मुख्तार के बेटे अब्बास को मिली दो दिनों की अंतरिम जमानत! जा सकेंगे श्रद्धांजलि समारोह में 

Mukhtar Ansari: दिवंगत मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने पारिवारिक श्रद्धांजलि समारोह में शामिल होने के लिए 10 जून से 12 जून तक अंतरिम जमानत दे दी है। 

CrimeTak

15 May 2024 (अपडेटेड: May 15 2024 12:44 PM)

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संजय शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Mukhtar Ansari: दिवंगत मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने पिता के श्रद्धांजलि समारोह में शामिल होने के लिए 10 जून से 12 जून तक अंतरिम जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 9 जून को सुबह कासगंज जेल से अब्बास को गाजीपुर तक पुलिस कस्टडी में ले जाने की इजाजत दी है। अब्बास 10 जून को प्रार्थना सभा में भाग लेगा और 11 और 12 जून को परिवार वालों से मिल सकेगा। कोर्ट ने कहा है कि अंतरिम जमानत के दौरान वो मीडिया से भी बात नहीं करेगा। श्रद्धांजलि समारोह के बाद अब्बास अंसारी को वापस गाजीपुर जेल ले जाया जाएगा। 

DGP सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे

कोर्ट ने कहा है कि यूपी के DGP और जिला पुलिस सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। कोई भी दूसरा शख्स हथियार लेकर वहां मौजूद नहीं रहेगा। 13 जून को कासगंज जेल वापस लाया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि अब्बास अंसारी इस दौरान कोई भाषण या राजनीतिक आयोजन में भाग नहीं लेगा। आपको बता दें कि अब्बास अंसारी ने 10 से 12 जून तक अंतरिम जमानत की मांग की थी। यूपी पुलिस ने इसका विरोध किया था और ये कहा था कि अब कोई Ritual अनुष्‍ठान नहीं बचा है। पुलिस ने कहा कि इनकी मां लम्बे समय से फरार है। अब्बास की मां पर 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा है। 

अब्बास के वकील ने दाखिल की थी अर्जी

अब्बास के वकील ने कोर्ट से कहा कि वो 15 मई से कस्टडी पेरोल पर गाजीपुर अपने घर जाना चाहते हैं। हाल ही में मुख्तार अंसारी की फातिहा में शामिल होने के लिए अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत दी थी। मुख्तार की मौत 28 मार्च देर रात बांदा जेल में हो गई थी।

मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी थी। अदालत ने गजल होटल जमीन कब्जे के मामले में अब्बास अंसारी को जमानत दे दी थी। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी पर मऊ के सदर कोतवाली क्षेत्र के महुआ बाग में केस दर्ज हुआ था। इस केस में अब्बास पर गजल होटल की जमीन पर धोखाधड़ी से कब्जा करने का आरोप लगा था, जिसमें अब्बास की मां अफशां अंसारी और भाई उमर भी आरोपी बनाए गए थे। इसके बाद अब्बास अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था।

अब्बास अंसारी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। सरकारी अधिकारियों के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी के संबंध में चार मार्च को भारतीय दंड संहिता की धारा 171एफ और 506 के तहत उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को राहत देते हुए  सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली थी। 

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