Cyber Fraud से बचना है तो मान लो ये बात, Online शातिरों पर शिकंजा कसने के लिए मुंबई पुलिस ने निकाली ये तरकीब

Operation Against Cyber Fraud: अब तक यही सुनते रहते थे कि साइबर ठगों के आगे किसी की नहीं चलती, लेकिन मुंबई पुलिस की मानें तो ये अब गुजरे जामने का सच हो गया, अब तो मुंबई पुलिस ने एक ऐसी तरकीब निकाली है कि साइबर ठगों को बचकर रहना होगा, कहीं चंगुल में फंसे तो गए हमेशा के लिए। अब कोई नहीं डाल सकेगा ऑनलाइन डाका

CrimeTak

• 08:45 AM • 06 Aug 2024

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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मुंबई पुलिस ने शुरू की साइबर क्राइम के खिलाफ मुहिम

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हेल्पलाइन नंबर पर बस शिकायत करने की देरी

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तीन अफसर और 50 सिपाही तैनात किए गए

Drive Against Cyber Crime: हम रोज कोई न कोई ऐसा किस्सा सुनते ही हैं कि किसी ने लॉटरी का झांसा देकर लूट लिया तो किसी ने ऑनलाइन पेमेंट की आड़ में बैंक खाते में सेंध लगा ली। यानी कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता जब हम साइबर ठगों का शिकार हो रहे लोगों की दुख भरी दास्तां न सुनते हों। कई बार बहुत तकलीफ भी होती है मगर कुछ कर नहीं पाते। लेकिन अब साइबर ठगों के लुटने और पिटने का वक्त आ गया है। क्योंकि मुंबई पुलिस ने दावा किया है कि अब उसने एक ऐसी तरकीब निकाल ली है जो साइबर ठगों को ही पुलिस के चंगुल में ले आएगी और उन बेकसूर लोगों को बचा लेगी जो घर बैठे लुट पिट जाते हैं और अपनी जिंदगी की गाढ़ी कमाई ऐसे शातिरों के हाथों गवां बैठते हैं। 

साइबर फ्रॉड का कसता घेरा

ये सच है कि जैसे-जैसे हम तरक्की करते जा रहे हैं, हमारे आस पास डिजिटल का घेरा बढ़ता जा रहा है, हम डिजिटलाइज होते जा रहे हैं, होना तो यही चाहिए की हमारी जिंदगी थोड़ी और आसान हो जाती, लेकिन इसके उलट हम उतनी ही मुसीबतें में भी घिरते जा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा सबूत है डिजिटल फ्रॉड या जिसे हम साइबर फ्रॉड भी कहते हैं। 

जामताड़ा के चंगुल में 

झारखंड का वो जामताड़ा और उस जामताड़ा के शातिर बदमाशों ने उस छोटे से इलाके से पूरे हिन्दुस्तान के हरेक राज्य में लाखों करोड़ों लोगों को चपत लगाई कि न तो किसी को रोते बना और हंसने का तो सवाल ही नहीं उठता। चौथी फेल ये लड़के इस साइबर ठगी के खेल के इतने तगड़े शातिर बन गए कि पुलिस को भी पनाह मांगनी पड़ गई। सामने वाला किस हैसियत का है इससे इन ठगों को कोई लेना देना नहीं, बस एक बार फोन उठाकर चंद मिनट बात करने की देरी है, वो ऐसा दांव चलते थे कि आदमी खुशी खुशी अपनी सबसे खुफिया चीजें उनके साथ साझा करने को राजी हो जाता था और लुटने के लिए अपनी तिजोरी का दरवाजा खुल ही खोल देता था। 

अब शातिरों का बचना नामुमकिन

संतरी से लेकर मंत्री तक कोई ऐसा नहीं बचा जिसे इन लोगों ने न ठगा हो। मगर अब इन सबकी खैर नहीं। क्योंकि मुंबई पुलिस ने अब एक ऐसा जाल बिछाया है, कि ये लोग बचकर नहीं जा सके। मुंबई पुलिस का दावा है कि अगर लोग उनकी बस एक छोटी सी बात सही ढंग से मान लें और जैसा बताया जा रहा है ठीक वैसा कर लें, तो मजाल है किसी भी शातिर की जो जेब में हाथ डालने की गलती भी कर सके। दावा यहां तक किया जा रहा है कि अगर किसी भी खाता तराश ने किसी के साथ साइबर ठगी करने की कोशिश की तो उसका बचना अब करीब करीब नामुमकिन है। 

बस एक नंबर याद रखो

तो लोगों को करना क्या होगा? इस सवाल के जवाब में मुंबई पुलिस का कहना है कि बस लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए 1930 साइबर हेल्पलाइन नंबर को याद रखना होगा और जैसे ही वो ऐसे किसी भी जाल में फंसते हैं तो उन्हें इस नंबर पर अपनी शिकायत पहुंचानी होगी। बाकी का काम पुलिस खुद देख लेगी। 

सात महीने में 100 करोड़ रुपये बचाए

मुंबई पुलिस का दावा है कि इस पहल का असर ये हुआ है कि बीते सात महीनों के दौरान अभी तक इस नंबर के जरिए वो 100 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े को रोकने में कामयाब हो चुके हैं। ऑनलाइन धोखेबाजों के चंगुल में शेयर कारोबारी, निवेश करने वाले, कूरियर कॉल, डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी पाने वाले लोग शामिल हैं। मुंबई साइबर क्राइम के पास करीब 35, 918 शिकायतें मिली थीं और इन्हीं शिकायतों के दम पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने करीब 100 करोड़ के साइबर फ्रॉड को होने से बचाया है। 

तीन अधिकारी और 50 सिपाही तैनात

पुलिस ने जो बताया कि ऑनलाइन धोखाधड़ी के बारे में पुलिस को सचेत करने के लिए लोगों के लिए शुरू की गई ‘1930’ साइबर हेल्पलाइन ने बैंकों से तुरंत संपर्क कर फर्जीवाड़े को होने से रोका जा चुका है। और अब इसका दायरा बढ़ाया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि हेल्पलाइन पर शिकायत मिलने के बाद तीन शिफ्ट में काम करने वाले तीन अधिकारी और 50 सिपाही तुरंत बैंकों और उसके नोडल अफसरों से संपर्क करते हैं और जो पैसा ट्रांसफर होने वाला होता है उसे बिना देरी किए रोक देते हैं और साथ ही उस आरोपी के खातों को भी फ्रीज कर देते हैं ताकि वो अपने भी पैसों के लिए मोहताज हो जाए। पुलिस ने कहा कि लोगों को साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने से बचने के लिए पुलिस के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए और ऐसा होने पर तुरंत ‘1930’ हेल्पलाइन पर संपर्क करना चाहिए। उनका काम हो जाएगा। 
 

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