रामकिंकर सिंह और अरविंद ओझा के साथ सुप्रतिम बनर्जी की रिपोर्ट
नफे सिंह राठी की हत्या के पीछे कपिल सांगवान का हाथ? अब सीबीआई खंगालेगी सुराग
Nafe Singh Update: हरियाणा के इनेलो नेता नफे सिंह राठी की हत्या की तफ्तीश बेशक सीबीआई के हवाले की जा चुकी हो, लेकिन क़त्ल की इस वारदात को देख कर ये साफ है कि इसके पीछे कोई गहरी साजिश है।
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Nafe Singh Update
27 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 27 2024 6:30 PM)
Nafe Singh Update: हरियाणा के इनेलो नेता नफे सिंह राठी की हत्या की तफ्तीश बेशक सीबीआई के हवाले की जा चुकी हो, लेकिन क़त्ल की इस वारदात को देख कर ये साफ है कि इसके पीछे कोई गहरी साजिश है और ये कत्ल किराय के कातिलों का काम है। पुलिस सूत्रों को इस मामले में ब्रिटेन में रह रहे एक गैंगस्टर कपिल सांगवान पर शक है, जो पहले भी इस तरह की राजनीतिक हत्याएं करवा चुका है। ऐसे में पुलिस मामले की जांच सीबीआई के हवाले करने से पहले उस संदिग्ध बदमाश के बारे में भी ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटा लेना चाहती है, ताकि मामले की जांच में सीबीआई को भी मदद मिल सके।
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फिलहाल पुलिस ने इस सिलसिले में 7 लोगों को नामजद किया है, जबकि पांच आरोपियों के नाम अब तक साफ नहीं है, लेकिन जिन सात लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है, उनमें सबसे बड़ा नाम हरियाणा के ही पूर्व बीजेपी विधायक नरेश कौशिक का है, जबकि नगर परिषद चेयरमैन सरोज राठी के पति रमेश चाठी, चाचा ससुर कर्मराठी, देवर कमल राठी के साथ इसी परिवार के कई और लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पूर्व विधायक साल 2014 में बीजेपी से विधायक चुने गए थे, लेकिन बाद में अगला चुनाव हार गए थे। इस दिनों वो रोहतक लोकसभा के संयोजक भी हैं।
शक के घेरे में आए गैंगस्टर कपिल सांगवान ने दिल्ली में बीजेपी किसान मोर्चा के पदाधिकारी सुरेंद्र मटियाला की हत्या करवाई थी। असल में उन दिनों सांगवान मटियाला की गैंगस्टर मंजीत महल से कथित नजदीकियों के चलते नाराज था। उसने मटियाला को मंजीत से दूर रहने या फिर इसका अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। सांगवान और महल का गिरोह एक दूसरे का कट्टर दुश्मन है और दोनों गिरोह के गैंगवार में अब तक दर्जन भर से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो सांगवान फर्जी पासपोर्ट पर साल 2020 में ही भारत से भाग कर यूके पहुंच गया था। इसके बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया। फिलहाल उसका केस इंटरपोल के पास है, लेकिन ये भी हक़ीक़त है कि वो ब्रिटेन से बैठे-बैठे ही भारत में जुर्म की वारदातों को अंजाम देता रहा है। राठी के घरवालों का इल्जाम है कि उन्हें लंबे वक्त उनके दुश्मन जान से मारने की धमकी दे रहे थे और उन्होंने अपने लिए सरकार से सुरक्षा भी मांगी थी, लेकिन उसकी अनदेखी कर दी गई।
इस कत्ल के पीछे कोई सियासी रंजिश है, जमीन का झगड़ा या फिर कुछ और इसका खुलासा तो पुलिस की तफ्तीश में होगा, लेकिन फिलहाल कत्ल के तौर तरीके को देख कर ये साफ है कि इस काम के लिए किसी पेशेवर गैंग को सुपारी दी गई थी, जिन्होंने पहले रेकी और फिर अत्याधुनिक हथियारों से गोली चला कर नफे सिंह राठी की जान ले ली।
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