मुंबई, 26 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने एक स्थानीय अदालत को सोमवार को अवगत कराया कि वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किये गये पांच लोगों के अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट (आईएस) जैसे संगठनों के साथ संबंधों की जांच करना चाहता है।
पीएफआई के खिलाफ छापेमारी : मुंबई की अदालत ने पांच आरोपियों की हिरासत तीन अक्टूबर तक बढ़ाई
पीएफआई के खिलाफ छापेमारी : मुंबई की अदालत ने पांच आरोपियों की हिरासत तीन अक्टूबर तक बढ़ाई
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27 Sep 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:27 PM)
एटीएस ने कहा है कि उसने एक आरोपी के पास से ‘हू किल्ड करकरे’ नामक पुस्तक और कुछ साहित्य बरामद किये हैं, साथ ही उसके लैपटॉप और फोन जब्त किये हैं।
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अदालत ने पिछले सप्ताह छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किये गये पांच लोगों की एटीएस हिरासत तीन अक्टूबर तक बढ़ा दी।
पांचों आरोपी उन 20 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें पिछले बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नेतृत्व में देश भर में कई एजेंसियों के छापे में एटीएस ने राज्य से गिरफ्तार किया था। एटीएस ने पांचों आरोपियों को उनकी पिछली हिरासत की अवधि समाप्त होने पर सोमवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए एम पाटिल की अदालत में पेश किया।
उन पर गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने, समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
एटीएस ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों का हवाला देते हुए और अलकायदा एवं इस्लामिक स्टेट (आईएस) जैसे संगठनों के साथ आरोपियों के संबंधों का पता लगाने के लिए 14 दिनों की हिरासत मांगी थी।
हालांकि अदालत ने केस डायरी के अवलोकन के बाद कहा कि जांच अधिकारी जब्त रिकॉर्ड के पहलुओं पर और अधिक जांच कर सकता था। न्यायाधीश ने आरोपियों की एटीएस हिरासत तीन अक्टूबर तक बढ़ाते हुए कहा कि 14 दिन की हिरासत मांगना उचित नहीं है और आठ दिन पर्याप्त होंगे।
एटीएस ने अधिक हिरासत की मांग करते हुए अदालत से अनुरोध किया कि उसे आरोपियों से जब्त इलेक्ट्रॉनिक सबूतों का विश्लेषण करना है।
हालांकि, बचाव पक्ष ने हिरासत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपियों से कुछ भी बरामद करने की जरूरत नहीं है।
पीएफआई के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए, विभिन्न एजेंसियों की टीम ने देश में आतंकवादी गतिविधियों का कथित रूप से समर्थन करने के लिए 15 राज्यों में लगभग एक साथ छापे में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन के 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था।
महाराष्ट्र और कर्नाटक में 20-20 लोगों के साथ तमिलनाडु (10), असम (9), उत्तर प्रदेश (8), आंध्र प्रदेश (5), मध्य प्रदेश (4), पुडुचेरी (3), दिल्ली (3) और राजस्थान (2) से भी गिरफ्तारियां हुईं।
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