Mukhtar: 90 के दशक में ये वो दौर था जब पूर्वांचल में एक नये तरह का अपराध सिर उठा रहा था। रेलवे शराब और दूसरे सरकारी ठेके हासिल करने की रेस में अपराधियों के कई गैंग उभरने लगे थे। पूर्वांचल में माफिया डॉन और बाहुबली तेजी से उभर रहे थे।
मुख्तार अंसारी का कालेज स्टूडेंट से माफिया बनने का सफर, यहीं से शुरु हुआ मुख्तार अंसारी के पूर्वांचल के बहुबली और यूपी के माफिया बनने का सिलसिला
Mukhtar: यहीं से शुरु हुआ मुख्तार अंसारी के पूर्वांचल के बहुबली और यूपी के माफिया डान बनने का सिलसिला।
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28 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 28 2024 11:00 PM)
गाजीपुर के कॉलेज में पढ़ाई कर रहे मुख्तार को इस ताकत का अंदाजा लग चुका था। उन्हीं दिनो मुख्तार ने एक बाहुबली मखनू सिंह से हाथ मिला लिया। मखनू सिंह पूर्वांचल के दिग्गज नेता हरिशंकर तिवारी का खास हुआ करता था। तभी मखनू सिंह की त्रिभुवन सिंह के साथ एक जमीन पर कब्जे को लेकर गैंगवार में लाशें गिरने का सिलसिला शुरु हो गया। तभी एक कोर्ट परिसर में हुए एक गोलीकांड के बाद एक नाम उभर कर आया।
नाम था मुख्तार अंसारी। इसमें मखूनी के दुश्मन साहिब सिंह की गोली लगने से हत्या हुई थी। कत्ल के बाद जो नाम सुर्खियों में आया वो मुख्तार का था। कहा जाता है वो गोली मुख्तार ने चलाई थी, लेकिन किसी ने उसे गोली चलाते हुए देखा भी नहीं था।
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सिंगल गन शॉट में कत्ल का यह केस बेहद रहस्यमय और हैरान करने वाला था। कुछ दिन बाद पुलिस लाइन के अंदर खड़े हुए एक दीवान की इसी अंदाज में हत्या हुई थी। नाम था राजेन्द्र सिंह। इस हत्या के बाद भी जो नाम सामने आया वो मुख्तार का ही था। यहीं से शुरु हुआ मुख्तार अंसारी के पूर्वांचल के बहुबली और यूपी के माफिया डान बनने का सिलसिला।
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