मुंबई में किसी बड़ी वारदात के होने का अंदेशा, महाराष्ट्र ATS के हाथ लगा हथियारों का ज़ख़ीरा

MAHARASHTRA ATS ARREST ARMS SUPPLY GANG, MUMBAI POLICE BUST WEAPON GANG, मुंबई में किसी बड़ी वारदात की सुगबुगाहट, पकड़ा गया हथियारों का ज़ख़ीरा, कौन लाया नई पिस्तौल, LATEST CRIME IN MUMBAI CRIMETAK

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09 Feb 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:13 PM)

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आर्म्स सप्लाई का नया नेटवर्क

LATEST CRIME मंगलवार को महाराष्ट्र ATS के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी जब पुलिस ने 13 आधुनिक पिस्तौल के साथ 11 लोगों को गिरफ़्तार किया। इस गिरफ़्तारी के साथ साथ ATS ने मुंबई शहर में नए हथियारों की सप्लाई के एक बड़े नेटवर्क का भी पर्दाफ़ाश किया है।

माना जा रहा है कि ये वही गैंग है जो इस वक़्त मुंबई के बदमाशों का सबसे चहेता गैंग है, क्योंकि ये मुंबई के अंडरवर्ल्ड को नए और आधुनिक हथियारों से लैस करने में लगा हुआ है।

मुंबई के नौ इलाक़ों में छापामारी

MUMBAI CRIME:महाराष्ट्र ATS को इत्तेला मिली थी कि मुंबई और उससे लगे इलाक़ों में कुछ बदमाश छुपे हुए हैं। खबर ये भी थी कि छुपे हुए बदमाशों का ताल्लुक मुंबई में एक बार फिर से सिर उठाने की फिराक़ में लगे अंडरवर्ल्ड के लोगों से भी है।

लिहाजा मिली खबर का पीछा करते हुए मुंबई ATS की टीम मुलुंड, कांदिवली, कल्याण, डोम्बीवली, उल्हासनगर और उरन जैसे नौ इलाक़ों में दबिश देने पहुँच गई। ATS की कई टीमों ने एक साथ तमाम जगहों पर छापामारी की। इस छापामारी के दौरान पुलिस को फैक्टरी में तैयार की गईं 13 नई और आधुनिक पिस्तौल मिली साथ में मिले 36 कारतूस।

किसी आतंक की सुगबुगाहट तो नहीं

UPDATE CRIME MUMBAI: लेकिन पुलिस ने अभी तक उन 11 लोगों की पहचान उजागर नहीं की जिन्हें इस दबिश के दौरान दबोचा। असल में ATS के सूत्रों से पता चला है कि पुलिस इन पकड़े गए आरोपियों को खंगालकर इस हथियारों की बरामदगी के पीछे आतंक का एंगल भी खंगाल रही है।

क्योंकि पुलिस को अंदेशा है कि पकड़े गए बदमाशों का संबंध किसी आतंकी संगठन से भी हो सकता है जिसके स्लीपिंग सेल के लोगों को ये लोग यहां हथियारों की सप्लाई देने पहुँचे हैं। पकड़े गए बदमाशों की उम्र 22 से 35 साल के बीच की है और शक यही है कि ये सारे बदमाश उस गिरोह का हिस्सा हैं जो आर्म्स स्मगलिंग नेटवर्क से जुड़ा हुआ है।

ये नेटवर्क क्या कहलाता है?

CRIME NEWS IN HINDI: पुलिस के मुताबिक जो हथियार पकड़े गए हैं उसे ये लोग 25 से 30 हज़ार के बीच गैंग के लोगों को बेचते थे जबकि बाज़ार में यही पिस्तौल 50 से 60 हज़ार रुपये में बेचते थे।

पुलिस के सूत्रों ने ये भी बताया है कि पकड़े गए बदमाश के नेटवर्क में वो लोग भी शामिल हैं जो केवल रुआब दिखाने के चक्कर में ऐसे हथियारों को अपने पास रखने के शौकीन हैं। लिहाजा पुलिस उन लोगों का भी पता लगाने की फिराक़ में लगी हुई है।

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