Manipur Status Report: इन दिनों मणिपुर हरेक की जुबान पर किसी न किसी शक्ल में आ ही जाता है। हर कहीं भारत के इस पूर्वोत्तर राज्य की चर्चा होती ही रहती है। सरकार के सामने भी मणिपुर एक मुश्किल सवाल की तरह खड़ा है। लेकिन पिछले दिनों मणिपुर को लेकर जो एक स्टेटस रिपोर्ट देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई उसने कई चौंकानें वाले खुलासे करके सभी को चौंका दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर की स्टेटस रिपोर्ट, दो महीनों में हिंसा की 4694 FIR दर्ज, हत्या के 72 मामले
manipur status report: देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर की एक स्टेटस रिपोर्ट ने वहां की खौफनाक तस्वीर सामने रख दी है। 6523 FIR वाली इस रिपोर्ट में हिंसा के 4694 मामले हैं
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सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर की स्टेटस रिपोर्ट
08 Aug 2023 (अपडेटेड: Aug 8 2023 8:35 AM)
मणिपुर प्रशासन की तरफ से हिंसा और इससे जुड़े अपराधों के बारे में जो ब्योरा सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा है वो चौंकाता है। स्टेट रिपोर्ट बताती है कि मणिपुर में हिंसा से जुड़ी FIR की गिनती 6523 है जिनमें हत्या की सिर्फ 72 FIR हैं। मगर महिला की शील भंग जैसी संगीन धाराओं में दर्ज मामलों की संख्या 6 बताई गई है। सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी गई इस स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर में सामूहिक बलात्कार और हत्या का केवल एक ही मामला सामने आया है।
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घरों को नुकसान पहुँचाने की 4694 एफआईआर
इसके अलावा पूजा स्थलों को नष्ट करने के मामलों की तादाद 46 बताई जा रही है। जबकि आगजनी और विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल करके की गई आगजनी की संख्या सबसे ज़्यादा 4454 है। लूटपाट और डकैती के मामले भी 4148 दर्ज किए गए हैं। घरों को नुकसान पहुँचाने की घटनाएं 4694 दर्ज हुई हैं जो सबसे अधिक हैं। इसके अलावा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने की घटनाएं 584 बताई गई हैं। गंभीर चोट पहुँचाने के मामले सिर्फ 100 बताए गए हैं।
राज्य में SIT बनाने की जरूरत
स्टेट रिपोर्ट में मणिपुर प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि राज्य में एक SIT बनाने की जरूरत है। इसके साथ ही मणिपुर पुलिस ने एक एसआईटी गठित करने की संभावित टीम का भी प्रस्ताव दिया है। सुप्रीम कोर्ट को दिए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि जो एसआईटी बनाई जाएगी उसमें एसपी रैंक से नीचे का अफसर को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए इसके अलावा उस एसआईटी टीम में होने चाहिए।
दो इंस्पेक्टर
6 सब इंस्पेक्टर
12 कांस्टेबल
SIT की कमान
इसके साथ साथ बलात्कार और शील भंग जैसे संगीन और घिनौने अपराधों से जुड़ी FIR के लिए SIT की कमान एक ऐसे अधिकारी को दी जानी चाहिए जो एसपी रैंक से नीचे न हो। ऐसे मामलों के लिए SIT में
एक महिला इंस्पेक्टर
दो महिला सब इंस्पेक्टर
4 महिला पीसी
का होना जरूरी है।
साप्ताहिक समीक्षा होगी
स्टेटस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि चुराचांदपुर, कांगपोकपी, इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, विष्णुपुर और काकचिंग जिलों के लिए ये और इस तरह की कम से कम 6 एसआईटी होंगी, जबकि थौबल और तेंगनौपाल जिले के लिए तीन एसआईटी की जरूरत पड़ेगी।
इन एसआईटी के काम की निगरानी साप्ताहिक आधार पर होगी जिसकी समीक्षा DIG या IG या फिर ADG रैंक के अधिकारी करेंगे। जबकि डीजीपी इन तमाम मामलों की हर 15 दिन में मॉनिटरिंग करेंगे।
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