Demolition Drive in Kanpur: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात से जो खबर सामने आई उसे सुनकर कोई भी दहले बिना नहीं रह सकता। इस खौपनाक वाकये में एक महिला और उसकी बेटी ज़िंदा जल गए। और इस वारदात के बाद से पूरे इलाक़े में तनाव फैला हुआ है। हालात को देखते हुए पुलिस के साथ साथ पूरे इलाके पीएसी भी तैनात कर दी गई है। लेकिन माहौल बहुत ही ज़्यादा तनावपूर्ण है। असल में ये घटना अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान हुई। और इस घटना के बाद से ही सियासत भी तेज हो गई है।
Demolition Drive in Kanpur: वो हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाता रहा, झोपड़ी में बीवी और बच्ची जलते रहे, प्रशासन बुलडोजर चलाता रहा
कानपुर देहात से एक ऐसी दिल दहलाने वाली वारदात सामने आई जिसे सुनकर लखनऊ तक में हड़कंप मच गया। क्योंकि इस घटना में स्थानीय प्रशासन के साथ साथ गांव के गुंडा तत्वों की बेरहमी की पूरी दास्तां कैद है। अतिक्रमण को बुलडोजर से रौंदने पहुँचे दस्ते ने झोपड़
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आग से झुलसे कृष्ण गोपाल दीक्षित और झोपड़ी की आग में ज़िंदा जल गई उनकी 23 साल की बेटी नेहा और पत्नी
14 Feb 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:36 PM)
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समाजवादी पार्टी ने तो इस घटना को हत्याकांड करार दिया जबकि घर के मुखिया कृष्ण गोपाल दीक्षित की हालत देखकर सारा इलाका बुरी तरह से गम और गुस्से से भर गया है। क्योंकि उसकी झोपड़ी में लगी आग में उसकी पत्नी और बेटी ज़िंदा जल गई और वो लाचार उन्हें जलता ही देखता रहा कुछ नहीं कर सका। घटना के बाद अपनी पत्नी और बेटी को न बचा पाने की टीस उसकी आवाज़ और उसकी बातों में साफ महसूस की जा सकती है।
बताया जा रहा है कि ये घटना रूरा थाना इलाके के मड़ौली गांव की है। यहां गांव में अवैध अतिक्रमण हटाने पहुँचे तहसील प्रशासन के साथ कृष्ण गोपाल दीक्षित के घरवालों की नोंक झोक हो गई। झोपड़ी में उस वक़्त उसकी पत्नी और बेटी मौजूद थे तभी प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया और जैसे ही बुलडोजर झोपड़ी को उजाड़ने लगा ऐन उसी वक़्त वहां आग भड़क उठी और देखते ही देखते आग की ज्वाला चारो तरफ फैल गई। इस आग में कृष्ण गोपाल दीक्षित की पत्नी प्रमिला दीक्षित और 23 साल की बेटी नेहा दीक्षित उसकी चपेट में आ गई।
झोपड़ी के बाहर खड़ा कृष्ण गोपाल दीक्षित लगातार अपनी पत्नी और बेटी को बचाने के लिए गुहार लगाता रहा और चीखता रहा लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी। एक दो बार खुद कृष्ण गोपाल ने आग में जाकर अपनी बीवी और बच्ची को बचाने की चेष्टा की लेकिन उसे पकड़ लिया गया। हालांकि आग से वो भी बुरी तरह से झुलस गया। लेकिन उसका दर्द उसकी पत्नी और बच्ची की मौत का ज़्यादा है। कृष्ण गोपाल का बेटा शिवम में इस आग में मामूली रूप से जल गया।
कृष्ण गोपाल दीक्षित के मुताबिक उसके घर पर रूरा थाने के 20 पुलिसवालों समेत एसडीएम, कानूनगो, तहसीलदार और लेखपाल आ धमके। हमने उन्हें बहुत समझाने की कोशिश की। उनसे गुहार लगाई कि उसके पास ज़मीन का कोई दूसरा इंतजाम नहीं है जबकि उसका एक मामला कोर्ट में चल रहा है और उसकी 20 फरवरी की तारीख भी लगी हुई है। कृष्ण गोपाल की बात सुनकर प्रशासनिक अधिकारी गाली गलौच पर उतारू हो गए और उन्होंने सीधे बुलडोजर को झोपड़ी गिराने का इशारा कर दिया। साथ ही साथ मंदिर भी गिरा दिया।
उधर गांव के लोगों का आरोप है कि गांव के 8 से 10 लोग भी मौके पर मौजूद थे जो प्रशासनिक अधिकारियों से कह रहे थे कि सबसे जला दो। ऐसा आरोप लगाया गया है कि उन लोगों ने ही आग लगा दी और वहां से भाग खड़े हुए।
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