Nafe Singh Murder Update: FIR में छुपा क़ातिलों का साथी, हत्या के विदेश से जुड़ते दिखे तार!

Nafe Singh Murder: हरियाणा में पूर्व विधायक नफे सिंह की हत्या के तार अब विदेशों में छुपे गैंग्स्टर से जुड़ते दिखाई पड़ने लगे हैं।

नफे सिंह की हत्या के सिलसिले में पुलिस ने खंगालने शुरू किए विदेशी तार

नफे सिंह की हत्या के सिलसिले में पुलिस ने खंगालने शुरू किए विदेशी तार

27 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 27 2024 11:30 AM)

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Haryana Murder Update: 25 फरवरी की शाम सवा पांच बजे बहादुरगढ़ के बराही रेलवे फाटक के पास जिस तरह से ताबड़तोड़ फायरिंग करके पूर्व विधायक नफे सिंह की गोली मारकर हत्या की गई, उस वारदात के खुलासे के बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि इसमें किसी गैंग्स्टर का हाथ हो सकता है। और अब इस वारदात के करीब 48 घंटे पूरे होने के बाद हरियाणा पुलिस भी उसी एंगल पर छानबीन करती दिखाई पड़ रही है कि इस वारदात  के पीछे विदेश में बैठे किसी गैंग्स्टर का हाथहो सकता है। 

गैंग्स्टर का हाथ!

आखिर ये सवाल क्यों खड़ा हो रहा है कि नफे सिंह की हत्या के पीछे गैंग्स्टर का हाथ आखिर क्यों हो सकता है?

मामूली सुपारी किलिंग नहीं?

पुलिस के भीतरी सूत्रों से ये बात सामने आई है कि हत्या की इस वारदात के पीछे सबसे पहली और बुनियादी वजह हत्या का वो पैटर्न है जो नफे सिंह के हत्या की इस वारदात में सामने आया। असल में अगर ये सामान्य सुपारी किलिंग होती तो कोई भी सुपारी किलर पहले तो ऐसी किसी खुली जगह पर किसी हत्या जैसी वारदात को अंजाम देने से परहेज करता जहां उसके फंसने और घिरने की तनिक भी गुंजाइश होती। 

नफे सिंह की हत्या के पीछे किसका हाथ इसका पता लगाने निकली है पुलिस

कातिलों का भारी पड़ सकता था?

क्योंकि नफे सिंह को शाम सवा पांच बजे रेलवे फाटक के पास गोलियों से भूना गया और वो भी तब जब रेलवे फाटक बंद था। ऐसे में वहां कुछ सवारियां भी हो सकती थीं तो कातिलों के वहां से बचकर निकलने की गुंजाइश बहुत कम हो सकती थी। नफे सिंह की हत्या का दूसरा सबसे बड़ा पहलू ये है कि नफे सिंह के इलाके का जाना पहचाना और रूसखदार नाम है। उसका पूरे इलाके में अच्छा खासा दबदबा भी है और वो सियासी होने के साथ साथ पूर्व विधायक भी रह चुके हैं, ऐसे में खुलेआम और सरेशाम उनका इस तरह कत्ल करना कातिलों पर भी भारी पड़ सकता था। और ये सामान्य सुपारी किलर ऐसे मर्डर से बचने की कोशिश करते हैं। 

बहुत पहले हुई थी प्लानिंग?

दूसरी सबसे अहम बात ये है कि इस पूरी वारदात में कई ऐसी बातें दिखाई दे रही हैं जिससे लगता है कि हत्या की ये प्लानिंग काफी पहले से तैयार की जा रही थी। इसके लिए जाहिर है नफे सिंह की बाकायदा रेकी की गई और उनके आने जाने के साथ साथ इसबात का भी पूरा पता लगाया गया कि आखिर जिस वक्त नफे सिंह अपने घर से कहीं जाते हैं तो उनके साथ कौन कौन होता है और वो लोग गाड़ी में कहां कहां होते हैं। 

मिली भगत की आशंका?

पुलिस का मानना है कि नफे सिंह की हत्या की इस वारदात में किसी भीतरवाले की मिलीभगत होने की पूरी गुंजाइश है। क्योंकि बारीक से बारीक और बेहद मामूली जानकारी तभी बाहर आ सकती है जब कोई भीतर वाला मिला हुआ हो। 

वारदात में गैंग्स्टर का अक्स!

ये बात तो एफआईआर से ही निकलकर सामने आ गई कि नफे सिंह का भांजा संतोष ही उनका ड्राइवर था। राकेश यानी संतोष का दावा है कि हमलवारों ने उस समय हमला किया जब बराही रेलवे फाटक बंद था, लेकिन कातिलों ने गोली चलाते वक्त उसे ये कहते हुए जिंदा छोड़ दिया था कि जाकर घरवालों को जाकर बता देना कि पूर्व विधायक नरेश कौशिक औरउनके परिवार के लोगों के साथ दुश्मनी बहुत मंहगी पड़ती है। ऐसे में शुरुआती दौर में ये मामला खालिस सियासी रंजिश का नज़र आ रहा था लेकिन पुलिस अब इस निजी और सियासी रंजिश के दूर हटकर भी हत्याकांड को देखने की कोशिश कर रही है। ऐसे में पुलिस को नफे सिंह के मर्डर में गैंग्स्टरों का अक्स नज़र आ रहा है। 

सिद्धू मूसेवाला की तर्ज पर हुई नफे सिंह की हत्या को लेकर अब तक कयासों के दौर जारी

FIR में छुपा कातिल का सुराग?

