी तकनीकी खराबी की वजह से. बता दें कि इस हादसे में पांच भारतीयों सहित सभी 72 लोगों की मौत हुई थी. 

Nepal Yeti Airlines crash Report : File Photo

15 जनवरी को लैंडिंग से ठीक पहले हुआ था हादसा

Nepal's Yeti Airlines crash : यति एयरलाइंस का 9N-ANC ATR-72 विमान 15 जनवरी को लैंडिंग से कुछ मिनट पहले पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. नेपाल की आधिकारिक समाचार एजेंसी आरएसएस ने बताया कि दुर्घटना के बाद गठित पांच सदस्यीय जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 15 जनवरी, 2023 को विमान दुर्घटना मानवीय भूल के कारण हुई थी। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर उसमें सवार 72 लोगों में पांच भारतीय - अभिषेक कुशवाहा (25), बिशाल शर्मा (22), अनिल कुमार राजभर (27), सोनू जयसवाल (35) और संजय जयसवाल (26) शामिल थे। पूर्व सचिव नागेंद्र प्रसाद घिमिरे के समन्वय में गठित आयोग ने संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री सूडान किराती को रिपोर्ट सौंपी। आयोग को जांच करने और रिपोर्ट तैयार करने में आठ महीने और तीन दिन लगे।

5 सदस्यीय कमेटी का हुआ था गठन

Nepal's Yeti Airlines crash : विमान हादसे के दिन ही सरकार ने पांच सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था. नेपाली सेना के सेवानिवृत्त कैप्टन दीपक प्रकाश बस्तोला, सेवानिवृत्त कैप्टन सुनील थापा, एयरोनॉटिकल इंजीनियर एकराज जंग थापा और संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव बुद्धि सागर लामिछाने जांच आयोग के सदस्य थे। मंत्री किराती ने अधीनस्थ निकायों को जांच आयोग के सुझावों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया। पोखरा में यति एयरलाइंस की दुर्घटना नेपाली आसमान में 104वीं दुर्घटना थी और हताहतों की संख्या के मामले में तीसरी सबसे बड़ी दुर्घटना थी।

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