संजय शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
मणिपुर हिंसा को लेकर जस्टिस गीता मित्तल कमेटी की नई सिफारिशें
Manipur Recommendations: मणिपुर में पुनर्वास उपायों के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जस्टिस गीता मित्तल कमेटी ने कई अहम सिफारिशें की हैं।
ADVERTISEMENT
Manipur Violence Recommendations
22 Aug 2023 (अपडेटेड: Aug 22 2023 3:15 PM)
Manipur Violence Recommendations: मणिपुर में पुनर्वास उपायों के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जस्टिस गीता मित्तल कमेटी ने कई अहम सिफारिशें की हैं। अपनी रिपोर्ट में कमेटी ने प्रमुख समस्याएं और उनके समाधान की रिफारिश की हैं। कमेटी ने जली हुई बस्तियों को हटाने की समस्या का उपाय सुझाते हुए कहा है कि क्षतिग्रस्त और झुलसे हुए गांवों की तत्काल उपग्रह इमेजरी से पहचान की जा सकती है।
ADVERTISEMENT
समुचित मूल्यांकन के लिए कुछ जरूरी चीजें
कमेटी ने कहा है कि वर्तमान में राज्य की जीपीएस मैपिंग और तस्वीरें आपराधिक जांच के उद्देश्यों के साथ-साथ नष्ट हुए गांवों और संपत्तियों की प्रकृति और स्थान दोनों के लिए ली जानी चाहिए, क्योंकि नुकसान की प्रभावी भरपाई के सिलसिले में समुचित मूल्यांकन के लिए यह जरूरी है।
शवों की नहीं हो पा रही है पहचान
कमेटी ने अगली समस्या इम्फाल में शवगृहों में रखे गए शवों की बताई है। समिति ने पाया कि राहत शिविरों में रहने वाले लोगों के लिए वहां तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। इसके उपाय के तौर पर समिति का सुझाव है कि अधिकारियों को शवों की दूरस्थ पहचान के लिए उपाय तैयार करने की जरूरत है। यानी शवों की तस्वीरों के पोस्टर शिविरों तक पहुंचाए जाएं या फिर इलेक्ट्रोनिक माध्यम से लोगों को शवों की पहचान कराई जाए।
तीसरी समस्या राहत शिविरों में कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्र क्लास नहीं कर पाने की है। इसके लिए सुझाए गए उपाय हैं कि शिविरों में रह रहे विस्थापित छात्रों को अन्य राज्यों के संस्थानों में भी इसी तरह समायोजित किया जा सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से समुचित सहायता मिलनी जरूरी है।
समिति ने सिफारिश की है कि इस सिलसिले में रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के सुझाव पर अमल की सिफारिश की गई है। RIMS का सुझाव है कि ऐसे विस्थापित छात्रों को अन्य राज्यों में इसी तरह के संस्थानों में उसी पाठ्यक्रम में समायोजित किया जाना चाहिए। इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। इस संबंध में यदि आवश्यक हो तो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) भी इस मामले पर गौर कर सकता है।
इसके अलावा रिपोर्ट में सुझाए गए अन्य उपाय भी हैं।
कमेटी ने रिपोर्ट में कहा है कि पुनर्वास के उपायों से यह सुनिश्चित होना चाहिए कि विस्थापित व्यक्तियों का पुनर्वास उन्हीं मूल स्थानों पर किया जाए जहां से वे विस्थापित हुए थे। हिंसा में लापता हुए व्यक्तियों का पता लगाने के लिए भी तत्काल प्रयास किए जाने की जरूरत है। समय बीतने के साथ साथ उनका पता लग पाना और भी मुश्किल होता जाएगा। सभी स्कूलों में पढ़ाई लिखाई बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। जेलों में बंद कैदियों विशेषकर आदिवासी कैदियों की सुरक्षा पूरी तरह से सुनिश्चित की जाए।
सभी स्तरों पर प्रत्येक छात्र के पहचान पत्र, मार्कशीट, डिप्लोमा और डिग्री आदि सहित शैक्षणिक रिकॉर्ड की प्रतियों की बहाली और उपलब्धता के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।
राहत शिविरों में दुधमुंहे बच्चों और शिशुओं के लिए दूध के साथ लैक्टोजेन और सेरेलैक सहित विभिन्न तरह के शिशु आहार समुचित तौर पर उपलब्ध नहीं हैं। उन की महत्वपूर्ण आपूर्ति की व्यवस्था की जानी चाहिए।
ADVERTISEMENT