इसके अलावा पुलिस नफे सिंह के ड्राइवर और भांजे राकेश उर्फ संतोष की तरफ से जो एफआईआर लिखाई गई है उसको भी बार बार पुलिस उलट पटलकर देख रही है। हालांकि इस बीच घरवालों के दबाव की वजह से राज्य सरकार ने इस मामले की तहकीकात की जिम्मेदारी सूबे की पुलिस से लेकर अब सीबीआई के हवाले कर दी है ताकि मामला सियासी तूल के पकड़ने से पहले अच्छी तरह जांच हो जाए और घरवालों को भी तसल्ली हो जाए। 

गैंग्स्टर काला जठेड़ी पर शक

लेकिन पुलिस को यही लगता है कि जो एफआईआर लिखी है उसमें भी कुछ सुराग होने की गुंजाइश है लिहाजा उसकी तहकीकात करना किसी भी और काम की तरह बेहद जरूरी है। जैसे ही हत्या की ये वारदात सामने आई पुलिस का ध्यान फौरन ही तिहाड़ जेल में बंद गैंग्स्टर काला जठेड़ी की तरफ गया। क्योंकि ये गैंग्स्टर अक्सर सुपारी किलिंग क वारदात को ऐसे ही खौफनाक तरीके से अंजाम देते रहे हैं। 

ये गैंग्स्टर का तरीका है टारगेट की पहले रेकी

ज्यादा पुरानी बात नहीं है। राजस्थान में गोगामेड़ी हत्याकांड और उससे भी पहले पंजाब में सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस का किस्सा इसके जीते जागते सबूत हैं। जब गैंग्स्टरों ने भीतरघात और मुखबिरी के जरिए पहले तो अपने टारगेट की पूरी रेकी कर डाली और फिर जब घटना को अंजाम दिया तो वो देखने और सुनने वाले को दहलाकर रख देता है। 

इंग्लैंड में छुपा हो सकता है गैंग्स्टर?

पुलिस ने इस बीच तिहाड़ में बंद काला जठेड़ी से पूछताछ की। शुरुआती दौर में तो फिलहाल काला जठेड़ी ने इस हत्याकांड में किसी भी तरह से शामिल होने की बात से इनकार किया है। लेकिन पुलिस को शक है कि इस हत्याकांड में इंग्लैंड और विदेश में बैठे गैंग्स्टर शामिल हो सकते हैं। 

अलग अलग कारतूस मिले

इसी बीच अभी तक नफे सिंह  के मामले में जो सबूत और सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं वो भी कम हैरतअंगेज नहीं हैं। पुलिस को मौके से अलग अलग किस्म के कारतूस मिले। जाहिर है कि कारतूसों का अलग अलग होना इस बात की तरफ इशारा कर देता है कि वारदात में कई तरह के हथियार इस्तेमाल हुए। यानी इस वारदात में तीन अलग अलग तरह की बंदूक का इस्तेमाल हुआ जिनके खोखे पुलिस को मौके से हासिल हुए। 

पुलिस को मिले कई सबूत

इतना ही नहीं नफे सिंह के कातिलों ने जिस i10 कार का इस्तेमाल किया था, उसकी नंबर प्लेट नकली थी और जो नंबर इस्तेमाल किया गया वो भी नकली था। पुलिस का खुलासा है कि ये चोरी की कार थी जो कुछ अरसा पहले फरीदाबाद से चुराई गई थी।  इन सारी कवायदों के बीच पुलिस को अभी तक ये समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर कातिल वारदात के बाद कहां गायब हो गए। क्योंकि उनके कोई भी सुराग अभी तक पुलिस को नहीं मिले हैं। हालांकि ये सही है कि पुलिस को एक सीसीटीवी जरूर मिला है जिसमें दो कातिलों के चेहरे कुछ कुछ पहचाने जा रहे हैं। लेकिन अभी तक उनकी पूरी पहचान मुकम्मल नहीं हो सकी है। 

अब तक गिरफ्तारी नहीं

हालांकि पुलिस के सूत्रों का दावा ये भी है कि इस वारदात में शामिल शूटरों की टोली से एक शूटर की पहचान कर ली गई है। लेकिन उसका खुलासा अभी तक पुलिसने नहीं किया है। क्योंकि अभी तक शूटर को गिरफ्तार नहीं किया जा सका। इस हत्याकांड के सिलसिले में पुलिस ने जो अपडेट बताया है उसके मुताबिक दस लोगों के नाम एफआईआर में शामिल हैं। जिनमें से सात लोगों के नामों का खुलासा हो चुका है। जबकि तीन और लोगों को इस मामले में नामजद किया गया है। 

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