पैसे नहीं थे इसलिए श्मशान में नहीं कर सका मां का अंतिम संस्कार, जंगल में दफनाई लाश, ये राज़ खुला तो सब चौंक गए!

MP Bhopal: फावड़े से ये शख्स जमीन का सीना चीरता जा रहा था। उसके नजदीक चादर में लिपटी एक लाश पड़ी थी।

जांच में जुटी पुलिस

जांच में जुटी पुलिस

19 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 19 2024 7:45 PM)

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MP Bhopal News: 13 फरवरी की तारीख। भोपाल का गुनगा इलाका। यहां जंगल में एक शख्स लगातार जमीन को खोदे जा रहा था। हल्की सर्द रात में ये शख्स पसीने से तरबतर बस एक ही काम में लगा था। उसे एक गहरा गड्ढा खोदना था। फावड़े से ये शख्स जमीन का सीना चीरता जा रहा था। उसके नजदीक चादर में लिपटी एक लाश पड़ी थी।

आधी रात में जंगल में लाश

करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद युवक ने 6 फुट गड्ढे में लाश को दफन किया और तेज कदमों से जंगल से गांव की तरफ रवाना हो गया। लाश दफना कर ये शख्स बेहद बेचैन था। अब आप सोच रहे होंगे कि ये शख्स कौन है? लाश किसकी थी? ये शख्स लाश को जंगल में क्यों दफना आया? क्या इसने कोई कत्ल किया है।

किसकी थी ये लाश

दरअसल ये पूरा मामला भोपाल के पास स्थित गुनगा थाना क्षेत्र का है। गुनगा टीआई अरुण शर्मा ने बताया, 13 फरवरी को गांव की ही रहने वाली 80 साल की तुलसी बाई की बीमारी की वजह से मौत हो गई थी। अफसोस मां की मौत के बाद बेटे जगदीश ने हिंदू रीति रिवाजों से मां का अंतिम संस्कार ना करते हुए गांव के पास जंगल में खुदे गड्ढे में दफना दिया। गांववालों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी और तुलसी बाई की हत्या का शक जताया गया।

नहीं थे अंतिम संस्कार के पैसे

गुनगा टीआई अरुण शर्मा ने बताया कि सूचना पर कार्रवाई करते हुए तुलसी बाई के शव को गड्ढे से खोद कर निकाला गया और उसका पोस्टमॉर्टम करवाया गया। इस बीच पुलिस ने देखरेख में मृतका का रीति रिवाज से अंतिम संस्कार भी करवाया दिया। टीआई के मुताबिक, क्योंकि गांववालों ने बेटे पर हत्या का शक जताया था इसलिए बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। तो उसने बताया कि मां की मौत के बाद उसके पास अंतिम संस्कार तक के लिए रुपए नहीं थे, इसलिए उसने जंगल में खुदे गड्ढे में मां को दफना दिया था। 

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